हरियाणा: पम्प इंडस्ट्री में अपने अनूठे समाधानों के लिए मशहूर क्रॉम्पटन ग्रीव्स कंज्यूमर इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड ने लगातार चौथी बार ऐतिहासिक सौर जल पम्पिंग प्रणाली का ऑर्डर हासिल करने की घोषणा की है। कंपनी ने प्रतिष्ठित पीएम-कुसुम योजना के अंतर्गत हरियाणा राज्य के लिए यह ऑर्डर हासिल किया है। यह नया ऑर्डर हरियाणा और हरेडा के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा जारी किया गया है। इसके अंतर्गत 7.5 एचपी डीसी की आपूर्ति, इंस्टॉलेशन और चालू करना; और 10 एचपी डीसी सौर फोटोवोल्टिक जल पम्पिंग प्रणाली शामिल है। इसकी लागत लगभग 9 करोड़ रुपए है। यह उपलब्धि सोलर एनर्जी कोरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसईसीआई) और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग (एमएनआरई) के नेतृत्व में एक बहुत बड़ी पहल का हिस्सा है। इसका लक्ष्य, समूचे भारत में 6.5 लाख नए पम्पों को हटाना और बदलना है। हरेडा से प्राप्त होने वाले अब तक के ऑर्डर कुल 65.6 करोड़ रुपए के हैं।
इसके साथ ही क्रॉम्पटन ने महाराष्ट्र में 2500 सौर पम्पिंग प्रणाली के लिए एमएसईडीसीएल (महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण निगम लिमिटेड) द्वारा 500 प्रणालियों के लिए और एमईडीए (महाराष्ट्र ऊर्जा विकास एजेंसी) से 2000 प्रणालियों के लिए पैनलबद्धता का पत्र प्राप्त किया है।
राजस्थान में 1000 सौर पम्पिंग प्रणालियों के लिए पैनलबद्धता का एक और पत्र राजस्थान के उद्यान आयुक्तालय द्वारा मिला है।
इस मौके पर अपनी बात रखते हुए, रजत चोपड़ा, वीपी एवं बिजनेस हेड,क्रॉम्पटन ग्रीव्स कंज्यूमर इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड का कहना है, “पीएम-कुसुम योजना के तहत हरियाणा में सौर पम्पिंग प्रणाली का लगातार चौथी बार ऑर्डर पाकर हम बेहद उत्साहित हैं। इसके साथ ही हमें महाराष्ट्र और राजस्थान सरकार की ओर से पैनलबद्धता का पत्र भी मिला है, जिससे कृषि क्षेत्र को अत्याधुनिक व स्थायी समाधान देने के प्रति हमारी अटूट निष्ठा नजर आती है। क्रॉम्पटन में हम मानते हैं कि नवचार हमारे डीएनए का हिस्सा है, जो हमें अपनी सीमाओं को फिर नए सिरे से परिभाषित करने के लिए प्रेरित करता है। सौर जल पम्प की श्रेणी में हमारी सफलता, हमारी स्थिति को मजबूत बनाती है, क्योंकि हम लगातार ही इस इंडस्ट्री में उन्नत तथा स्थायी समाधान लाने की कोशिश कर रहे हैं। हम कृषि दक्षता तथा आर्थिक खुशहाली लाने में पम्पों की अहम भूमिका को समझते हैं। इसलिए, किसानों को एक भरोसेमंद सौर-ऊर्जा सिंचाई समाधान से लैस करके हरियाणा राज्य के स्थायी विकास में योगदान देकर गर्व हो रहा है। हमारा मानना है कि यह साझेदारी इस राज्य में कृषि के एक उज्जवल भविष्य की राह तैयार करेगी।’’
पैनलबद्धता का कुल मूल्य लगभग 85 करोड़ रुपए है, जोकि कृषि के क्षेत्र में सस्टेनेबिलिटी लाने की प्रतिबद्धता की दिशा में एक और कदम है। यह महत्वपूर्ण प्रगति, हरियाणा के चौथे ऑर्डर और महाराष्ट्र तथा राजस्थान सरकार के हालिया एलओई के साथ दोगुनी हो गई है। यह क्रॉम्पटन के बढ़ते विस्तार और स्थायी समाधान उपलब्ध कराने के साथ-साथ एक हरे-भरे भविष्य के लिए तकनीक का लाभ उठाने के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है।
भारतीय कृषि के व्यापक परिदृश्य में, सौर ऊर्जा किसानों के लिए काफी लाभप्रद है। ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन को कम करते हुए यह ना केवल पर्यावरण से जुड़ी चिंताओं का समाधान करती है, बल्कि ऊर्जा की लागत को भी काफी कम कर देती है, जिससे उनके लाभांश में बढ़ोतरी होती है। देश में पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा को काफी महत्व दिया जा रहा है, ऐसे में सौर ऊर्जा एक गेम-चेंजर बनकर उभरी है। यह हमारी धरती के लिए महत्वपूर्ण स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत उपलब्ध करा रही है। सौर ऊर्जा को कृषि जैसे क्षेत्रों में शामिल कर एक व्यावहारिक तथा ईको-फ्रेंडली तरीका अपनाकर बदलाव लाया जा सकता है। इससे किसानों के साथ-साथ पर्यावरण को भी लाभ पहुंचेगा। इसलिए, स्थायी समाधान के प्रति क्रॉम्पटन का समर्पण नवीकरणीय ऊर्जा को लेकर राष्ट्रीय प्रयासों से मेल खाता है।
ऊर्जा दक्ष श्रेणी में प्रभाव डालने के अपने प्रयासों में क्रॉम्पटन का लक्ष्य, अगले कुछ वर्षों में पीएम-कुसुम योजना के अंतर्गत 10,000 सौर ऊर्जा पम्प लगाना है। एक व्यापक बिक्री उपरांत सेवा नेटवर्क, भारतभर में तकनीकी रूप से लैस चैनल पार्टनर, बेहतरीन आरएंडडी एवं विनिर्माण फेसिलिटीज तथा उत्पादों के विकास की एक 5-चरणीय विकास प्रक्रिया के माध्यम से, क्रॉम्पटन एक बेहद ऊर्जा-दक्ष तथा अनूठे सौर जल पम्प लगाने के अपने लक्ष्य को पूरा कर सकता है।
क्रॉम्पटन चार राज्यों-हरियाणा, महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्यप्रदेश के लिए निविदा प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल था। एसईसीआई और एमएनआरई की देखरेख में शुरूआती कार्यों की देखरेख, अंतिम निष्पादन चरण के लिए संबंधित राज्य नोडल एजेंसियों- हरेडा (हरियाणा), मेडा, एमएसईडीसीएल (महाराष्ट्र), एमपीयूवीएनएल (मध्य प्रदेश) और आरएचडीएस, आरयूवीवीएनएल (राजस्थान) को स्थानांतरित कर दिया गया। कार्य के चौथे ऑर्डर के साथ क्रॉम्पटन हरेडा के साथ अपने संचालन की शुरूआत करने के लिए तैयार है, वहीं वे राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में एक सार्थक प्रभाव डालने के लिए भी तैयार हैं।