दुनिया के कई देशो ने उनको अपना सर्वोच्च पुरस्कार देकर सम्मानित किया
(दिव्यराष्ट्र के लिए डॉ. लोकेश कुमार)
जयपुर। दिव्यराष्ट्र/ भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व को पूरा विश्व स्वीकार कर रहा है। एक सर्वे में उनको दुनिया का सबसे लोकप्रिय नेता करार दिया गया है। इतना ही नहीं कई देशो ने उनको अपना सर्वोच्च पुरस्कार देकर सम्मानित किया है। हाल ही में कुवैत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 20 वां अन्तरराष्ट्रीय सम्मान” ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर” प्रदान किया है। यह सम्मान राष्ट्राध्यक्षों, विदेशी शासकों और विदेशी शाही परिवारों को दिया जाता है। इससे यह पता चलता है कि उनकी लोकप्रियता अन्य देशों के साथ-साथ इस्लामिक देशों में भी बढ़ी है। यह सम्मान उनके दूरदर्शी इरादों, भारत की बढ़ती ताकत और सशक्त विदेश नीति के कारण किया है.. उनका प्रभाव दुनिया के सभी देशों में बढ़ता जा रहा है। उनकी लोकप्रियता पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में बढ़ती जा रही है। वहां के निवासी भी अब दबी जुबानमें कहने लगे है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को भी भारत के प्रधानमंत्री मोदी से कुछ सीख लेनी चाहिए। उनके नेतृत्व में आज भारत कहां से कहां पहुंच रहा है? वे सवाल उठाते हुए कहते है कि हमारे प्रधानमंत्री ऐसा क्यों नहीं करते? वे कहते है कि हमारे रिश्तेदार भारत में रहते हैं । वे बताते हैं कि उनको वहां पर कितनी सुविधाएं सरकार उपलब्ध करवा रही है? प्रधानमंत्री आवास योजना, खाद्य सुरक्षा योजना के तहत उनको भोजन के लिए चावल- गेहूं दिया जा रहा है। आपको बताते जाए कि प्रधानमंत्री मोदी को सबसे पहले इस्लामिक देश सऊदी अरब ने अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान 2016 में “किंग अब्दुल अजीज सैश “ से नवाजा था। इसके बाद अफ़ग़ानिस्तान देश ने अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान 2016 में “ अमीर अमानुंल्लाह खान पुरस्कार”, फिलिस्तीन ने 2018 में अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान “गैंड कॉलर ऑफ द स्टेट ऑफ फिलिस्तीन “,2019 में बहरीन का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार” द किंग हमाद ऑर्डर ऑफ द रिनेसां “ मालदीव ने 2019 में “निशान इज्जुद्दीन सम्मान” से सम्मानित किया था..इस्लामिक देशों के अलावा रूस ने 2019 में “ ऑर्डर ऑफ एंड्रयू द एपोस्टल”, 2020 में संयुक्त राज्य अमेरिका ने 2020 में “यूनाइटेड स्टेट आर्ड फोर्सेस अवार्ड “ और “लीजन ऑफ मेरिट” 2023 में पलाऊ देश का एबाकल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमारी विदेश नीति और कुटनीतिक पहुंच को विशेष महत्व प्रदान किया गया है। पारंपरिक सम्बंधों को पुनर्जीवित करना, रणनीतिक संबंधों को फिर से स्थापित करना और विदेशों में रहने वाले भारतीयों तक पहुंचना भारतीय कूटनीति की प्राथमिकता में लिया गया है। उनकी विदेश नीति का ही कमाल है कि आज विश्व के अधिकतर देश भारत के गुणगाण करने में जुटे हुए हैं। मोदी सरकार की इस विदेश नीति को” मोदी सिद्धांत” भी कहा जाने लगा है। उनकी विदेश नीति का अहम हिस्सा है कि सौहार्दपूर्ण संबंधों और सक्रियात्मक आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए पड़ोस पहले होगा। उन्होंने पड़ोसी देशों से अच्छे सम्बंध बनाए रखने पर जोर दिया। भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ विविध सम्बंध रहे हैं, जिनमें से कुछ विभिन्न भू.