Home बिजनेस निहिलेंट ने सदियों पुराने ज्ञान पर आधारित नए जमाने के इमोशन एआई...

निहिलेंट ने सदियों पुराने ज्ञान पर आधारित नए जमाने के इमोशन एआई इंजन–इमोस्केप के लॉन्च की घोषणा की

0

पुणे, दिव्यराष्ट्र/ निहिलेंट लिमिटेड दुनिया में बिजनेस का स्वरूप बदलने और डिजिटल इनोवेशन में सबसे आगे है, जिसने इमोस्केप के लॉन्च की घोषणा की। इमोस्केप दुनिया को नई राह दिखाने वाला इमोशन एआई इंजन है, जो इंसान की भावनाओं के विज्ञान और अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी को एक-साथ जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम है। नए जमाने के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से चलने वाले इमोस्केप की जड़ें भावनाओं के बारे में भारत के सदियों पुराने विचारों से जुड़ी हैं, जो इंसानी जज़्बातों को समझने, उसे पैमाने पर मापने और अलग-अलग क्षेत्रों में लागू करने के तरीकों को नई परिभाषा देने वाला है।
इमोस्केप इंसानी जज़्बातों का पता लगाने और उसका सही मतलब बताने वाला दुनिया का पहला एआई प्लेटफ़ॉर्म है, जो भावनाओं का पता लगाने और उनकी व्याख्या करने में सक्षम है। ये प्लेटफ़ॉर्म इंसान के रवैये और उसकी गतिविधियों के बारे में बताने वाले एक प्राचीन भारतीय ग्रंथ, नाट्यशास्त्र (नाटक के पीछे का विज्ञान) में बताई गई 9 तरह की भावनाओं पर आधारित है। ये प्लेटफ़ॉर्म 3डी मोशन कैप्चर और एडवांस्ड एआई एल्गोरिद्म का उपयोग करता है और शरीर की छोटी-से-छोटी गतिविधियों की मैपिंग करके इंसान की भावनात्मक अवस्थाओं का सटीक तरीके से पता लगाता है। इस नॉन-इनवेसिव तकनीक के लिए बस एक कैमरे के अलावा किसी तार, सेंसर या मैन्युअल इनपुट की जरूरत नहीं होती है— इसी खूबी की वजह से इसका उपयोग स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, खेल-कूद, मार्केटिंग, कॉर्पोरेट वेल-बीइंग और इसी तरह के बहुत से क्षेत्रों में बड़ी आसानी से किया जा सकता है और अपनाया जा सकता है।
निहिलेंट के संस्थापक एल. सी. सिंह ने घोषणा के मौके पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा: “निहिलेंट में, हमारा हमेशा से यह मानना रहा है कि टेक्नोलॉजी को इंसान के बड़े उद्देश्यों को पूरा करने में मददगार होना चाहिए। हम इमोस्केप ज़रिये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के एक नए पहलू को दुनिया के सामने ला रहे हैं – जो इंसानों के आपसी संपर्क में गहराई से बसी भावनाओं को पहचानता है और उसका सम्मान करता है। ये प्लेटफ़ॉर्म इंसानी जज़्बातों के बारे में भारत के पारंपरिक सिद्धांतों और नए जमाने के एआई इनोवेशन की बेमिसाल जुगलबंदी है। नाट्यशास्त्र ने सदियों से भावनाओं के बारे में हमारी समझ को आकार दिया है, जो आज के दौर में टेक्नोलॉजी पर आधारित एप्लीकेशंस में भी उपयोगी साबित हुआ है। सचमुच, ये उद्योग जगत को इंसानी जज़्बातों के साथ जुड़ने के तरीके को नया रूप दे सकता है। बात चाहे स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा या खेलकूद की हो, या फिर वर्कप्लेस वेलनेस की बात हो; इमोस्केप स्पष्टता, हमदर्दी और जज़्बातों की समझ को डिजिटल इंटरेक्शन में सबसे आगे लाता है।”
इमोस्केप को ऐसे कामकाजी लोगों के लिए बनाया गया है जो बेहतर और अधिक समझदारी भरा फैसला लेने के लिए अपने दिल की सुनते हैं, जिनमें चिकित्साकर्मी, शिक्षक, परफॉर्मेंस कोच, मार्केटर्स और लीडरशिप कन्सल्टेंट्स शामिल हैं। इमोस्केप की मुख्य विशेषताएँ इस प्रकार हैं:
• एआई की मदद से इंसान की 9 प्रमुख भावनाओं की पहचान
• नॉन-इनवेसिव, संपर्क-रहित तकनीक
• भावनात्मक अवस्थाओं और लक्षणों का विश्लेषण
जाने-माने मनोचिकित्सक, अभिनेता एवं शिक्षाविद, डॉ. मोहन अगाशे ने इसकी उपयोगिता की हिमायत करते हुए कहा: “एक मनोचिकित्सक होने के नाते मैंने इंसानी जज़्बातों का अनुभव किया है, और एक अभिनेता के रूप में मैंने उन्हें जिया है। अपने अनुभव से मैं बता सकता हूँ कि, अगर इमोस्केप का सही तरीके से उपयोग किया जाए तो यह आधुनिक विज्ञान के लिए एक मूल्यवान संपत्ति बन सकती है।”
इमोस्केप सदियों पुराने ज्ञान और इमोशन एआई का बेजोड़ संगम है। इससे जाहिर होता है कि ऐसी टेक्नोलॉजी बनाना ही निहिलेंट का विज़न है, जो मायने रखे और इंसानों को अहमियत देने वाली टेक्नोलॉजी पर आधारित हो और समस्याओं का समाधान निकालने के साथ-साथ लोगों के बीच आपसी जुड़ाव को भी बेहतर बनाए। ब्रांड के आइडेंटिटी स्टेटमेंट, “व्हेन इमोशंस फेस यू” और टैगलाइन “व्हेयर इमोशंस आर रिवील्ड” के तहत इमोस्केप के लॉन्च की घोषणा की गई, जो आज के डिजिटल जमाने में इमोशनल विजिबिलिटी की दिशा में एक साहसिक बदलाव को दर्शाता है।

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version