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अपोलो का आग्रह विश्व उच्च रक्तचाप दिवस पर ‘नॉर्मल’ के बारे में पुनर्विचार करें

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2 में से 1 स्वस्थ भारतीय में हृदय रोग के लक्षण दिखाई देते हैं

नवी मुंबई, दिव्यराष्ट्र/: विश्व उच्च रक्तचाप दिवस पर, अपोलो हॉस्पिटल्स ने सभी का ध्यान भारत में उच्च रक्तचाप के बढ़ते प्रचलन की ओर खींचा है। भारत की लगभग 30% वयस्क आबादी उच्च रक्तचाप से पीड़ित है। उच्च रक्तचाप हृदय रोग, स्ट्रोक, किडनी फेलियर और समय से पहले मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है। साथ ही सार्वजनिक स्वास्थ्य पर इसका बोझ काफी ज़्यादा है। इसके बावजूद, उच्च रक्तचाप से पीड़ित बहुसंख्य लोगों में इस समस्या का निदान ही नहीं हो पाता है। यह वास्तविकता पूरे देश भर में स्वास्थ्य सेवा प्राथमिकताओं में बदलाव की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करती है।

भारत में उच्च रक्तचाप का बढ़ता बोझ – हाल के अध्ययनों से पता चलता है कि, लगभग 300 मिलियन लोग उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं। अचरज की बात है कि, उच्च रक्तचाप वाले लगभग आधे लोग अपनी स्थिति से अनजान रहते हैं। युवा आबादी में इसका प्रचलन उल्लेखनीय रूप से ज़्यादा है, 2024 में 45 वर्ष से कम आयु के 26% लोगों में उच्च रक्तचाप का निदान किया गया। भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर दबाव बढ़ रहा है। हैदराबाद (68%), दिल्ली (65%), और चेन्नई (63%) में सबसे अधिक प्रचलन की जानकारी मिली है। ‘शहरी जीवनशैली’ का खराब प्रभाव इसमें स्पष्ट रूप से दिखाई देता है, जिसमें दीर्घकालिक तनाव और गतिहीन दिनचर्या की वजह से हृदय संबंधी जोखिम बढ़ती है।

डॉ.प्रताप सी रेड्डी, संस्थापक और अध्यक्ष, अपोलो हॉस्पिटल्स ने कहा,”भारत ने कई सार्वजनिक स्वास्थ्य संकटों का सफलतापूर्वक मुकाबला किया है, और सफलता के पीछे जागरूकता और सामूहिक प्रयास थे। अपोलो हॉस्पिटल्स में, हम मानते हैं कि बीमारी की रोकथाम पहला इलाज है। अपोलो प्रोहेल्थ जैसी पहलों के माध्यम से, हम 25 मिलियन से अधिक जांचों को प्रभावशाली कार्रवाई में बदल रहे हैं – डिजिटल उच्च रक्तचाप की निगरानी को बढ़ा रहे हैं, पॉलिसी एडवोकेसी को मज़बूत कर रहे हैं, और नियमित जांच को राष्ट्रीय प्राथमिकता बना रहे हैं। हम हर भारतीय के लिए स्वस्थ जीवन, लंबी आयु की कामना करते हैं।”

रोकथाम का मार्ग: व्यक्तिगत और तकनीक सक्षम – सबूत दर्शाते हैं कि नमक का सेवन कम करने, शारीरिक गतिविधि बढ़ाने और तनाव प्रबंधन जैसे सरल जीवनशैली बदलाव अपनाकर उच्च रक्तचाप के कारण होने वाले 80% दिल के दौरे और स्ट्रोक को रोका जा सकता है। जबकि उच्च रक्तचाप का मेडिकल इलाज ज़रूरी है, अपोलो हॉस्पिटल्स निवारक स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा देने की मांग कर रहा है। उच्च रक्तचाप के बढ़ते बोझ को कम करने की कुंजी नियमित जांच, स्वस्थ जीवन शैली विकल्पों और गंभीर जटिलताओं में विकसित होने से पहले जोखिम कारकों को दूर करके व्यक्तियों को अपने स्वास्थ्य पर नियंत्रण रखने के लिए सशक्त बनाना है।

अपोलो हॉस्पिटल्स उच्च रक्तचाप का पता लगाने और इलाज को बढ़ाने के लिए देश की स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों में प्रौद्योगिकी को जोड़ने की मांग करता है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई ), प्रेडिक्टिव विश्लेषण और टेलीमेडिसिन में प्रगति स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के तरीके को बदल रहे हैं, जिससे अधिक सटीक जोखिम आकलन, प्रारंभिक पहचान और उच्च रक्तचाप का लगातार प्रबंधन संभव हो रहा है।

हृदय संबंधी रोकथाम के बारे में राष्ट्रीय स्तर पर पुनर्विचार करने का आवाहन अपोलो ने किया है, भारतीयों से आग्रह किया है कि वे शारीरिक जांच करवाना जल्द से जल्द शुरू करें, खासकर 30 वर्ष की आयु के बाद या जिनके परिवार में हृदय रोग का इतिहास ऐसे लोगों के लिए यह ज़रूरी है। कोरोनरी कैल्शियम स्कोरिंग जैसी उन्नत इमेजिंग तकनीकों को शामिल करने से छिपे हुए जोखिमों को समझने में मदद मिल सकती है। निवारक उपचार रणनीतियों को अपनाने से, लक्षण दिखाई न देने के बावजूद, शुरूआती मार्कर को समझकर भविष्य की जटिलताओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है। अध्ययनों से पता चलता है कि जब शुरुआती एथेरोस्क्लेरोसिस वाले व्यक्तियों को दिशानिर्देश-आधारित इलाज मिलते हैं, तब हृदय संबंधी घटनाओं में 45-50% की कमी आती है।

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