जयपुर: अमेरिका की प्रमुख इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) कंपनी टेस्ला अपने विस्तार के लिए भारत में जगह तलाश रही है। इसी सिलसिले में राजस्थान टेस्ला का ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए एक सशक्त दावेदार बनकर सामने आया है। गुजरात, तमिलनाडु और महाराष्ट्र के अलावा राजस्थान भी टेस्ला को लाने के लिए आकर्षक प्रस्ताव दे रहा है। निवेश संवर्धन ब्यूरो राजस्थान सरकार के इस प्रयास का नेतृत्व कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक राजस्थान ने अपने औद्योगिक शहर भिवाड़ी को टेस्ला के संभावित उद्यम के लिए प्रमुख स्थान के रूप में प्रस्तावित किया है। राज्य ने कुछ विशेष भूखंडों की पहचान की है और टेस्ला की टीम को इस बारे में बता दिया है। यह दिखाता है कि राजस्थान सरकार सौदे को सुरक्षित करने के लिए कितनी उत्साहित है। पूरे मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि टेस्ला के वरिष्ठ अधिकारियों और राजस्थान सरकार के प्रतिनिधियों के बीच पिछले सप्ताह हुई प्रारंभिक बैठक “काफी सकारात्मक” रही है।
एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, ”भिवाड़ी और उसके आसपास के कई औद्योगिक क्षेत्रों में से सलारपुर या खुशखेड़ा औद्योगिक क्षेत्र कंपनी की जरूरतों के लिए सबसे अनुकूल होगा, ऐसा हमें लगता है। इस क्षेत्र को एक ऑटो हब बनाने के लिए ही डिज़ाइन किया गया था। इसमें पहले से ही बड़ी ऑटो कंपनियां और सहायक उद्योग काम कर रहे हैं। यह क्षेत्र दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेसवे से बहुत अच्छी तरह से जुड़े हुए हैं। इन इलाकों में निर्बाध बुनियादी ढांचा भी मौजूद है।”
राजस्थान की द्वितीय चरण की औद्योगिक विकास योजना का अभिन्न अंग होने के कारण यह क्षेत्र रणनीतिक रूप से भी काफी फायदेमंद साबित होगा। अधिकारियों ने बताया कि राज्य राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के साथ अपनी निकटता, सड़क और रेल के माध्यम से दिल्ली और मुंबई के साथ निर्बाध कनेक्टिविटी, सस्ती श्रम लागत और विशाल भूमि बैंक को अपनी खासियत के तौर पर पेश कर रहा है। राज्य सरकार भिवाड़ी के पास प्रस्तावित हवाई अड्डे और एक रेलवे कार्गो टर्मिनल को जोड़ने की भी योजना बना रही है।
इस बारे में क्रेडाई एनसीआर भिवाड़ी नीमराना के अध्यक्ष अनिल गुप्ता ने कहा, ”गत दशक में हमने भिवाड़ी के औद्योगिक क्षेत्र की असाधारण प्रगति देखी है। इससे न केवल आवास की मांग तेजी से बढ़ी है, बल्कि भिवाड़ी निवेश के लिए एक आदर्श क्षेत्र के रूप में भी स्थापित हो गया है। दिग्गज वाहन निर्माता कंपनी टेस्ला को भिवाड़ी में आकर्षित करने के सरकार के सक्रिय प्रयास अब इस क्षेत्र को विकास के अगले स्तर तक ले जाने की स्थिति में हैं। यह संभावित सहयोग नए अवसरों को खोलेगा और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में भिवाड़ी को एक गतिशील आर्थिक शक्ति केंद्र (पावर हाउस) के रूप में स्थापित कर देगा। तैयार हो रहे दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी आरआरटीएस कॉरिडोर के साथ-साथ दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर (डीएमआईसी) जैसी नियोजित बुनियादी ढांचा परियोजनाएं आने वाले वर्षों में भिवाड़ी की तरक्की की रफ्तार और तेज कर देंगी। भिवाड़ी की दिल्ली, गुड़गांव और जयपुर जैसे प्रमुख शहरों के साथ बेहतरीन कनेक्टिविटी है, जो इसे आवासीय और व्यावसायिक विकास कार्यों के लिए एक आदर्श स्थान बनाता है।
भिवाड़ी कभी राजस्थान के अलवर जिले में बसा एक शांत गांव हुआ करता था। मगर नई दिल्ली के नजदीक होने के कारण भिवाड़ी में पिछले दो दशकों में जबर्दस्त परिवर्तन आया है। अब यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के भीतर एक संपन्न औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित हो गया है। भिवाड़ी आज करीब 5,000 कारखानों को संचालित करने वाला जीवंत इलाका है। ये कारोबार अब होंडा कारों से लेकर जगुआर सेनेटरी वेयर तक के विभिन्न उत्पादों की आपूर्ति करते हैं। यह बात इस क्षेत्र के सबसे बड़े औद्योगिक केंद्रों में से एक बनकर उभरे भिवाड़ी के महत्व को रेखांकित करती है। औद्योगिक गतिविधियां बढ़ने से इस क्षेत्र में आवासीय मांग को भी तेजी मिली है। विकास की इन तमाम गतिविधियों के कारण पूरे इलाके में माहौल को उत्साह से भर दिया है।
गुप्ता ने आगे कहा, “इस क्षेत्र को ऑटोमोटिव हब (वाहन उद्योग के केंद्र) के रूप में विकसित करने की सावधानीपूर्वक योजना बनाई गई थी। इसमें प्रमुख वाहन निर्माताओं और सहायक उद्योगों की महत्वपूर्ण उपस्थिति रही है। दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेसवे के साथ निर्बाध कनेक्टिविटी (आवागमन) और मजबूत बुनियादी ढांचे के कारण यह क्षेत्र निरंतर प्रगति और विकास के लिए एकदम उपयुक्त जगह बन गया है। जब यह क्षेत्र दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जुड़ जाएगा, तो इसके विकास और समृद्धि की संभावना और बढ़ जाएगी।”