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अपने तन और मन को पोषण दें: श्रावण के दौरान स्वस्थ रहने के लिए खानपान की आदतें

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मुंबई, दिव्यराष्ट्र/ श्रावण भारत में एक विशेष और पावन महीना है जब भगवान शिव के भक्त उपवास रखते हैं, प्रार्थना करते हैं और उनका आशीर्वाद पाने के लिए भक्ति की राह पर चलते हैं। इस समय कई लोग एक विशेष तरह का भोजन ग्रहण करते हैं, जिसमें वे सिर्फ फल और दूध या फिर बिना नमक, प्याज, लहसुन, अनाज का सेवन करते हैं। श्रावण का महीना मानसून के मौसम के साथ आता है, जो शरीर को शुद्ध करने और स्वस्थ बनाए रखने के लिए एक अच्छा समय होता है। श्रावण के दौरान भक्तों की मदद करने के लिए, स्वास्थ्य का ध्यान रखने वाला ब्रांड सफोला पेश करता खानपान की अच्छी आदतें और अच्छे स्वास्थ्य के लिए एक सोच जो भक्ति को पोषण से जोड़ती है।

इस श्रावण के मौसम में आप इन तीन आसान चरण को अपनी रोज की दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं:

स्मार्ट फैट से अपने उपवास में ऊर्जा भरें*

फैट ऊर्जा का बेहतरीन स्रोत है, जो आपको हल्का रखता और जोश से भरपूर बनाए रखता है। अपनी डाइट में अच्छे फैट को शामिल करना एक अच्छा कदम है। खाने के बीच बादाम, अखरोट, काजू, पिस्ता और मखाने खाएँ। ये फूड फाइबर और जरूरी पोषक तत्वों से भरे होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल कम करने में भी मदद करते हैं। अगर आप तले हुए स्नैक्स का आनंद लेना चाहते हैं, तो उन्हें संतुलित मात्रा में ही खाएँ और ऐसे स्नैक्स चुनें जो मिश्रित तेलों से बने हों जैसे कि सफोला गोल्ड। इसमें मूफा (मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड) और पूफा (पॉली अनसैचुरेटेड फैटी एसिड) के साथ-साथ जरूरी विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो स्नैक्स खाने के बेहतर अनुभव के लिए इसे सही तेल बनाते हैं। हालांकि, पाम ऑयल,डालडा और मार्गरीन से बनी खाने की चीजों का सेवन करते समय ध्यान रखें, क्योंकि ये हानिकारक फैट आपको सुस्त बना सकते हैं और आपके उपवास के जोश को कम कर सकते हैं।

मौसमी और पौष्टिक फूड से अपना उपवास स्वाद भरा बनाएं*

मौसमी फल-सब्जियाँ न केवल आपके उपवास के दौरान आपके शरीर को ऊर्जा देते हैं बल्कि अपने साथ स्वास्थ्य के ढेर सारे फायदे भी लेकर आते हैं। अंगूर, लीची, नाशपाती, अनार, नारियल और सिंघाड़े जैसे ताजे फलों में फाइबर, जरूरी पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं। इस पवित्र मौसम के दौरान ये आपको तरोताजा और हाइड्रेटेड बनाए रखने में मदद करते हैं। आप इन्हें ऐसे ही खा सकते हैं या फिर थोड़ा सा चाट मसाला छिड़क कर इससे आप रंग-बिरंगे फलों की चाट बना सकते हैं या फिर ताज़ा फलों का जूस बना सकते हैं। मौसमी सब्जियाँ जैसे शकरकंद, लौकी, परवल, अरबी या टारो रूट से स्वादिष्ट पकवान बनाये जा सकते हैं जैसे शकरकंद की टिक्की या अरबी की टिक्की। कई तरह से इस्तेमाल की जाने वाली इन सब्जियों का मजा आप मिठाई की तरह भी ले सकते हैं जैसे लौकी की खीर या सिंघाड़े का शीरा। चाहे इन्हें ऐसे ही खाएं या इनके पकवान बनाएं, फल और सब्जियां आपको उपवास के दौरान स्वस्थ और ऊर्जावान बने रहने में मदद करेंगी।

खाने में नमक और चीनी का इस्तेमाल समझदारी से करें और अपना उपवास पूरा करें

उपवास के दौरान कम नमक और चीनी खाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है. ज्यादा नमक खाने से डीहाइड्रेशन हो सकता है और ज्यादा मीठा खाने से कैलोरी बढ़ सकती हैं और पोषक तत्व कम हो सकते हैं। इसलिए, समझदारीइसी में हैं कि इनका सेवन करते समय हमेशा ध्यान रखें और इनकी जगह अन्य विकल्पों का आनंद लें उदाहरण के लिए, उपवास के दौरान, चीनी की जगह गुड़ का सेवन करने की सलाह दी जाती है, जो आयरन से भरपूर होता है और यह आपके पकवानों को मीठा बनाता है। आप इसका इस्तेमाल हलवा, खीर या लस्सी में भी कर सकते हैं। खजूर को भी चीनी की जगह इस्तेमाल किया जा सकता हैं और मीठा खाने की आपकी इच्छा को कम करने में मदद कर सकता है।

बहुत ज्यादा सोडियम का सेवन करने से रक्तचाप का स्तर बढ़ सकता है, इसलिए स्वस्थ विकल्प चुनना जरूरी है। उपवास के दौरान आप साधारण नमक की जगह सेंधा नमक ले सकते हैं, जिसे रॉक सॉल्ट भी कहा जाता है। चिप्स, नमकीन और अचार जैसे ज्यादा सोडियम वाले स्नैक्स से बचना जरूरी है। इन आसान बदलावों से आप उपवास के दौरान स्वस्थ और ऊर्जावान रह सकते हैं।

भक्ति के इस मौसम में अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए जानकारी रखना और सही कदम उठाना बेहद जरूरी है। खानपान की अच्छी आदतें अपनाना, आप जो खाते हैं उसके प्रति सचेत रहना और रोज का हेल्दी स्टेप लेना, अच्छी सोच बनाए रखने के लिए ये महत्वपूर्ण है, जिससे ध्यान केंद्रित करना और ध्यान लगाना आसान हो जाता है। आपका हर फैसला आपके पूरे स्वास्थ्य में योगदान देता है। उपवास के बाद भी इन स्वस्थ आदतों को अपनी दिनचर्या में शामिल रखना एक समझदारी भरा फैसला है।

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