मुंबई, दिव्यराष्ट्र*: नारायणा हेल्थ एसआरसीसी चिल्ड्रन हॉस्पिटल, मुंबई ने चार साल के बच्चे में पाए गए दुर्लभ और तेजी से बढ़ने वाले बचपन के कैंसर — बर्किट लिम्फोमा — का सफल इलाज किया। यह उपलब्धि अस्पताल की उन्नत बाल कैंसर विशेषज्ञता और बहु-विषयक देखभाल की क्षमता को उजागर करती है।
बच्चे के माता-पिता ने उसके पेट के दाएँ निचले हिस्से में तेजी से बढ़ती गांठ देखी और तुरंत उसे अस्पताल ले आए। सिर्फ एक हफ्ते में गांठ का आकार काफी बड़ा हो गया था, जिसके चलते तुरंत जांच की गई। बच्चे की यूएसजी-गाइडेड बायोप्सी और कुछ अन्य प्रारंभिक जांचें — जैसे सीबीसी, एलडीएच और पीईटी-सीटी — कराई गईं ताकि ट्यूमर का चरण पता लगाया जा सके। जांच में पुष्टि हुई कि बच्चे को स्पोरैडिक बर्किट लिम्फोमा है, जो एक दुर्लभ और तेजी से बढ़ने वाला नॉन-हॉजकिन लिम्फोमा है और बी-सेल्स को प्रभावित करता है।
बीमारी के गंभीर चरण को देखते हुए बच्चे को गहन, बहु-आयामी उपचार दिया गया, जिसमें आक्रामक कीमोथेरपी, रिटक्सीमैब आधारित इम्यूनोथेरपी, स्पाइन के माध्यम से दी जाने वाली इंट्राथीकल कीमोथेरपी और सर्जरी शामिल थीं। रिटक्सीमैब (एक एंटी-सीडी 20 एंटीबॉडी) कैंसर-ग्रसित बी-सेल्स को निशाना बनाने में मदद करता है, लेकिन इससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए बच्चे की लगातार निगरानी और सशक्त सहायक देखभाल की व्यवस्था की गई।
लगभग आठ महीने तक चले इलाज के दौरान बच्चे को कई बार फीब्राइल न्युट्रोपेनिया हुआ, जो कीमोथेरपी का एक सामान्य लेकिन संभावित रूप से जानलेवा साइड इफेक्ट है। हालांकि, अस्पताल की मजबूत सहायक देखभाल प्रणाली के चलते इन जटिलताओं का सफल प्रबंधन किया गया, जिससे उपचार निर्बाध रूप से पूरा हो सका।
सर्जरी के बाद, जिसमें ट्यूमर को पूरी तरह हटाया गया, बच्चे ने समेकन कीमोथेरपी (प्राथमिक उपचार के बाद दी जाने वाली अतिरिक्त कीमोथेरपी) पूरी की और अब वह रोगमुक्त है। वर्तमान में बच्चे की नियमित निगरानी की जा रही है, जिसमें हर महीने ब्लड टेस्ट और हर तीन महीने पर इमेजिंग शामिल है, ताकि उसकी स्वास्थ्य स्थिति निरंतर स्थिर बनी रहे।
डॉ. प्रीति मेहता, सीनियर कंसल्टेंट, पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी, हीमाटो-ऑन्कोलॉजी और बीएमटी, एसआरसीसी चिल्ड्रन हॉस्पिटल ने कहा, “बर्किट लिम्फोमा एक तेजी से बढ़ने वाला कैंसर है, लेकिन समय पर पहचान, सघन इलाज और व्यापक सहायक देखभाल से हम 90 प्रतिशत से अधिक रोग-मुक्ति दर प्राप्त कर सकते हैं। यह मामला दिखाता है कि ऐसे जटिल मामलों को संभालने में पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजिस्ट, ऑनकोसर्जन और क्रिटिकल केयर टीम के बीच तालमेल कितना महत्वपूर्ण है।”
डॉ. जुबिन पेरेरिया, फैसिलिटी डायरेक्टर, नारायणा हेल्थ एसआरसीसी चिल्ड्रन हॉस्पिटल ने कहा, “हमारा मिशन है कि हर बच्चे को, चाहे उसकी स्थिति कितनी भी जटिल क्यों न हो, विश्वस्तरीय और साक्ष्य-आधारित उपचार मिले। यह सफल परिणाम हमारी टीम की विशेषज्ञता और उन परिवारों तक आशा और स्वास्थ्य पहुँचाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो सबसे चुनौतीपूर्ण चिकित्सा परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं।”
आज बच्चा स्वस्थ है, सक्रिय है और नियमित फॉलो-अप में है — यह इस बात का प्रमाण है कि समय पर हस्तक्षेप, उन्नत उपचार प्रोटोकॉल और संवेदनशील बहु-विषयक देखभाल से जीवन बचाया जा सकता है।