जयपुर, दिव्यराष्ट्र/. राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा समर्थित कृषि निर्यात सुविधा केंद्र (एईएफसी) ने कृषि-निर्यात पर एक व्यापक गाइडबुक तैयार की है, जिसे आधिकारिक तौर पर मंजू राजपाल, आईएएस, सचिव, सहकारिता और आरसीएस, राजस्थान सरकार द्वारा नाबार्ड क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा 26 सितंबर 2024 को जयपुर में आयोजित सहकारी ऋण संरचना की 55वीं उच्च स्तरीय समिति (एचएलसी) / राज्य स्तरीय टास्क फोर्स (एसएलटीएफ) की बैठक के दौरान जारी किया गया।
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा जोधपुर, राजस्थान में “कृषि-निर्यात सुविधा केंद्र (एईएफ़सी) की स्थापना” नामक परियोजना स्वीकृत की गई है, जिसे कृषि क्षेत्र संवर्धन निधि (एफ़एसपीएफ़) के अंतर्गत वित्तीय सहायता प्रदान की गई है और दक्षिण एशिया जैव प्रौद्योगिकी केंद्र (एसएबीसी), जोधपुर द्वारा कार्यान्वित किया गया है।
नाबार्ड से सहायता प्राप्त एईएफसी का उद्देश्य राजस्थान के कृषि निर्यात को बढ़ावा देना और विभिन्न हितधारकों जैसे कृषि-उद्यमियों, कृषि-व्यवसाय संस्थाओं और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के लिए एक संसाधन केंद्र के रूप में कार्य करना है. केंद्र का उद्देश्य निर्यातकों को कृषि वस्तुओं और मूल्य वर्धित उत्पादों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में सफल होने के लिए आवश्यक उपकरण और जानकारी प्रदान करना है।
इस परियोजना के एक महत्वपूर्ण परिणाम के रूप में, परियोजना कार्यान्वयन एजेंसी द्वारा “स्थानीय से वैश्विक तक: कृषि निर्यातक का रोडमैप” नामक एक व्यावहारिक कृषि-निर्यात गाइडबुक विकसित की गई है जो दक्षिण एशिया जैव प्रौद्योगिकी केंद्र के भागीरथ चौधरी और सपना बोहरा द्वारा लिखित है।
डॉ. राजीव सिवाच, मुख्य महाप्रबंधक, नाबार्ड ने कहा कि कृषि-निर्यात गाइडबुक “स्थानीय से वैश्विक तक: कृषि-निर्यातक का रोडमैप” खाद्य में व्यापार की जटिलता का पता लगाने और नेविगेट करने के लिए प्रमुख हितधारकों की सहायता करने का एक प्रयास है। उन्होनें कहा कि उन्हें विश्वास है कि यह गाइडबुक कृषि निर्यात के क्षेत्र में नेविगेट करने के लिए एक महत्वपूर्ण सहयोगी साबित होगी.
इस गाइडबुक में आवश्यक कृषि-निर्यात प्रक्रियाओं की रूपरेखा तैयार की गई है, जिसमें एक कानूनी व्यवसाय स्थापित करने से लेकर भारतीय कृषि उत्पादों को वैश्विक बाजार तक पहुंचाना शामिल है। यह युवा कृषि उद्यमियों को अपने उद्यम शुरू करने और वैश्विक बाजार में अवसरों का पता लगाने के लिए प्रेरित करने के लिए डिज़ाइन की गई व्यावहारिक जानकारी प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त, ग्रामीण समुदाय तक बेहतर पहुंच के लिए गाइडबुक का हिंदी संस्करण तैयार किया जा रहा है।
इस कृषि-निर्यात गाइडबुक के साथ, नाबार्ड का उद्देश्य इच्छुक कृषि-निर्यातकों को अपने लक्ष्यों तक पहुंचने और वैश्विक निर्यात बाजार में हमारे देश के विकास में योगदान करने के लिए सशक्त बनाना है.
गाइडबुक के लेखक और नाबार्ड एग्री एक्सपोर्ट फैसिलिटेशन सेंटर (एईएफसी) के समन्वयक डॉ भागीरथ चौधरी ने कहा कि राजस्थान में उच्च मूल्य वाली फसलों के भरपूर उत्पादन को ध्यान में रखते हुए, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और कृषि निर्यात की संभावना कभी भी अधिक आशाजनक नहीं रही है. उन्होनें इस बात पर जोर दिया कि कृषि-निर्यात गाइडबुक को व्यावहारिक जानकारी के साथ सावधानीपूर्वक तैयार किया गया है ताकि स्थानीय छोटे खेतों और किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) से वैश्विक बाजार तक की यात्रा को सुविधाजनक बनाया जा सके।
कृषि निर्यात गाइडबुक जारी करने के दौरान पुष्पहास पाण्डेय, महाप्रबंधक, नाबार्ड, भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय के प्रतिनिधि, राजस्थान राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड (आरएसटीसीबी) के एमडी, जयपुर, श्रीगंगानगर और जैसलमेर जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों के प्रबंध निदेशक, आरएसटीसीबी के अधिकारी और नाबार्ड, क्षेत्रीय कार्यालय के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।