
2300 से अधिक प्रतिभागियों ने सुरक्षित और सजग सड़क व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए इंटरैक्टिव लर्निंग सत्रों में भाग लिया।
जयपुर, दिव्यराष्ट्र:/ होंडा मोटरसाइकिल एवं स्कूटर इंडिया (हमसी) ने सड़क सुरक्षा व्यवहार को बढ़ावा देने के अपने देशव्यापी प्रयास को आगे बढ़ाते हुए जयपुर, राजस्थान में श्री राधा गोविंद गवर्नमेंट कॉलेज और यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी में एक प्रभावशाली सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान आयोजित किया। इस पहल में 2300 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जहाँ उन्हें सुरक्षित वाहन संचालन के मूल तत्वों के बारे में सिखाया गया और सड़क पर साझा जिम्मेदारी के लिए एक सीखने योग्य वातावरण तैयार किया गया।
युवाओं में जागरूक सोच और सार्थक कार्रवाई को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित इन सत्रों में इंटरएक्टिव लर्निंग गतिविधियाँ शामिल थीं, जो रोज़ाना आने-जाने के दौरान आने वाली चुनौतियों और सड़क सुरक्षा की व्यावहारिक समझ विकसित करने पर केंद्रित थीं। इन गतिविधियों के माध्यम से प्रतिभागियों ने डेमो, चर्चाओं और वास्तविक जीवन की स्थितियों के जरिए सुरक्षित ड्राइविंग की ज़रूरी आदतों को गहराई से समझा और अपनाया।
यह सत्र होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया के प्रशिक्षित रोड सेफ्टी इंस्ट्रक्टर द्वारा संचालित किया गया, जिसमें प्रतिभागियों को सुरक्षित यात्रा के प्रमुख पहलुओं जैसे हेलमेट जागरूकता, पैदल यात्री सुरक्षा, सड़क संकेतों का महत्व और सड़क सुरक्षा को रोज़मर्रा की जिम्मेदारी के रूप में अपनाने पर जानकारी दी गई। इस कैंपेन का मुख्य संदेश सरल लेकिन प्रभावशाली था सड़क सुरक्षा की शुरुआत जागरूकता और सही कार्रवाई से होती है।
इस अभियान में प्रतिभागियों को उदाहरण प्रस्तुत करने और दूसरों को यह प्रेरित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया कि कैसे रोज़मर्रा के निर्णय और ट्रैफिक नियमों का पालन दुर्घटनाओं को रोक सकता है और जानें बचा सकता है। श्री राधा गोविंद गवर्नमेंट कॉलेज और यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी में आयोजित यह अभियान एचएमएसआई के व्यापक मिशन का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य सड़क सुरक्षा शिक्षा को मजबूत करना है। ऑन-ग्राउंड गतिविधियों, डिजिटल अभियानों और शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग के माध्यम से, एचएमएसआई भारत भर में लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित करता रहता है और एक ऐसे भविष्य का निर्माण करता है, जहाँ सुरक्षित गतिशीलता हमारी जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा बन जाए।
अपने वैश्विक सेफ्टी स्लोगन ‘सेफ्टी फॉर एवरीवन से प्रेरित होकर, होंडा एक ऐसे भविष्य के निर्माण की दिशा में काम कर रहा है जहाँ मोबिलिटी और सुरक्षा एक-दूसरे के साथ कदम से कदम मिलाकर चलें। होंडा शिक्षा और शुरुआती जागरूकता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश कर रहा है। कम उम्र से ही सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता को मजबूत करके, होंडा ऐसी पीढ़ी तैयार करना चाहता है जिसमें रोड सेफ्टी एक स्वाभाविक आदत बने, न कि केवल सोच-समझकर किया जाने वाला प्रयास।
होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया की सड़क सुरक्षा के प्रति सीएसआर प्रतिबद्धता*
2021 में होंडा ने वर्ष 2050 के लिए अपना वैश्विक विज़न स्टेटमेंट जारी किया, जिसमें उसने होंडा के दोपहिया और चारपहिया वाहनों से जुड़े सड़क हादसों में शून्य मृत्यु दर प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया। भारत में एचएमएसआई इस विज़न के अनुरूप कार्य कर रहा है और भारत सरकार के उस दिशा-निर्देश के साथ भी कदम मिला रहा है, जिसके तहत 2030 तक सड़क हादसों में मृत्यु दर को आधा करने का लक्ष्य तय किया गया है।
इस लक्ष्य को हासिल करने का एक अहम पहलू यह है कि 2030 तक बच्चों में सड़क सुरक्षा के प्रति सकारात्मक सोच विकसित की जाए और उसके बाद भी उन्हें निरंतर शिक्षित किया जाए। स्कूलों और कॉलेजों में दी जाने वाली सड़क सुरक्षा शिक्षा का उद्देश्य केवल जागरूकता फैलाना नहीं है, बल्कि युवाओं के मन में सुरक्षा की संस्कृति को विकसित करना है, ताकि वे भविष्य में सड़क सुरक्षा के सशक्त प्रतिनिधि बन सकें। यह शिक्षा आने वाली पीढ़ियों को ज़िम्मेदार नागरिक बनने के लिए सशक्त बनाती है और उन्हें एक सुरक्षित समाज के निर्माण में सक्रिय योगदान देने के लिए प्रेरित करती है।
