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सनातन धर्म संसद में जैनाचार्य लोकेशजी ने भारत सरकार से समान नागरिक संहिता की मांग की

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द्वारका पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य जी ने सनातन बोर्ड गठन की माँग का समर्थन किया

आयोजक देवकीनन्दन ठाकुर जी ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति की माँग की

सरकार सनातन बोर्ड बनाकर सनातन धर्म को सुरक्षित करे – गीता मनीषी ज्ञानानन्द

नई दिल्ली दिव्यराष्ट्र/: दिल्ली में आयोजित सनातन धर्म संसद को द्वारका पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती , अहिंसा विश्व भारती एवं विश्व शांति केंद्र के संस्थापक जैन आचार्य लोकेश, प्रख्यात कथावाचक देवकीनंदन ठाकुरजी, गीता मनीषी स्वामी ज्ञाननंद महाराज , अखिल भारतीय आखाडा परिषद के अध्यक्ष महंत रविन्द्रपुरी , सहित देश भर से समागत सैंकड़ों विख्यात धर्मगुरुओं ने संबोधित किया | सनातन न्यास फ़ाउंडेशन द्वारा आयोजित सनातन धर्म संसद में सभी संतों ने एक स्वर भारतीय धर्मों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए भारत सरकार से सनातन बोर्ड बनाने की मांग की|

प्रख्यात कथावाचक स्वामी देवकीनंदन ठाकुर महाराज ने भारत सरकार से सनातन बोर्ड बनाकर सनातन धर्म को सुरक्षित करने की जिसका हजारों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं ने पुरजोर समर्थन किया, उन्होने श्री कृष्ण जन्मभूमिको मुक्त करने की बात पर ज़ोर दिया| देवकी नन्दन ठाकुर जी ने द्वारका पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती जी एवं देश के कोने कोने से आए संतों का स्वागत किया |

अहिंसा विश्व भारती एवं विश्व शांति केंद्र के संस्थापक आचार्य लोकेश ने संसद को संबोधित करते हुये भारत सरकार से मांग की कि जल्द से जल्द समान नागरिक सहिंता एवं जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने की मांग की जिसका तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत हुआ | आचार्यश्री लोकेश ने श्री कृष्ण जन्मभूमि पर मंदिर बनाने की भी मांग की |

गीता मनीषी स्वामी ज्ञाननंद महाराज मे कहा कि सनातन बोर्ड बनाना वर्तमान समय आवश्यकता है, इससे मंदिरों, सनातन पुजा पद्धति और प्रसाद को सुरक्षा मिलेगी | उन्होने कहा कि मंदिरों को सरकार से मुक्त कराने कि बात करते हुये कहा कि, सनातन सिर्फ भारत और हिंदुओं की नहीं बल्कि पूरे विश्व की आवश्यकता है | सनातन ही वासुधेव कुटुंबकाम की बात करता है |

सनातन धर्म संसद में उपस्थित हजारों धर्म अनुयायियों ने एकमत होकर भारत सरकार के समक्ष मुख्य तीन मांगे रखी पहली, सनातन बोर्ड का निर्माण, दूसरी, कृष्ण भोगी मंदिर का निर्माण, और तीसरी, जिन लोगों ने प्रसाद में मिलावट किया उनको सजा दी जाए।

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