अंतर्देशीय जलमार्ग विकास परिषद (आईडब्ल्यूडीसी) ने नदी समुदाय विकास योजना का प्रस्ताव रखा
काजीरंगा, दिव्यराष्ट्र/भारत में अंतर्देशीय जलमार्गों के प्रसार एवं विस्तार पर नीतिगत फैसले लेने वाली सर्वोच्च संस्थाअंतर्देशीय जलमार्ग विकास परिषद (आईडब्ल्यूडीसी) नेराष्ट्रीय जलमार्गों पर ढांचागत तंत्र के विकास से जुड़ी प्रमुख घोषणाएं की हैं। बंदरगाह, जहाजरानी तथा जलमार्ग मंत्रालय के अंतर्गत अंतर्देशीय जलमार्ग विकास कार्यों के लिए कार्यरत नोडल एजेंसी भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) ने आईडब्ल्यूडीसी की दूसरी बैठक में, अगले पांच वर्षों के दौरान 50,000 करोड़ से अधिक के निवेश की घोषणा की है। इस संबंध में, 21 अंतर्देशीय जलमार्ग राज्यों में, आज यहां 1400 करोड़ से अधिक की नई पहल शुरू करने की घोषणा की गई। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने की।
आईडब्ल्यूडीसी का शुभारंभ काजीरंगा स्थित कोहोरा में असम के मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्वा सरमा द्वारा दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ। इस मौके पर, केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल भी उपस्थित थे। बैठक में, केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी एवं जलमार्ग राज्य मंत्री शांतनु कुमार, गोवा के बंदरगाह मंत्री एलेक्सियो सिक्वेरा, असम के परिवहन मंत्री जोगेन मोहान, मणिपुर के परिवहन मंत्री खाशिम वाशुम, जम्मू एवं कश्मीर के परिवहन मंत्री सतीश शर्मा, मिजोरम के परिवहन मंत्री पु वनलाल्हाना तथा अरुणाचल प्रदेश के परिवहन मंत्री ओजिंग तासिंग समेत अन्य कई गणमान्य जन भी मौजूद थे।
बैठक में, केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवालने कहा, “आईडब्ल्यूडीसी ने परस्पर सहयोग के नए दौर की शुरुआत की है और इस सिलसिले में केंद्र तथा राज्य सरकारों ने अंतर्देशीय जलमार्गों को मजबूत बनाने के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया है। ऐतिहासिक रूप से भी अंतर्देशीय जलमार्गों की भूमिका विभिन्न सभ्यताओं के विकास में अहम रही है लेकिन देश की विकास योजनाओं में 2014 से पहले तक इस पक्ष की उपेक्षा की जाती रही थी। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हम देश में इन जलमार्गों को पुनर्जीवित करने की दिशा में प्रयास कर रहे हैं ताकि देश में रेलवे और सड़क-मार्गों पर बढ़ता बोझ कम हो सके और साथ ही, यात्रियों एवं माल ढुलाई ऑपरेटरों के लिए सस्टेनेबल एवं किफायती साधन के तौर पर इसे विकसित किया जा सके। आईडब्ल्यूडीसी में, हमने आर्थिक विकास के अवसरों को बढ़ावा देने की राह में पेश आने वाली चुनौतियों को दूर करने के समाधानों पर काम किया है। इस कड़ी में हमने 1000 ग्रीन वेसल्स को लॉन्च् करने की योजना तैयार की है।”