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अपोलो ने स्वास्थ्य सेवा को भविष्य के लिए परिपूर्ण बनाया

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अपोलो ने राष्ट्रीय डॉक्टर्स दिवस पर निवारक स्वास्थ्य के लिए एक ऐतिहासिक प्रतिबद्धता की घोषणा की

 

नवी मुंबई, दिव्यराष्ट्र/: अपोलो हॉस्पिटल्स के चेयरमैन डॉ. प्रताप सी. रेड्डी ने राष्ट्रीय डॉक्टर्स दिवस पर भारत के स्वास्थ्य भविष्य को नया आकार देने के लिए एक नई ऐतिहासिक प्रतिबद्धता की घोषणा की। देश में बढ़ते गैर-संचारी रोग (एनसीडी) संकट से निपटने के लिए रोकथाम-प्रथम देखभाल पर दोगुना ज़ोर देने के लिए अपोलो हॉस्पिटल्स ने अपनी कमर कस ली है। उसी के आधार पर उठाया गया यह रणनीतिक कदम एआई-संचालित, तकनीक-सक्षम निवारक स्वास्थ्य पर अपोलो के फोकस को और भी मज़बूत करता है भारत में बीमारी का पता लगाने, भविष्य का अनुमान कर पाने और उनकी रोकथाम करने के तरीकों को बदल देता है। चार दशकों के चली आ रही क्लिनिकल लीडरशिप के आधार पर उठाया गया यह रणनीतिक कदम, एनसीडी संकट से निपटने के लिए अत्याधुनिक तकनीक और एआई-संचालित इंटेलिजेंस का उपयोग करके बिमारियों के रोकथाम पर अपोलो के अग्रणी फोकस को गहरा करता है।

 

यह घोषणा 1974 में शुरू हुए एक मिशन को दर्शाती है, जब डॉ. रेड्डी ने भारत की पहली संरचित स्वास्थ्य जांच शुरू की थी। तब से, अपोलो ने वैश्विक रूप से बेंचमार्क की गयी इकोसिस्टम का निर्माण किया है – जिसे वे ‘साइंस ऑफ़ प्रिवेंटिव हेल्थ’ कहते हैं- जिसने दुनिया भर में 29 मिलियन से अधिक लोगों के जीवन को प्रभावित किया है।

 

डॉ. प्रताप सी. रेड्डी, संस्थापक-अध्यक्ष, अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप ने कहा,”एक डॉक्टर होने के नाते, मैंने देखा है कि गैर-संचारी रोग हमारे देश बहुत भारी असर डाल रहे हैं – न केवल स्वास्थ्य पर, बल्कि हमारी अर्थव्यवस्था, हमारे परिवारों और हमारे भविष्य पर भी। यह एक खामोश सुनामी है, और इससे लड़ने का एकमात्र तरीका जल्द से जल्द कार्रवाई करना है। आज, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सबूतों पर आधारित निवारक कार्यक्रमों की शक्ति के साथ, हमारे पास बीमारी के आने से पहले जोखिम का पता लगाने की अभूतपूर्व क्षमता है – बीमारी के बढ़ने को रोकने के लिए, और कई मामलों में, इसे पूरी तरह से उलटने के लिए यह मददगार है। रोकथाम को हमारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य रणनीति का आधार बनना चाहिए।”

 

एनसीडी सुनामी से लड़ना: एक राष्ट्रीय मिशन*

भारत एक अभूतपूर्व स्वास्थ्य संकट का सामना कर रहा है – गैर-संचारी बिमारियों की वजह से जान गवा देने वालों की संख्या सभी मौतों में 63% है। इस मूक महामारी का युवा जीवन पर बढ़ता प्रभाव इसे और भी गंभीर बनाता है। बीमारी की जल्द से जल्द पहचान और उपचार की शक्ति को वैज्ञानिक रूप से मान्य किया गया है: 80% मामलों में हृदय संबंधी घटनाओं को रोका जा सकता है, मधुमेह की जटिलताओं को 70% तक कम किया जा सकता है, और व्यवस्थित जांच और जीवनशैली संशोधन कार्यक्रमों के ज़रिए कैंसर मृत्यु दर में 50% की कमी की जा सकती है।

 

अपोलो के निवारक स्वास्थ्य सेवा मॉडल में एक्विड जैसे नवाचार हैं, जो हृदय जोखिम का अनुमान पहले से लगाने के लिए एक एआई मॉडल है; कैंसर, स्ट्रोक, फेफड़े और चयापचय स्थितियों के लिए संरचित स्क्रीनिंग प्रोटोकॉल जो एनसीडी का अनुमान बहुत पहले लगाने में मदद करते हैं, जिससे राष्ट्र पर बोझ कम हो सकता है। होम डायग्नोस्टिक्स, रीयल-टाइम डिजिटल रिपोर्ट जैसी सुविधाओं के साथ; और वंचित समुदायों तक स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाने वाली मोबाइल मेडिकल यूनिट अपोलो का निवारक देखभाल मॉडल हर किसी की सेवा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

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