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एसएपी: भारत की कम्पनियाँ एआई के जरिए कारोबार में ला रही हैं बेहतरीन बदलाव

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जयपुर,, दिव्यराष्ट्र/ मुंबई में एसएपी नाऊ एआई टूर के तहत हुए कार्यक्रम में एसएपी इंडिया ने बताया कि अब भारत की कंपनियाँ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को अपनाकर अपने काम को और बेहतर बना रही हैं। एआई के प्रचार से वास्तविक दुनिया की ओर बढ़ते हुए, भारत की कंपनियाँ अब एआई को अपने कामकाज में शामिल कर रही हैं। एआई अब सीधे तौर पर कंपनियों की स्ट्रेटेजी और रोज़मर्रा के कामकाज का हिस्सा बन चुका है। इस वजह से 2025 को एआई के शानदार नतीजों वाला साल माना जा रहा है।
एंटरप्राइज़ एप्लिकेशन्स और बिज़नेस एआई के क्षेत्र में प्रमुख कंपनी- एसएपी, मार्केट कैपिटलाइजेशन के हिसाब से इस वर्ष यूरोप की सबसे बड़ी कंपनी बन गई है। भारत में यह 1996 से काम कर रही है और तब से लेकर अब तक इसने कई क्षेत्रों की कंपनियों के नवाचार और विकास को बढ़ावा दिया है। महिंद्रा एंड महिंद्रा, एशियन पेंट्स, विप्रो, इंफोसिस, वहदम टीज़, ओला, वेकफिट, देहात और जैक्वार जैसे कई जाने-माने ब्रांड्स के साथ काम करते हुए एसएपी ने देश में आर्थिक रूप से बेहतर प्रभाव डाला है।
एसएपी इंडिया ने मार्च 2024 से मार्च 2025 तक के बीच एक साल में जो अध्ययन किया, उसके अनुसार भारत में एआई का सबसे ज्यादा उपयोग इन कामों के लिए किया गया है:
एआई-जनरेटेड विज़ुअल इनसाइट्स, सारांश और अनुवाद
एआई-असिस्टेड प्रोसेस एनालिसिस
अव्यवस्थित डेटा से सेल्स ऑर्डर तैयार करना
प्रेडिक्टिव फोरकास्टिंग
नेचरल लैंग्वेज क्वेरीज़
एसएपी इंडियन सबकॉन्टिनेंट के प्रेसिडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर, मनीष प्रसाद ने कहा, “किसी भी ऑर्गेनाइज़ेशन के लिए डेटा की गहरी समझ बेहद जरूरी होती है, क्योंकि यही समझ फाइनेंस, खरीदारी, सप्लाई चेन, एम्प्लॉयीज़ और दूसरे जरुरी कामों को बेहतर तरीके से आगे बढ़ाने में मदद करती है। हम अपने ग्राहकों को ऐसे स्मार्ट और बेहतर बिज़नेस बनने में मदद कर रहे हैं, जहाँ एआई एजेंट्स हर काम में जुड़े होते हैं। हम न सिर्फ काम करने, बल्कि पूरे बिज़नेस को चलाने के तरीके में बदलाव ला रहे हैं, और यह बदलाव भारत में किया जा रहा है, ताकि इसका फायदा पूरी दुनिया को मिल सके।”
एआई- ‘मेड इन इंडिया फॉर द वर्ल्ड’
भारत, एसएपी के पोर्टफोलियो में कुल 400 एम्बेडेड एआई यूज़ केस तक पहुँचने के वैश्विक लक्ष्य में साथ दे रहा है, जिसमें वर्तमान में 210 से अधिक जनरेटिव एआई यूज़ केस शामिल हैं। भारत में एसएपी लैब्स, जो जर्मनी के बाहर दूसरा सबसे बड़ा रिसर्च सेंटर है, एआई को-पायलट ‘जूल’ को बनाने में अहम् भूमिका निभा रहा है।
हाल ही में लॉन्च हुए एसएपी बिज़नेस डेटा क्लाउड ने एआई से जुड़ी कई नई तकनीकें पेश की हैं। इससे कंपनियाँ सिर्फ ऑटोमेशन तक सीमित नहीं हैं, बल्कि अब वे बड़ी से बड़ी समस्याओं का समाधान भी सरलता से कर पा रही हैं। इसके जरिए पूरे ऑर्गेनाइज़ेशन में कामकाज बेहतर हो रहा है, गति बढ़ रही है और नए विचारों को भी बढ़ावा मिल रहा है।
एसएपी बिज़नेस एआई के लाभ* विप्रो
प्रमुख टेक्नोलॉजी सर्विसेस और कंसल्टिंग कंपनी विप्रो लिमिटेड ने बताया है कि उसने एसएपी के जूल फॉर कंसल्टेंट्स को अपनाया है। इसका उद्देश्य अपने वैश्विक ग्राहकों को जनरेटिव एआई की ताकत से और अधिक सक्षम बनाना है। इस साझेदारी के माध्यम से दोनों कंपनियाँ एक मजबूत, सुरक्षित और टिकाऊ भविष्य की दिशा में काम कर रही हैं।
विप्रो में एसएपी के वाइस प्रेसिडेंट और ग्लोबल प्रैक्टिस हेड, श्रीनिवास साई निदाधवोलू ने कहा, “हमारे ग्राहक दुनियाभर में क्लाउड के जरिए डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन कर रहे हैं। टेक्नोलॉजी और कंसल्टिंग में हमारी खास समझ है, और डेटा व एआई के क्षेत्र में भी हमारी मजबूत पकड़ रही है। अब हम अपनी टीमों के लिए भी जनरेटिव एआई अपना रहे हैं, जिससे काम की रफ्तार बढ़े, बेहतर तरीके अपनाए जाएँ और ग्राहकों को तेज़ और असरदार सेवाएँ मिलें। एसएपी जौल फॉर कंसल्टेंट्स के जरिए हम न सिर्फ बिज़नेस में एआई की ताकत दिखा रहे हैं, बल्कि अपने ग्राहकों की सफलता की राह भी आसान बना रहे हैं।”

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