Home एजुकेशन नवरचना यूनिवर्सिटी की प्रदर्शनी शुरु हुई

नवरचना यूनिवर्सिटी की प्रदर्शनी शुरु हुई

139 views
0
Google search engine

नवरचना युनिवर्सिटी की विंटर(शीतकालीन) स्कूल प्रदर्शनी ‘खोज’ शुरु हो गई है। इस वर्ष की प्रदर्शनी में विभिन्न नए 29  प्रोजेक्ट्स शामिल है। यह प्रदर्शनी नवरचना युनिवर्सिटी के अंतर्विषयक सामाजिक कार्यक्रम का एक हिस्सा है। इस प्रदर्शनी में 650  से अधिक छात्रों और प्रोफेसरों द्वारा शुरू किए गए 29 प्रोजेक्ट्स से संबंधित 140 से अधिक पैनल और मॉडल शामिल हैं।”खोज विंटर स्कूल-2023″ प्रदर्शनी 17 जनवरी तक नवरचना यूनिवर्सिटी के परिसर में सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक खुली रहेगी।

नवरचना यूनिवर्सिटी के वडोदरा परिसर में आयोजित “खोज विंटर स्कूल-2023” प्रदर्शनी का उद्घाटन गिफ्ट सिटी के स्वतंत्र निदेशक और स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, नई दिल्ली के पूर्व निदेशक प्रोफेसर चेतन वैद्य ने मंगलवार को किया। इस अवसर पर नवरचना यूनिवर्सिटी के मैनेजमेन्ट(प्रबंधन), शिक्षक और विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थिति रहे थे।

इस प्रदर्शनी के उद्घाटन के अवसर पर नवराचना यूनिवर्सिटी के प्रोवोस्ट (वरिष्ठ प्राध्यापक) प्रत्यूष शंकर ने कहा कि“हमारा मानना है कि, शिक्षण/सीखना मात्र कक्षा तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए। अनुभव ही समस्या-समाधान और जीवन कौशल विकसित करने के एकमात्र तरीके हैं। खोज विंटर स्कूल का उद्देश्य हमारे छात्रों को ऐसे कौशल सीखने के लिए एक ऐसा ही सक्षम वातावरण और बेहतर अवसर प्रदान करना है। मुझे विश्वास है कि विद्यार्थियों द्वारा अपनी फैकल्टी के कुशल मार्गदर्शन में शुरू किए गए नए प्रोजेक्ट्स वास्तविक दुनिया की कई समस्याओं का समाधान खोजने में काफी मदद करेंगी।”

नवराचना यूनिवर्सिटी की अध्यक्षा श्रीमती तेजल अमीन ने अपने संबोधन में कहा कि, “खोज विंटर स्कूल प्रदर्शनी के लिए छात्रों के बीच इतना उत्साह देखना बहुत ही सराहनीय है। इसमें न केवल विद्यार्थी बल्कि फैकल्टी के सदस्यों ने भी छात्रों को समस्याओं का सर्वोत्तम समाधान खोजने के लिए उत्साहपूर्वक प्रेरित किया हैं।”

“खोज विंटर स्कूल 2023” प्रदर्शनी में 29 प्रोजेक्ट्स में 620 छात्रों की सक्रिय भागीदारी देखी गई, जिसमें व्यापक क्षेत्रीय अध्ययनों के माध्यम से गंभीर सामाजिक समस्याओं पर प्रकाश डाला गया है, जिसका उद्देश्य समाधान ढूंढना या समझ बढ़ाना था।

खोज विंटर स्कूल की प्रमुख डॉ. प्रकृति शाह ने कहा कि, “यह प्रोजेक्ट्स वडोदरा के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में चलाई गईं और इसमें सार्वजनिक स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य,  स्वच्छता,  पर्यावरण और स्थिरता, अपशिष्ट प्रबंधन, शहरी विकास, अर्थशास्त्र और विभन्न सामाजिक मुद्दे शामिल थे। इस प्रदर्शनी में प्रदर्शित पैनल और मॉडल परियोजनाओं के परिणाम दर्शाते हैं।”

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here