मुंबई, दिव्यराष्ट्र/किसी भी कहानी में खलनायक न हो, तो वो अधूरी सी लगती है। अभिनय का कमाल ही है जो किसी भी किरदार को और दिलचस्प बनाता है। सन नियो के अपकमिंग शो प्रथाओं की ओढ़े चुनरी: बींदणी की कहानी में जो तूफान लेकर आएगी, वह है रमकुड़ी, एक ऐसा किरदार जो जितना रहस्यमय है, उतना ही मनोरंजक भी। इस दिलचस्प भूमिका में नजर आएँगी जानी-मानी टीवी अदाकारा मोनिका खन्ना, जो अपनी अभिनय कला से इस किरदार में जान फूँक रही हैं।
प्रथाओं की ओढ़े चुनरी: बींदणी के नए प्रोमो में एक खामोश तूफान की आहट दिखाई देती है। एक धुंधली-सी रोशनी वाली पुरानी हवेली में, एक औरत चुपचाप मसाले पीस रही है। उसका चेहरा नजर नहीं आता, लेकिन फ्लैशबैक में उसका दर्द भरा अतीत सामने आता है, जहाँ फुटपाथ पर बीते दिन, जेल की सलाखें और पागलखाने की तन्हाई नज़र आती है। वह कौन है? क्या हुआ था उसके साथ, जो उसे इस मोड़ तक ले आया? इस बीच वह कहती है, “इस हवेली में अब कभी किसी वारिस की किलकारी नहीं गूँजेगी।” तभी, अचानक एक बच्चे की रोने की आवाज़ हवेली की खामोशी को तोड़ देती है। वह एकदम से रुक जाती है। बाँहों में बच्चा और आँखों में तूफान लिए दरवाज़े पर घेवर खड़ी है। औरत के हाथ से मूसल गिर जाता है। अब उसका नाम सामने आता है, जो रमकुड़ी है, लेकिन यह वापसी सिर्फ एक औरत की नहीं, बल्कि उसके अंदर जल रही बदले की आग की वापसी है। रमकुड़ी के अतीत में ऐसा क्या हुआ, जो उसे नफरत से भर गया? और अब वह घेवर की ससुराल को नर्क बनाने के लिए कितनी दूर जाएगी? यहीं से शुरू होती है बींदणी की एक तीखी, भावनाओं से भरी और उलझी हुई कहानी।
अभिनेत्री मोनिका खन्ना ने अपने उत्साह को जाहिर करते हुए कहा,”रमकुड़ी का किरदार पाकर मैं बहुत खुश हूँ। शुरू में मुझे लगा यह एक आम निगेटिव रोल होगा, लेकिन जब रघुवीर शेखावत सर (शो के लेखक व निर्माता) ने कहा कि इसे आम विलेन की तरह नहीं, बल्कि मजेदार और चुटीले अंदाज में निभाना है, तो मैं थोड़ी उलझन में थी। पर जब उन्होंने खुद इस किरदार को इनैक्ट किया, तो मुझे तुरंत समझ आ गया कि यह बहुत दमदार है।”