जयपुर,, दिव्यराष्ट्र/ एमएनआईटी जयपुर ने 12 जनवरी, 2025 को दुबई के होटल प्रीमियर आईएन, इब्न बतूता दुबई में उत्साहपूर्वक एमएनआईटी मिडिल ईस्ट एलुमनी मीट 2025 मनाया। इस कार्यक्रम ने पूर्व छात्र सम्मेलन को फिर से जोड़ने और जश्न मनाने के लिए विविध पेशेवर पृष्ठभूमि के पूर्व छात्रों को एक साथ लाया।
कार्यक्रम की शोभा प्रो. एन.पी. पाढ़ी की उपस्थिति से हुई। प्रो पाढ़ी, एमएनआईटी जयपुर के निदेशक, और पूर्व छात्र मामलों के एसोसिएट डीन डॉ. पवन कल्ला। कार्यक्रम दीप प्रज्ज्वलन के साथ शुरू हुआ, जो ज्ञान और एकता के प्रसार का प्रतीक है, जिसने कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए माहौल तैयार किया।
मुख्य भाषण में प्रो. एन.पी. पाढ़ी निदेशक एमएनआईटी जयपुर ने शैक्षणिक, अनुसंधान और बुनियादी ढांचे के विकास में एमएनआईटी जयपुर की हालिया उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। प्रोफेसर पाढ़ी ने वैश्विक मंच पर संस्थान की बढ़ती प्रतिष्ठा के बारे में बात की और बताया कि कैसे प्रशासन, संकाय, छात्रों और पूर्व छात्रों के सामूहिक प्रयासों ने इसकी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
डॉ. पवन कल्ला ने अपने भाषण में संस्थान की विकास पहलों का एक सिंहावलोकन प्रदान किया, जिसमें नए सहयोग, उन्नत शैक्षणिक पेशकश और बुनियादी ढांचागत परियोजनाएं शामिल हैं। उन्होंने संस्थागत विकास को बढ़ावा देने और वैश्विक संबंधों को मजबूत करने में पूर्व छात्रों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। डॉ. कल्ला ने विभिन्न पूर्व छात्रों की भागीदारी गतिविधियों की भी रूपरेखा तैयार की और उपस्थित लोगों को भविष्य के लिए एमएनआईटीजयपुर के दृष्टिकोण में सक्रिय रूप से योगदान करने के लिए प्रोत्साहित किया।
इस कार्यक्रम में प्रभावशाली उपस्थिति देखी गई, जिसमें मध्य पूर्व क्षेत्र के लगभग 40 पूर्व छात्रों ने भाग लिया। इसने पूर्व छात्रों और संस्थान के बीच नेटवर्किंग, यादें ताजा करने और सहयोग के अवसर तलाशने के लिए एक जीवंत मंच प्रदान किया। उपस्थित लोगों ने व्यक्तिगत और व्यावसायिक अनुभव साझा किए, और साथी पूर्व छात्रों की सफलता की कहानियों का जश्न मनाया।
अश्वनी कुमार लता (1992-96 बैच)को विशेष आभार व्यक्त किया जाता है। अ, एमएनआईटी जयपुर के प्रतिष्ठित पूर्व छात्र। एमएनआईटी मध्य पूर्व छात्र बैठक 2025 के लिए उप पूर्व छात्र बैठक समन्वयक के रूप में कार्य करते हुए, उन्होंने इस कार्यक्रम के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके प्रयासों ने न केवल पुरानी यादों को पुनर्जीवित किया बल्कि संस्थान और इसके पूर्व छात्र समुदाय के बीच स्थायी संबंध को भी मजबूत किया।