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मोरारी बापू ने संयुक्त राष्ट्र में राम कथा को विश्व शांति के लिए समर्पित किया

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न्यूयॉर्क, दिव्यराष्ट्र/ भारत के जाने माने आध्यात्मिक गुरु मोरारी बापू ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में अपने नौ दिवसीय आध्यात्मिक कार्यक्रम को संस्थान को समर्पित किया और विश्व शांति के लिए प्रार्थना की। प्रवचन समाप्त करने के बाद वे संयुक्त राष्ट्र महासभा में गए। वहां उन्होंने गोस्वामी तुलसीदास की रामचरित मानस (रामायण) रखी और वैदिक स्तोत्र का पाठ किया :

ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनःसर्वे सन्तु निरामयाः |सर्वे भद्रान्नि पश्यन्तु माँ कश्चिद्-दुःख-भाग-भवेत्* |

(सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी का जीवन मंगलमय बनें और कोई भी दुःख का भागी न बने।)

इसके बाद हिंदू वैदिक सनातन धर्म के अग्रणी ने अपने प्रवचन के नाम, “वसुधैव कुटुम्बकम” का जाप किया। इसके बाद ‘जय सिया राम’ का पवित्र अभिवादन किया गया। गौरतलब है कि, वसुधैव कुटुम्बकम, एक संस्कृत वाक्यांश है जो महा उपनिषद जैसे हिंदू पवित्र ग्रंथों में पाया जाता है, जिसका अर्थ “विश्व एक परिवार है” होता है।

मोरारी बापू ने न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आध्यात्मिक नौ दिवसीय राम कथा प्रवचन (रामायण वर्णन) का आयोजन किया था। यहां पर यह किसी भी आध्यात्मिक गुरु द्वारा किया गया अपनी तरह का पहला आयोजन था। इस कार्यक्रम का आयोजन 27 जुलाई से 04 अगस्त, 2024 के दौरान हुआ। हिंदू आध्यात्मिक गुरु ने कहा कि, इस प्रवचन के मुख्य श्रोता पांच तत्व – आकाश, जल, पृथ्वी, वायु और अग्नि…थे।

सप्ताह के दौरान, मोरारी बापू ने संयुक्त राष्ट्र की उप महासचिव अमीना जे. मोहम्मद से मुलाकात की। इस दौरान महासचिव ने कहा, “हालांकि आपने पहले संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय भवन की परिक्रमा की थी, लेकिन अब आप इसके ह्रदय में हैं।” उन्होंने कहा कि, इस आयोजन से 17 सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के प्रयासों को बल मिला है।

मोरारी बापू ने भी इस हार्दिक भावना का उत्तर देते हुए कहा कि उनकी “व्यासपीठ सदैव ही विश्व शांति, विश्व प्रगति और विश्व सुख के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ के कार्यक्रम के साथ रहेगी।”

कई साल पहले बापू ने पवित्र नाम का जाप करते हुए संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय की परिक्रमा की थी। इस बार उन्होंने बार-बार इस बात पर जोर दिया कि, विश्व के लीडर्स को छोटे-मोटे एवं अल्प स्वार्थों से ऊपर उठकर इजरायल और यूक्रेन में चल रहे युद्धों को समाप्त करने के लिए पूरा प्रयास करना चाहिए।

इससे पहले 30 जुलाई को कई अग्रणी और जानी-मानी हस्तियों ने इस प्रवचन में भाग लिया। जिनसमें अंतर्राष्ट्रीय मामलों के आयुक्त एडवर्ड मर्मेलस्टीन, अंतर्राष्ट्रीय मामलों के लिए न्यूयॉर्क सिटी मेयर के कार्यालय से अंतर्राष्ट्रीय मामलों के उपायुक्त दिलीप चौहान और उपायुक्त और चीफ ऑफ स्टाफ आइसाटा कैमारा शामिल थे। न्यूयॉर्क सिटी के मेयर कार्यालय ने भी मोरारी बापू की व्यासपीठ को सर्वोच्च सम्मान दिया। न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्यदूत बिनया श्रीकांत प्रधान और संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में काउंसलर और चांसरी प्रमुख सुरेंद्र के. अधाना भी सम्मानित अतिथि थे।

आध्यात्मिक गुरु के उपदेश संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजीएस) विशेष रूप से शांति, पर्यावरणीय स्थिरता और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के अनुरूप थे। उन्होंने राम चरित मानस से उदाहरण देते हुए बताया कि, किस प्रकार इस पवित्र ग्रंथ में सतत विकास लक्ष्यों के विषयों को विस्तार से समझाया गया है तथा उनकी हिमायत की गई है।

राम कथा के समापन दिवस पर, मोरारी बापू ने राम राज्य या आदर्श राजा भगवान राम के शासन की विशेषताओं के बारे में जानकारी दी और बताया कि किस प्रकार ये भी विशेषताएं संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांतों से मेल खाने वाली आदर्श जीवन संहिता का श्रेष्ठ उदाहरण हैं।

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