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मरणोपरांत मंजुला जैन का देहदान

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जयपुर,, दिव्यराष्ट्र/ आदर्श नगर, जयपुर निवासी मंजुला जैन (बरडिया) उम्र 72वर्ष का आकस्मिक निधन 1 सितम्बर 2024 को हो जाने पर उनकी स्वयं की इच्छानुसार उनके पुत्र मनीष जैन तथा पुत्री विनीता नाहर ने देहदान के लिए जैन सोश्यल ग्रुप सेन्ट्रल संस्था के फ़ाउंडर प्रेसिडेंट कमल संचेती से सम्पर्क कर अपनी मां को अजर अमर बना दिया।

मंजुला जैन का मरणोपरांत देहदान 2 सितम्बर 2024 को एनोटामी विभाग, राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, ज़ोरावर सिंह गेट, जयपुर को किया गया।
मंजुला जैन श्री ज्ञान विचक्षण महिला मंडल की संस्थापक सदस्या एवं सांस्कृतिक मंत्री के रूप में रही जो निरंतर 40 वर्षों से इस पद पर कार्य करते हुए संस्कृति संरक्षण और संवर्धन का कार्य कर रही थी। इसके अतिरिक्त संगिनी और अन्य संस्थाओं से भी वे जुड़ी हुई थी। हंसमुख एवं मधुरभाषी होने के साथ बहुमुखी प्रतिभा की धनी थी, अध्यापन के साथ-साथ वो धार्मिक एवं सामाजिक क्षेत्र में निरन्तर सक्रिय रही। वो गायन के साथ मेहँदी कला(देश विदेश में प्रसिद्धि प्राप्त) एवं सामाजिक सरोकारों से जुड़े कार्यों के संचालन के कारण भी विख्यात रही।

देहदान में मिली देह राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के प्रथम वर्ष में अध्ययनरत छात्रों के शोध में काम आयेगी। देहदान के बाद राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान तथा जैन सोश्यल ग्रुप सेन्ट्रल संस्था की ओर से परिजनों को प्रशस्ति पत्र भेंट किया गया। इस पुनीत कार्य पर इंस्टिट्यूट के सहयोग से मंजुला जैन की यादों को चिरस्थायी बनाए रखने के लिए जग्गा जी की बावड़ी, गलता रोड परिसर में फल के पौधे का वृक्षारोपण भी किया गया।

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