जयपुर , दिव्यराष्ट्र/ हिंगोनिया गौशाला सदैव गौ-सेवा के लिए कटिबद्ध रही है| गौवंश की सही और समुचित देखभाल ही गौशाला का दायित्व रहा है| इसके साथ ही नवीन तकनीकीकरण के माध्यम से पर्यावरण की स्वच्छता भी गौशाला का प्राथमिक उद्देश्य रहा है इसी क्षेत्र में अग्रणी पहल करते हुए मई 2022 में लिए गौशाला ने 32 करोड़ रूपये खर्च करके आई.ओ. सी .एल. ( इंडियन ऑइल लिमिटेड कारपोरेशन ) के सहयोग से बायो गैस प्लांट तैयार किया था| इस बायो गैस प्लांट का उद्देश्य पर्यावरण सुधार, स्थानीय लोगो को रोजगार, गोबर धन का सदुपयोग आदि था|
यह भारत का पहला ऐसा प्लांट था जो रोजाना 01 लाख किलो गोबर से 6% गैस बनाने की क्षमता रखता था लेकिन खेदजनक बात ये है की अब तक के 28 माह के संचालन में प्लांट से रोजाना 30000 किलो गोबर से 1.6 % ही गैस ही बन पा रही है, जो की इसकी क्षमता से बहुत ही कम है संस्था को 28 माह के संचालन में लगभग 1.70 करोड़ का आर्थिक नुकसान हुआ है जिससे संस्था पर 7 से 8 लाख का आर्थिक भार बढ़ गया है जिसमे बिजली बिल और दूसरी आवश्यक जरूरते शामिल है |
प्रधानमंत्री ने अभी हाल ही में ग्वालियर में गौशाला में बने बायो सीएनजी प्लांट का वर्चुअल लोकार्पण किया है और दूसरी तरफ राजस्थान के जयपुर जिले की सबसे बड़ी गौशाला में आई.ओ. सी .एल. कंपनी से प्लांट की कमियाँ दूर नहीं होने कारण गौशाला पर आर्थिक भार बढ़ने से संस्था द्वारा 30 सितंबर 2024 से बायो गैस प्लांट को बंद कर दिया गया है |
मीडिया प्रभारी सिद्ध स्वरुप दास ने बताया की अब तक हिंगोनिया गौशाला बायो गैस प्लांट के सुचारू संचालन करने का प्रयास कर रही थी , लेकिन अब संस्था हर माह का संचालन भोझ नही उठा सकती तो प्लांट अब बंद कर दिया गया है |भारत सरकार और आई.ओ. सी .एल. के सहयोग से प्लांट एक बार दोबारा संचालित हो सकता है और राजस्थान में बायो गैस के उत्पादन और उस से होने वाले लाभ के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर सकता है|