एसबीआई लाइफ ने फिर दिल छूने वाली बात कही: पापा की ताकत को दिखाया अलग अंदाज़ में
जयपुर, दिव्यराष्ट्र/: पापा हमेशा परिवार की रीढ़ की हड्डी की तरह होते हैं, जो बिना शोर मचाए चुपचाप पूरी ताकत और भरोसे के साथ अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं। वे अपने काम और परिवार के बीच संतुलन बनाए रखते हैं और बिना कुछ कहे अपने परिवार की खुशियों और भविष्य को सबसे ऊपर रखते हैं। इस फादर्स डे पर एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस ने अपनी डिजिटल सीरीज़ #पापाहैंनाके तहत एक भावुक फिल्म “पापा भूलते नहीं” पेश की है, जो पिता की खामोश ताकत और उनके निभाए गए वादों को बड़ी ही संजीदगी के साथ दर्शाती है।
यह वीडियो छोटे-छोटे पलों से प्रेरित है- कभी प्यार, कभी सख्ती, और कभी मजबूत इरादों से भरे हुए। यह फिल्म उन पिताओं को समर्पित है, जो जीवन के हर मोड़ पर अपने परिवार के साथ खड़े रहते हैं और जो भी वादा करते हैं, उसे हर हाल में निभाते हैं।
कहानी की शुरुआत तीन पिताओं से होती है। एक हॉकी कोच, एक फॉरेस्ट ऑफिसर और एक आर्किटेक्ट हैं, जो अपने-अपने काम में पूरी लगन से जुटे हैं। चाहे वो खिलाड़ी को सिखा रहे हों, रेंजरों को निर्देश दे रहे हों या रोड साइट पर निगरानी कर रहे हों, उनके हाथ ही सब कुछ बताते हैं। ये हाथ मेहनत, अनुशासन और दिशा का प्रतीक हैं।
इसके बाद वही हाथ घर में दिखते हैं, एक बच्चा गोद में लिए हुए, खिलौने से खेलते हुए या बच्चों के बनाए टॉएज़ को निहारते हुए। यह बदलाव दिखाता है कि पापा कैसे अपने प्रोफेशनल रोल से घर के प्यार भरे रोल में बिना किसी परेशानी के बदल जाते हैं।
फिल्म के अंत में कई पिताओं की झलक मिलती है। कोई डॉक्टर है, कोई किसान, कोई फायर-फाइटर और कोई टीचर। लेकिन सबसे खास रोल में, एक पिता के रूप में।
मैसेज सीधा है- “जो अपने इरादों और अपने परिवार से किए वादे कभी नहीं भूलते… वे ही तो पापा होते हैं।”
एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस के ब्रांड,कॉर्पोरेट कम्युनिकेशनऔर सीएसआर चीफ रविंद्र शर्मा ने इस वीडियो के लॉन्च पर कहा,”पापा हमारे जीवन के वो साइलेंट हीरो होते हैं, जो हमेशा हमारे साथ होते हैं, जिम्मेदार और निःस्वार्थ। वो भले ही अपने जज़्बात ज़्यादा जाहिर न करें, लेकिन अपने अपनों से किए गए वादे कभी नहीं भूलते। ‘पापा भूलते नहीं’, एसबीआईलाइफ के #पापाहैंनाकैंपेन के तहत आई ये नई डिजिटल फिल्म, ऐसे ही उन सभी पिताओं को एक सलाम है, जो अपनी जिम्मेदारियों और रिश्तों को पूरे समर्पण से निभाते हैं। एसबीआईलाइफ में हमारा मानना है कि जीवन सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि अपनों के लिए भी जीना चाहिए। इस फिल्म के ज़रिए हम उन पिताओं का सम्मान करतेहैं, जो ‘अपने लिए, अपनों के लिए’ जीते हैं.. हर पल में प्यार, सोच और कमिटमेंट के साथ।”
डेंटसु क्रिएटिव इसोबार के प्रेसिडेंट, साहिल शाह ने कहा,”एसबीआईलाइफ के साथ एक बार फिर ‘पापा हैं ना’ कैंपेन पर काम करना हमारे लिए गर्व की बात है। इस बार हमने ‘पापा भूलते नहीं’ कैंपेन के जरिए फादर्स डे को खास बनाया है। इस फिल्म में हमने दिखाया है कि कैसे एक पिता अपने परिवार से किए हर वादे को निभाते हुए देश निर्माण में भी अहम भूमिका निभाते हैं। उनका उद्देश्य और उनकी मौजूदगी, दोनों साथ चलते हैं।”
एसबीआई लाइफ का नया कैंपेन एक बार फिर पिता की उस ताकत को सामने लाता है, जो किसी बड़े दिखावे में नहीं, बल्कि हर दिन निभाई जाने वाली जिम्मेदारी में छुपी होती है। ब्रांड की सोच के मुताबिक, असली सुरक्षा दिखावे से नहीं, बल्कि हर दिन चुपचाप साथ खड़े रहने से मिलती है। यह वीडियो डिजिटल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर रिलीज किया गया है, जो इस बात को खूबसूरती से दिखाता है कि पापा किस तरह हमारे जीवन में भरोसा और भावनात्मक सुरक्षा लाते हैं।