जयपुर, दिव्यराष्ट्र/ भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहे जगन्नाथ सिंह मेहता ने एक सपना संजोया था की लोगो को आत्म सम्मान के साथ रोजी रोटी कमाने के लायक बना सके उनके द्वारा संजोया गया सपना आज जन शिक्षण संस्थान के रूप मे वट वृक्ष के रूप मे पनपकर हजारों लोगो की उम्मीद पर खरा उतर रहा हे। गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के रूप मे जयपुर मे बर्ष 1984 से कार्यरत जन शिक्षण संस्थान को पहले श्रमिक विद्यापीठ के नाम से जाना जाता था। बाद में इसी संस्थान को जन शिक्षा समिति के नाम से पहचान मिली। संस्थान के वर्तमान मे अध्यक्ष के रुप में राजीव अग्रवाल आगे बढ़ा रहें हे एवम सुभाष पाठक के निर्देश मे संस्थान राजस्थान मे स्किल डवल्पमेंट के क्षैत्र मे कार्य कर प्रति वर्ष 1800 से भी ज्यादा युवाओं को आत्म निर्भरता की ओर लेजा रहें है।
संस्थान के कार्यक्रम अधिकारी संग्राम रावतरूप के अनुसार जन शिक्षण संस्थान ऐसे लोग जो किन्ही कारण वश अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए या निरक्षर है या फिर पढ़ाई छोड़ चुके अथवा नवोदित साक्षर है उन्हे स्वरोजगार की ओर अग्रेषित करने के लिए प्रतिदिन पूर राज्य मे तीन घंटे की ट्रेनिग के माध्यम से सिलाई, कटिंग, कंप्यूटर आदि विषयों की ट्रेनिग दी जाती हैं। केन्द्र सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय के निर्देश पर जन शिक्षण संस्थान राजस्थान मे अपनी सशक्त टीम के माध्यम से अनुसूचित जाति, जन जाति एवम पिछड़ा वर्ग से जुड़े 15 से 35 वर्ष तक की उम्र के लोगो को अपना लक्ष्य मानकर उनमें विभिन्न प्रकार के कोशल जागृत करने का काम कर रहा हे।
जयपुर के मानसरोवर स्थिति अरावली मार्ग पर अपने निजी भवन में संस्थान के कर्मचारी, अधिकारी नियमित रुप से सामाजिक सरोकार के लिए कार्यरत हैं। संस्थान का उद्देश्य सीखो और कमाओ के भाव के साथ ही पढ़ा लिखा मजदूर किसान, पाई हिम्मत पाया ज्ञान के नारे के साथ शिक्षित श्रमिक, तकनिकी विशेषज्ञ त्यार करना है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 15मार्च 1984को स्थापित यह संस्थान हर हाथ को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की दिशा मे काम कर रहा है।