
त्योहारों के सीजन से पहले हाउसिंग गतिविधियों में बढ़ोतरी की उम्मीद
नई दिल्ली, दिव्यराष्ट्र*/वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की 56वीं बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 अगस्त 2025 को घोषित सुधारों को मंजूरी दी गई। ये सुधार मील का पत्थर माने जा रहे हैं, क्योंकि ये आम जनता पर कर बोझ कम करने, व्यवसायों के लिए अनुपालन को सरल बनाने और समग्र आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने पर केंद्रित हैं।
भारत का रियल एस्टेट क्षेत्र इस कदम का उत्साहपूर्वक स्वागत कर रहा है। विशेषज्ञों ने विशेष रूप से यह ध्यान दिया कि सीमेंट और मार्बल पर जीएसटी 28% से 18% और ग्रेनाइट ब्लॉक्स पर 12% से 5% तक घटाने से हाउसिंग यूनिट्स की कुल लागत में कमी आएगी, जिससे होमबायर्स को काफी लाभ होगा।
सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड के संस्थापक और अध्यक्ष प्रदीप अग्रवाल ने कहा, “हम जीएसटी परिषद के इस दर समायोजन कदम का त्योहारों के सीजन से पहले पूरे दिल से स्वागत करते हैं। कर बोझ में कमी आम जनता के लिए बड़ी राहत लेकर आती है।”
उन्होंने आगे कहा, “यह सुधार हाउसिंग सेक्टर को एक बड़ा बढ़ावा देता है और घरों के स्वामित्व को व्यापक आबादी के लिए अधिक सुलभ बनाता है।”
कृष्णा ग्रुप और क्रिसुमी कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष अशोक कपूर ने कहा, “जीएसटी परिषद का अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों को लागू करने का निर्णय भारत के कर ढांचे को सरल बनाने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। रियल एस्टेट के लिए ये सुधार विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इससे निर्माण सामग्री पर कर कम होगा, घरों का निर्माण सस्ता होगा, डेवलपर्स के लिए अनुपालन आसान होगा और होमबायर्स के लिए समग्र रूप से हाउसिंग की कीमतें बेहतर होंगी।”
ऐशटेक ग्रुप के निदेशक सुमित अग्रवाल ने कहा, “सीमेंट, मार्बल और अन्य प्रमुख इनपुट्स पर जीएसटी कम करने का सरकार का कदम रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर दोनों में निर्माण लागत को काफी कम करेगा। यह कदम न केवल डेवलपर्स के बोझ को कम करेगा, बल्कि मांग को भी प्रोत्साहित करेगा और पूरे उद्योग को मजबूत बढ़ावा देगा।”
साया ग्रुप के प्रबंध निदेशक विकास भसीन ने कहा, “हम सरकार के व्यापक जीएसटी दर समायोजन निर्णय का स्वागत करते हैं, जिससे आम जनता को लाभ होगा। सीमेंट पर जीएसटी में कमी भी एक सकारात्मक कदम है और इससे निर्माण लागत कम करने में मदद मिलेगी। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि निर्माण सामग्री कुल रियल एस्टेट परियोजनाओं की लागत का केवल 25–30% हिस्सा है, और सीमेंट सिर्फ कई इनपुट्स में से एक है। इसलिए, इसका अंतिम कीमतों पर प्रभाव सीमित रहेगा।”
टैक्समैनेजर.इन के फाउंडर और सीईओ दीपक कुमार जैन ने कहा, “रियल एस्टेट, जो सबसे अधिक श्रम-प्रधान क्षेत्रों में से एक है, मुख्य निर्माण सामग्री जैसे सीमेंट, टाइल्स और अन्य इनपुट्स पर जीएसटी दर 28% से 18% तक घटने से काफी लाभ उठाएगा। इससे समग्र निर्माण लागत कुछ हद तक कम होगी। उम्मीद है कि डेवलपर्स इन लाभों को होमबायर्स तक पहुंचाकर प्रॉपर्टी की कीमतों में कमी करेंगे, जो पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ी हैं।”