
– पूर्णिमा ग्रुप के बीटेक स्टूडेंट्स का ओरिएंटेशन प्रोग्राम ‘पहला कदम’
जयपुर, दिव्य राष्ट्र/ पूर्णिमा ग्रुप के बीटेक स्टूडेंट्स के ओरिएंटेशन प्रोग्राम ‘पहला कदम’ के तहत मंगलवार को पूर्व पैरा स्पेशल फोर्सेज कमांडिंग ऑफिसर व मोटिवेशनल स्पीकर कर्नल शिवेन्द्र कंवर का सेशन हुआ। स्टूडेंट्स से चर्चा के दौरान उन्होंने भारतीय सेना की स्पेशल फोर्सेज से जुड़े अपने अनुभवों के आधार पर फ्रेशर्स को सफलता के टिप्स दिए।
उन्होंने हमेशा बड़े सपने देखने की सलाह दी और कहा कि इसे हासिल करने के लिए जी-जान लगा दो, आप फेल होंगे तो ओवरकम कर आगे बढ़ो। दूसरों को मत देखो, ‘सेल्फ लव’ का फॉर्मूला अपनाते हुए आपको जो पसंद है, वह अपने हिसाब से करो। आपका डिसिप्लिन आपके लक्ष्य पर निर्भर करता है। कर्नल शिवेन्द्र ने स्टूडेंट्स को फिटनेस पर विशेष ध्यान देने का सुझाव दिया और कहा कि आप स्वस्थ व फिट होंगे तभी जीवन की हर सुख-सुविधा का आनंद उठा सकेंगे।
इंडियन आर्मी में जाने के लिए इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स को बताया कि यहां एकेडमिक एक्सीलेंस के साथ-साथ कॉमन सेंस और लॉजिक्स महत्वपूर्ण होते हैं। आर्मी को बेसिक युवा चाहिए होते हैं, वे आपको सबकुछ सिखा देते हैं। उन्होंने कहा कि लड़कियों के लिए आर्मी में जाना बिल्कुल कठिन नहीं होता, लड़कों के जैसे आप भी आर्मी जॉइन कर सकते हो। उन्होंने स्टूडेंट्स को कड़ी मेहनत का संदेश देते हुए कहा कि इसका कोई तोड़ नहीं होता। आर्मी के बाद के जीवन में बदलाव के सवाल पर उन्होंने कहा कि ‘मेरी लाइफ में कोई बदलाव नहीं आया, बल्कि मेरी लाइफ के हर फेज पर में मिशन होता है।’
फिल्में नहीं दिखा सकती स्पेशल फोर्सेज का जीवन –
कर्नल शिवेन्द्र कंवर ने बताया कि स्पेशल फोर्सेज में काम करना बड़ी जिम्मेदारी होता है, इसमें फेलियर वर्ड कहीं नहीं होता। यहां बॉडी बिल्डर नहीं, बल्कि विल पावर वाले लोग होते हैं। सर्विलांस ऑपरेशंस में कई घंटों एक ही पोजीशन में बैठे रहना होता है, जो आसान नहीं होता है। उन्होंने एक ऑपरेशन का अनुभव बताते हुए कहा कि वे चार दिन की तैयारी करके गए थे, लेकिन सातवें दिन मूवमेंट होने पर मिशन को अंजाम दिया। ये काफी मुश्किल टास्क व तपस्या के समान होता है, शरीर में पानी की कमी हो जाती है, भूखे रहना होता है और इस मिशन के सदस्यों का वजन चार किलो तक कम हो गया था। ये हमें अपने लक्ष्य के लिए हर संभव प्रयास करने की सीख देता है। ऐसा आपको किसी मूवी में देखने को नहीं मिलेगा, क्योंकि फिल्म मेकर्स को पता ही नहीं होता स्पेशल फोर्सेज का वास्तविक जीवन कितना मुश्किल होता है।
ओरिएंटेशन प्रोग्राम के तहत स्टेंडअप कॉमेडियन जसप्रीत सिंह ने अपने ह्यूमर से स्टूडेंट्स का मनोरंजन किया।