एचएमएसआई का उद्देश्य है कि वह ऐसी कंपनी बने जिसके अस्तित्व की समाज को आवश्यकता महसूस हो। इस दिशा में एचएमएसआई सड़क सुरक्षा जागरूकता को समाज के हर वर्ग तक पहुँचाने पर विशेष ध्यान दे रहा है। स्कूल के बच्चों से लेकर कॉर्पोरेट्स और व्यापक समाज तक हर वर्ग के लिए एचएमएसआई विशेष और अनोखी पहलें तैयार कर रहा है, ताकि हर व्यक्ति को उसकी ज़रूरत और समझ के अनुसार सड़क सुरक्षा की जानकारी दी जा सके। यह समावेशी दृष्टिकोण एचएमएसआई को एक ज़िम्मेदार और समाज-केंद्रित संगठन के रूप में स्थापित करता है।
एचएमएसआई के प्रशिक्षित सड़क सुरक्षा प्रशिक्षक देशभर में फैले 10 ट्रैफिक ट्रेनिंग पार्क (टीटीपी) और 6 सेफ्टी ड्राइविंग एजुकेशन सेंटर्स (एसडीईसी) में रोज़ाना कार्यक्रम आयोजित करते हैं। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य सड़क सुरक्षा शिक्षा को समाज के हर वर्ग तक पहुँचाना है। अब तक यह पहल 10 मिलियन से अधिक भारतीयों तक पहुँच चुकी है। एचएमएसआई का राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम सीखने की प्रक्रिया को रोचक और वैज्ञानिक बनाने पर केंद्रित है। इसके तहत वर्चुअल राइडिंग सिमुलेटर, इंटरैक्टिव गेम्स और खतरे की पहचान पर आधारित प्रशिक्षण जैसे आधुनिक तरीकों का उपयोग किया जाता है, जिससे प्रतिभागियों को व्यावहारिक और प्रभावशाली अनुभव प्राप्त होता है। यह समग्र दृष्टिकोण सड़क सुरक्षा को व्यवहार में लाने और समाज में जिम्मेदार यातायात संस्कृति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
वैज्ञानिक रूप से तैयार किया गया शिक्षण मॉड्यूल: होंडा के दक्ष प्रशिक्षक सड़क सुरक्षा की मजबूत नींव रखने के लिए थ्योरी सत्रों के माध्यम से प्रशिक्षण की शुरुआत करते हैं। इन सत्रों में प्रतिभागियों को सड़क संकेत और चिन्हों की जानकारी, सड़क पर चालक की जिम्मेदारियाँ, सुरक्षित सवारी के लिए उपयुक्त गियर और बैठने की मुद्रा, तथा सुरक्षित और शिष्ट सवारी व्यवहार जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से समझाया जाता है। यह संरचित और वैज्ञानिक दृष्टिकोण प्रतिभागियों को न केवल जागरूक बनाता है, बल्कि उन्हें जिम्मेदार और सतर्क यात्री बनने के लिए प्रेरित भी करता है।
1. प्रायोगिक प्रशिक्षण: एक विशेष प्रशिक्षण गतिविधि के तहत प्रतिभागियों को होंडा के वर्चुअल राइडिंग सिमुलेटर पर अभ्यास कराया गया, जिसमें उन्होंने सड़क पर सवारी से पहले 100 से अधिक संभावित खतरों का अनुभव किया। यह तकनीक उन्हें वास्तविक परिस्थितियों के लिए मानसिक रूप से तैयार करती है।
2. इंटरैक्टिव सत्र: प्रतिभागियों को किकेन योसोकु ट्रेनिंग के माध्यम से खतरे की पहचान और पूर्वानुमान का प्रशिक्षण दिया गया। यह तकनीक चालक की संवेदनशीलता को बढ़ाती है और सड़क पर सुरक्षित ड्राइविंग व्यवहार सुनिश्चित करती है।
3. मौजूदा चालकों के कौशल को निखारना: स्कूलों के छात्र और स्टाफ सदस्य जो पहले से ही वाहन चलाते हैं, उन्होंने धीमी गति से सवारी करने की गतिविधियों और संकीर्ण पट्टियों पर संतुलन साधने जैसे अभ्यासों के माध्यम से अपने राइडिंग कौशल को और बेहतर बनाया।
एचएमएसआई ने हाल ही में अपना डिजिटल रोड सेफ्टी लर्निंग प्लेटफ़ॉर्म ई-गुरुकुल लॉन्च किया है। यह एक इंटरैक्टिव और यूज़र-फ्रेंडली प्लेटफ़ॉर्म है, जो 5 से 18 साल तक के बच्चों के लिए तीन अलग-अलग एज ग्रुप्स में तैयार किए गए ट्रेनिंग मॉड्यूल्स ऑफर करता है। ई-गुरुकुल फिलहाल कन्नड़, मलयालम, हिंदी, तेलुगु, तमिल और अंग्रेज़ी भाषाओं में उपलब्ध है, ताकि देश के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाले बच्चे इसे आसानी से समझ सकें। इस प्लेटफ़ॉर्म को गुरुकुल.होंडा . हमसी. इन पर एक्सेस किया जा सकता है। इसमें लाइव स्ट्रीमिंग और डाउनलोडिंग दोनों ऑप्शन हैं, जिससे कंटेंट को कहीं भी, कभी भी देखा जा सकता है। इस पहल का मकसद बच्चों, टीचर्स और डीलर्स को रोड सेफ्टी के लिए तैयार करना है, ताकि वे आगे चलकर सुरक्षित ड्राइविंग के एंबेसडर बन सकें। एचएमएसआई इस प्रोग्राम को देश के हर राज्य के स्कूलों तक ले जाने की योजना बना रहा है, जिससे हर उम्र के बच्चों को उनकी ज़रूरत के मुताबिक रोड सेफ्टी की जानकारी दी जा सके।





