कोटा , दिव्यराष्ट्र/ मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारियों के क्षेत्र में विख्यात शिक्षा की काशी कोटा अब स्टूडेंट केयरिंग के क्षेत्र में नई परिभाषा गढ़ेगा। कोटा में देशभर से आने वाले कोचिंग स्टूडेंट व पेरेन्ट्स केयरिंग के नए आयाम स्थापित करने के संकल्प के तहत अभिनव पहल की गई है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की प्रेरणा से जिला प्रशासन और कोटा स्टूडेंट वेलफेयर सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में शुरू की जा रही इस पहल की घोषणा कोटा के दशहरा मैदान स्थित विजयश्री रंगमंच पर की गई। इस अवसर पर शहर के जिला कलक्टर डॉ.रविन्द्र गोस्वामी, कोचिंग संस्थानों के निदेशक, हॉस्टल संचालक, मेस संचालक, जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कोचिंग स्टूडेंट्स व पेरेन्ट्स के अलावा शहरवासी भी मौजूद रहे।
इस अवसर पर जिला कलक्टर कोटा डॉ.रविन्द्र गोस्वामी ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की प्रेरणा से कोटा जिला प्रशासन और कोटा स्टूडेंट वेलफेयर सोसायटी मिलकर “कोटा केयर्स” की घोषणा की है, जो कोटा में कोचिंग करने आने वाले स्टूडेंट्स की केयरिंग और कॅरियर बनाने के लिए होने वाले प्रयासों को नई परिभाषा देगा। यह एक दूरदर्शी एवं शहर के हर वर्ग को साथ लेकर शुरू की गई पहल है। यह पहल कोटा को स्टूडेंट केयरिंग के क्षेत्र में एक आदर्श शहर बनाने की अपेक्षा रखता है, जो समन्वय, सुरक्षा और सामूहिक प्रयासों पर आधारित है।
इस प्रतिष्ठा के साथ आने वाली जिम्मेदारी को समझते हुए “कोटा केयर्स“ की घोषणा की जा रही है। इसमें जिला प्रशासन के साथ स्थानीय पुलिस, सरकारी विभाग, कोचिंग संस्थान, फैकल्टीज, हॉस्टल संचालक, व्यापारी, ऑटोरिक्शा चालक के साथ अन्य सभी कोटा कोचिंग स्टूडेंट्स की केयरिंग से जुड़े सभी शहरवासियों को साथ लिया जाएगा। हर शहरवासी को कोटा को आगे बढ़ाने के प्रति जिम्मेदार बनाते हुए कोचिंग स्टूडेंट्स के लिए बेहतर वातावरण देने की कोशिश की जाएगी।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कोचिंग संस्थानों के निदेशकों के माध्यम से संदेश दिया कि कोटा के विकास में हर व्यक्ति की भागीदारी है। बाहर से कोटा आने वाले हर विद्यार्थी को बेहतर वातावरण देना प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है। कोटा केयर्स हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता को सुनिश्चित करेगा। जिससे हर छात्र अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिये सक्षम, समर्थ और सशक्त महसूस करे। यह पहल कोटा को भारत का प्रमुख शैक्षणिक केंद्र बनाये रखने में मील का पत्थर साबित होगी।