आजकल हृदय से जुड़ी हुई बीमारियों के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। जब किसी व्यक्ति में हृदय रोग के लक्षण स्पष्ट होते हैं, लेकिन विभिन्न टेस्ट के बाद भी बीमारी का सटीक निदान नहीं हो पाता है, तो इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी टेस्ट की सलाह दी जाती है। आइए इस लेख में डॉ. विनोद पूनिया, सीनियर कंसल्टेंट कार्डियोलॉजी एंड इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी, नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर के माध्यम से समझते हैं इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी टेस्ट के बारे में-
इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी टेस्ट क्या है?*
इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी टेस्ट (ईपी स्टडी), दिल की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी को रिकॉर्ड करने और कार्डियक एरिथमिया यानी असामान्य दिल की धड़कन का पता लगाने और उपचार करने के लिए किया जाता है। इस प्रक्रिया में हृदय की असामान्य लय के उत्पत्ति स्थान का पता लगाने के लिए विशेष ईपी (इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी) कैथेटर्स का प्रयोग किया जाता है, ज़ो हृदय के अलग- अलग- स्थानों पर इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी को रिकॉर्ड करते हैं।
इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी टेस्ट (ईपी स्टडी) की आवश्यकता क्यों पड़ती है?*
यदि किसी व्यक्ति को हृदय से संबंधित कोई समस्या है या किसी व्यक्ति के दिल की धड़कन असामान्य हो रही है, लेकिन तमाम टेस्ट करवाने के बाद भी उसकी बीमारी का पता नहीं चल रहा है तो ऐसे में इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी टेस्ट एक अच्छा विकल्प है जिसकी मदद से डॉक्टर बीमारी का निदान करते हैं। ईपी स्टडी, के द्वारा हृदय की असामान्य लय और हृदय से जुड़ी हुई अन्य समस्याओं के बारे में काफ़ी जानकारी मिल सकती है जैसे की एरिथमिया का निदान, चैम्बर ऑफ़ ऑनसेट औऱ अचानक हृदय मृत्यु का जोखिम आदि। ये संभावित उपचार का सुझाव देने औऱ उपचार की रणनीति बनाने में काफी मदद करता है।
कैथेटर एब्लेशन क्या है?*
कैथेटर एब्लेशन ईपी स्टडी की तरह ही किया जाता है। एक बार जब ईपी स्टडी के द्वारा हृदय की असामान्य लय के उत्पत्ति स्थान का पता लग जाता है, तो एब्लेशन कैथेटर के द्वारा 30 से 90 सेकंड के लिए रेडियोफ्रीक्वेंसी ऊर्जा का उपयोग किया जाता है। इसमें आमतौर पर दर्द नहीं होता लेकिन कभी-कभी छाती में थोड़ी जलन महसूस हो सकती है। ईपी स्टडी औऱ कैथेटर एब्लेशन के द्वारा कई प्रकार के एरिथमिया का सफलता पूर्वक इलाज किया जा सकता है जिसका सक्सेस रेट 85% या उससे भी अधिक है।
ईपी की प्रकिया कौन करता है और इस प्रक्रिया में कितना समय लगता है?*
ईपी स्टडी, कार्डियक इलेक्ट्रोफिजियोलॉजिस्ट के द्वारा की जाती है जो यह प्रकिया को करने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित होते हैं। सामान्य रूप से ईपी स्टडी की प्रक्रिया में 1 से 3 घंटे तक का समय लग सकता है। टेस्ट के अगले दिन मरीज को छुट्टी दी जा सकती है
क्या ईपी स्टडी औऱ कैथेटर एब्लेशन की प्रक्रिया सुरक्षित है?*
जी हां, आमतौर पर यह एक सुरक्षित प्रक्रिया है लेकिन किसी भी अन्य प्रक्रिया की तरह इसमें भी मामूली संभावित जोखिम हो सकते हैं।