दिव्यराष्ट्र, नई दिल्ली: अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) ने वैश्विक उपस्थिति वाली अग्रणी भारतीय टायर निर्माता जेके टायर को 100 मिलियन डॉलर का सस्टेनोबिलिटी लिंक्ड लोन (एसएलएल) मंजूर किया है। इस फंडिंग में जेके टायर एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड को 30 मिलियन डॉलर और जेके टायर की सहायक कंपनी कैवेंडिश इंडस्ट्रीज लिमिटेड (सीआईएल) को 70 मिलियन डॉलर तक की राशि शामिल है। जेके टायर वैश्विक समूह जेके ऑर्गनाइजेशन की प्रमुख कंपनी है।
यह फंडिंग टायर निर्माण क्षमता के विस्तार में सहायता करेगी, जिसमें मध्य प्रदेश में जेके टायर के बानमोर प्लांट में पैसेंजर कार रेडियल (पीसीआर) टायर और उत्तराखंड में सीआईएल के लक्सर प्लांट में ट्रक और बस रेडियल (टीबीआर) टायर पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य ऊर्जा-कुशल टायर उत्पादन को बढ़ावा देना, स्थानीय आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करना और रोजगार सृजित करना है।
जेके टायर एंड इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एण्ड मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. रघुपति सिंघानिया ने कहा, ” हमारी विकास योजनाओं के लिए 100 मिलियन डॉलर का सस्टेनोबिलिटी -लिंक्ड लोन (एसएलएल) मिलने पर हमें आईएफसी के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने पर खुशी है। सस्टेनोबिलिटी लक्ष्यों के साथ वित्तपोषण को जोड़कर, हमारा लक्ष्य अपने विकास उद्देश्यों को प्राप्त करते हुए सकारात्मक पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभाव को बढ़ावा देना है। यह सतत विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है, जबकि प्रमुख उत्पाद खंडों में हमारी उपस्थिति को मजबूत करने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण को अपनाता है।”
एशिया और प्रशांत क्षेत्र के लिए आईएफसी के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष रिकार्डो पुलिती ने कहा, “भारत की हरित महत्वाकांक्षाओं को साकार करने के लिए सस्टेनेबल विनिर्माण की महत्वपूर्ण भूमिका है। आईएफसी और जेके समूह के बीच स्थायी साझेदारी इस दृष्टिकोण के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता को दर्शाती है। हमारा नवीनतम निवेश जलवायु-स्मार्ट विनिर्माण को बढ़ावा देगा, आपूर्ति-श्रृंखला एकीकरण को बढ़ाएगा, गुणवत्तापूर्ण नौकरियां पैदा करेगा और भारत को घरेलू उत्पादन में आत्मनिर्भरता की ओर ले जाएगा। भारत के टायर उद्योग में पहला सस्टेनोबिलिटी लिंक्ड लोन (SLL), एक बेंचमार्क स्थापित करने और विनिर्माण क्षेत्र में व्यापक रूप से अपनाने को उत्प्रेरित करने का लक्ष्य रखता है।”