राजनीतिक और क्षेत्रीय विवादों के कारण ऐतिहासिक रूप से तनावपूर्ण बने हुए हैं। पाकिस्तान के साथ भारत के सम्बंध मधुर नहीं है क्योंकि पाकिस्तान हमेशा भारत की पीठ पर चाकू घोपने जैसा कार्य करता रहा है। जब- जब मधुर सम्बंध बनने लगे तभी पाकिस्तान की ओर से कुछ ऐसा किया गया, जिससे सम्बंधों में कटुता आ जाती है। इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि पड़ोसी मुल्क जिस भाषा में समझे, हम उसी भाषा में उसे समझाएंगे। चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद और रणनीतिक प्रतिद्वंद्विता के साथ भारत के संबंध जटिल रहे हैं। भारत ने इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव पर चिंता व्यक्त कर रहा है। दोनों देश अपने आर्थिक सहयोग में भी लगे हुए हैं और राजनयिक प्रयासों के माध्यम से अपने सीमा विवादों को हल करने का प्रयास लगातार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति में मुख्य तत्व यह है कि अपने राष्ट्रीय हितों का पालन करते हुए सभी राष्ट्रों के साथ मैत्रीपूर्ण सम्बंध बनाए रखने के सिद्धांत पर आधारित है। भारत हमेशा दुनिया में शांति और स्थिरता का समर्थक रहा हैं और इसकी विदेश नीति लोकतंत्र के मूल्यों, मानवाधिकारों के सम्मान और बहुपक्षवाद द्वारा निर्देशित है। मोदी सरकार की विदेश नीति की प्राथमिकता है कि पड़ोसी देशों के साथ अपने सम्बंधों को मजबूत करने, प्रमुख शक्तियों के साथ साझेदारी विकसित करने,आर्थिक कूटनीति को बढ़ाने और सांस्कृतिक एवं शैक्षिक आदान.प्रदान के माध्यम से अपनी सॉफ्ट पावर को बढ़ावा देने पर केन्द्रित है। भारत संयुक्त राष्ट्र संघ , जी 20 और विश्व व्यापार संगठन सहित अंतरराष्ट्रीय संगठनों में भी सक्रिय भूमिका निभा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यों को पूरी दुनिया सलाम कर रही है। उनकी योजनाएं भारत का भविष्य उज्जवल बनाने में जुटी हुई है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के 100 वीं जयंती पर मध्यप्रदेश के खुजराहो में केन.बेतवा नदी जोड़ो परियोजना की नींव रखी है। नदी से नदी जोड़ने का सपना अटल बिहारी वाजपेयी का था। उन्होंने इस पर कार्य भी शुरू कर दिया था, लेकिन उनके बाद यह काम ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। क्योंकि इसके प्रभाव से देश में बाढ़ और अकाल से किसानों को मुक्ति मिल जाती। लेकिन इसका लाभ अटल बिहारी वाजपेयी की पार्टी को ही मिलता, इसलिए दूसरी पार्टी की सरकार ने इस योजना को बंद करना ही उचित समझा। प्रधानमंत्री मोदी ने इस योजना की नींव रखने से मध्यप्रदेश के 10 जिलों के 44 लाख और उत्तर प्रदेश के 21 लाख लोगों को पीने का पानी मिलेगा। इस परियोजना की लागत लगभग 44,605 करोड़ रूपए आना बताई जा रही है। इससे 2000 गांवों के 7.18 लाख किसान परिवारों को फायदा मिलेगा। साथ ही 103 मेगावाट जलविद्युत और 27 मेगावाट और सौर ऊर्जा भी बनेगी। बहरहाल यही कहा जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व देश विकास की नई राह पर निकल पड़ा है जिसको विश्वभर के लोग इस्तकबाल कर रहे हैं।