जयपुर: माउंटेन ड्यू ने अपना 2024 का समर कैम्पेन जारी किया है जिसमें बहादुरी की मिसाल पेश करने वाली एक ऐसी कहानी है जो एक दोस्त की जान बचाने के लिए अपने डर को दरकिनार करने का संदेश देती है। माउंटेन ड्यू के ब्रैंड एंबैसडर, जो कि ब्रैंड के साथ पिछले एक दशक से जुड़े हैं, ब्रैंड की टैगलाइन डर के आगे जीत है के पर्याय बन चुके हैं। माउंटेन ड्यू के असल अंदाज़ को साकार करने वाली इस फिल्म में कई रोमांचकारी स्टंट हैं और साथ ही हैं जोश से भर देने वाली मनोरंजक कहानी।
इस कैम्पेन के बारे में, आकांक्षा दलाल, कैटेगरी हैड, माउंटेन ड्यू, पेप्सिको इंडिया ने कहा कि हम हमेशा से ऐसे ब्रैंड बने रहे हैं जो साहस का प्रतीक है, हमारी टैगलाइन डर के आगे जीत है भी इसी संदेश को दोहराती है और यह केवल हमारे ब्रैंड पर ही लागू नहीं होती बल्कि भारत जैसे देश के मामले में भी सही है जहां लगातार अपनी सीमाओं को आगे धकेलना ही नया मानक है। इस ब्रैंड का हमेशा से यह मानना रहा है कि डर बेशक, स्वाभाविक होता है, लेकिन यह प्रतिरोध को जन्म देता है, लेकिन वास्तव में, साहस है जो हमें खुद को आजाद करने या ‘जीत’ के लिए प्रेरित होता है। अब तक हमने इसे निजी जीत के तौर पर देखा है, लेकिन यह पहला अवसर है जबकि माउंटेन ड्यू ने अपने नए समर कैम्पेन के जरिए ‘उद्देश्यपूर्ण साहस’ के नरेटिव को सामने रखा है। यह किसी की जान बचाने के लिए अपने डर से उबरने की कहानी है। जब आपके पास ‘डर के आगे जीत है’ जैसी टैगलाइन होती है और ऋतिक जैसे ब्रैंड एंबैसडर हों तो तो वह ब्रैंड के ऐसे पर्याय बन जाते हैं कि आपको सही मतलब तलाशने के लिए कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं होती।
फिल्म की शुरुआत एक शहर में आए भयंकर टॉरनेडो (बवंडर) के साथ होती है, जिसमें कुछ दूर कुछ दोस्त एक कैंपसाइट के पास खड़े हैं और वे उस टॉरनेडो से पूरी तरह बेखबर हैं। तभी उनमें से एक (ऋतिक रोशन) की नजर तेजी से उनके नजदीक आ रहे टॉरनेडो पर जाती है और तभी उनका एक दोस्त कार के नीचे फंस जाता है। दहशत से भरे उस पल में उन्हें एक बड़ा फैसला लेना है, या तो टॉरनेडो से दो-दो हाथ करें और दोस्त को टॉरनेडो से बचाएं या फिर अपनी जान बचाकर भाग निकलें। ठीक उस पल ऋतिक माउंटेन ड्यू की तरफ बढ़ते हैं, और गटागट उसे पी जाते हैं और भर जाते हैं ऐसी शक्ति से जो उन्हें अपने दोस्त को बचाने में मदद करती है। दम साधकर देखने वाले इस एक्शन थ्रिलर ने एक बार फिर माउंटेन ड्यू के इस ध्येय वाक्य डर के आगे जीत है को एक बार फिर मजबूती से स्थापित कर दिया है।