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अवैध ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर को खत्म करने के लिए एक इकोसिस्टम एप्रोच अपनाना होगा

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दिव्यराष्ट्र, नई दिल्ली: डिजिटल इंडिया फाउंडेशन द्वारा आज जारी की गई एक रिपोर्ट के अनुसारभारत में तेजी से बढ़ते अवैध ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर को खत्म करने के लिए एक इकोसिस्टम एप्रोच अपनाना होगा। इसके लिए मेटा और गूगल जैसी बड़ी टेक कंपनियों को एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की आवश्यकता है। यह फाउंडेशन एक गैर-लाभकारी थिंक टैंक है, जो डिजिटल समावेशन और विकास को बढ़ावा देता है। ‘भारत में अवैध जुआ एवं सट्टेबाजी बाजार: आकार एवं सहयोगी’ (इलिगल गैंबलिंग एंड बेटिंग मार्केट इन इंडिया: द स्केल एंड इनेबलर्स) शीर्षक से जारी इस रिपोर्ट में डिजिटल प्लेटफॉर्म से संबंधित नीतियों का विश्लेषण किया गया और पाया गया कि पैसे देकर विज्ञापन चलाने को लेकर सख्त नियम हैंलेकिन इन्हें लेकर प्रवर्तन असंगत है।

डिजिटल इंडिया फाउंडेशन के प्रमुख और सह-संस्थापक डॉ. अरविंद गुप्ता ने कहा, “अवैध सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म की बढ़ती संख्या और इनके विकास ने ऐसा माहौल बनाया है, जिससे इन साइट्स पर जाने वाले भारतीय यूजर्स अक्सर समझ ही नहीं पाते कि वे किसी अवैध प्लेटफॉर्म से जुड़ रहे हैं। इससे प्रभावी तरीके से निपटने के लिए मात्र इन अवैध वेबसाइटों को ब्लॉक करने जैसे उपायों पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं है। इसके बजाय, एक अधिक व्यापक रणनीति की आवश्यकता है – जो अवैध सट्टेबाजी और जुए के संचालन को सक्षम बनाने वाले पूरे इकोसिस्टम को निशाना बनाए। इसमें विज्ञापन, पेमेंट ऑपरेटर्स और इन प्लेटफॉर्म का समर्थन करने वाले सॉफ्टवेयर प्रोवाइडर्स को लक्ष्य बनाना भी शामिल है।”

भारत में अवैध जुआ एवं सट्टेबाजी का इकोसिस्टम डिजिटल विज्ञापनों, सोशल मीडिया एवं मैसेजिंग प्लेटफॉर्म, क्रिप्टोकरेंसी जैसी पेमेंट टेक्नोलॉजी आदि से जुड़े सिस्टम के एक व्यापक नेटवर्क के माध्यम से संचालित होता है। यह अवैध सेक्टर प्रति वर्ष 100 अरब डॉलर से अधिक का है। डिजिटल के प्रसार, तकनीकी प्रगति और नियामकीय अनिश्चितता के कारण यह प्रति वर्ष 30% की दर से बढ़ रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार, भारत में अवैध जुए और सट्टेबाजी का स्तर चौंका देने वाला है। विश्लेषण में शामिल चार प्लेटफॉर्म – पेरीमैच, स्टेक, 1एक्सबेट और बैटरी बेट पर मात्र तीन महीनों (अक्टूबर से दिसंबर, 2024) में 1.6 अरब विजिट देखने को मिली। इन चारों प्लेटफॉर्म पर ट्रैफिक सोर्स के विश्लेषण से पता चला है कि इन तीन महीनों में सोशल मीडिया से 4.28 करोड़ विजिट आई। यह ट्रैफिक फेसबुक विज्ञापन नेटवर्क, प्रमोटेड कंटेंट, इन्फ्लूएंसर मार्केटिंग और सोशल मीडिया एंगेजमेंट कैंपेन जैसे डायरेक्ट पेड विज्ञापनों से आता है।

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