जयपुर, दिव्यराष्ट्र/ पूर्णिमा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के मैकेनिकल और सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट की ओर से ‘सस्टेनेबल एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड व ग्रीन टेक्नोलॉजी’ विषय पर दो दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। दक्षिण अफ्रीका की क्वाजुलु-नटाल यूनिवर्सिटी के सीनियर प्रोफेसर प्रो. श्रीकांत बी. जोनालागाड इसके उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि थे, जबकि एमएनआईटी, जयपुर के मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के प्रोफेसर (एचएजी) प्रो. दिलीप शर्मा गेस्ट ऑफ ऑनर थे। हाइब्रिड मोड पर आयोजित इस कॉन्फ्रेंस के तहत आठ टेक्निकल और आठ मेन सैशन हुए। इनमें सस्टेनेबल एनर्जी, एनवायरनमेंट, ग्रीन टेक्नोलॉजी व ग्रीन मटेरियल जैसे विषयों पर 50 से अधिक पेपर प्रस्तुत किए गए।
इस अवसर पर मेजबान पूर्णिमा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के प्रिंसिपल प्रो. महेश एम. बुंदेले, वाइस प्रिंसिपल डॉ. पंकज धेमला, पूर्णिमा ग्रुप के डायरेक्टर राहुल सिंघी, मैकेनिकल इंजीनियरिंग के एचओडी डॉ. नारायण लाल जैन, सिविल इंजीनियरिंग के एचओडी डॉ. प्राण नाथ दाधीच, एसोसिएट प्रोफेसर कॉन्फ्रेंस के सचिव डॉ. राजकुमार सातनकर भी उपस्थित थे।
प्रो. दिलीप शर्मा, मालवीय राष्ट्रीय संस्थान प्रौद्योगिकी जयपुर, प्रो. श्रीकांत बी जोनालागाड, प्रोफेसर, विश्वविद्यालय क्वाज़ुलु-नटाल, डरबन, दक्षिण अफ्रीका, डॉ. निखिल शर्मा, मालवीय राष्ट्रीय संस्थान प्रौद्योगिकी जयपुर, भारत, डॉ. टी. जोथी सरवनन, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भुवनेश्वर, भारत, प्रो. ममदुद हुसैन, प्रोफेसर, फ्यूचर एनर्जी प्रौद्योगिकी, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग, आरजीयू, यूके, डॉ. रुई अलेक्जेंड्रे कास्टान्हो, वाइस-डीन, डब्ल्यूएसबी विश्वविद्यालय, डाब्रोवा गोर्निक्ज़ा, पोलैंड, डॉ. सुब्रत हैट, एसोसिएट प्रोफेसर, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, पटना, भारत, और डॉ. बड़े मुकुंद एच., सरदार वल्लभभाई नेशनल प्रौद्योगिकी संस्थान, भारत मुख्य वक्ता थे। विभिन्न सत्रों में डॉ. विशाल सिंघल, डॉ. शिल्पी जैन, प्रतीक शर्मा सह-मेजबान थे।
दो तकनीकी सत्र ऑफलाइन मोड पर थे जबकि 6 सत्र ऑनलाइन मोड में थे। डॉ. नारायण लाल जैन, पूर्णिमा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, जयपुर, डॉ. पंकज धेमला, पूर्णिमा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, जयपुर, डॉ. नराला गंगाधर रेड्डी, फिजी नेशनल यूनिवर्सिटी, फिजी, सुवा, डॉ. प्रार्थना बसु, श्रीराम इंस्टीट्यूट औद्योगिक अनुसंधान विभाग, दिल्ली, डॉ. सलीफ़ु ताहिरु अज़ेको, तमाले तकनीकी विश्वविद्यालय, तमाले, घाना, डॉ. टी.एन. वर्मा, मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भोपाल, डॉ. सुनंदा सिन्हा, मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जयपुर, डॉ. रश्मी कुमारी, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, हमीरपुर सत्र अध्यक्ष थे, जबकि विभिन्न तकनीकी सत्रों में डॉ. अनंत भारद्वाज, डॉ. राजकुमार सातनकर, डॉ. आयुष मीना, डॉ. अक्षय जैन और ऋतुराज राठौड़ सह-मेजबान थे।
कॉन्फ्रेंस का समापन पीसीई के संजय कुमावत और अपूर्वा बंसल द्वारा आयोजित समापन सत्र (हाइब्रिड मोड) के साथ हुआ, जिसमें प्रोफेसर, बिद्युत बरन साहा, इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कार्बन-न्यूट्रल एनर्जी रिसर्च (डब्ल्यूपीआई-आई2सीएनईआर) क्यूशू विश्वविद्यालय, जापान थे। मुख्य अतिथि प्रोफेसर पी. मुथुकुमार, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान तिरुपति, प्रोफेसर अनिल कुमार, प्रमुख, प्रभाग-स्वच्छ ऊर्जा, नोडल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन एनर्जी ट्रांजिशन (एनसीईईटी), दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, दिल्ली के साथ मुख्य अतिथि प्रोफेसर आनंद के. प्लैपल्ली, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जोधपुर सम्मानित अतिथि थे।