जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में ‘अहिल्या बाई होल्कर’ त्रिशताब्दी जयंती समारोह
जोधपुर, दिव्यराष्ट्र/। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि आज हमें अहिल्याबाई होल्कर के जीवन चरित्र और मातृ भूमि राष्ट्र के प्रति किए योगदान को जीवन में आत्मसात करने की आवश्यकता है।
जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में गुरुवार को ‘अहिल्याबाई होल्कर’ त्रिशताब्दी जयंती समारोह का आयोजन किया गया। बतौर मुख्य अतिथि शेखावत ने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर ने विभिन्न कष्टों के बाद भी अपनी संकल्प शक्ति से समाज को नई ऊंचाइयां दीं। उन्होंने मुगलकाल में हुए विध्वंस का पुनर्निर्माण कर धन का सदुपयोग किया। शेखावत ने कहा कि जो समाज इतिहास से प्रेरणा नहीं लेता, वह अपनी जड़ों से कट जाता है।
शेखावत ने महाकुंभ मेले का सांस्कृतिक महत्व बताते हुए कहा कि यदि समग्रता के साथ भारत को समझना है तो कुछ दिन महाकुंभ में रहे। महाकुंभ भारत के विराट रूप का दर्शन है।
समारोह के मुख्य वक्ता और अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के संगठन मंत्री डॉ. बालमुकुंद पाण्डेय ने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर सामाजिक समरसता का उत्कृष्ट उदाहरण है। उन्होंने स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने, कुटुंब प्रबंधन, नागरिक बोध, महिला सशक्तीकरण, कर्तव्य पालन का बेहतरीन उदाहरण पेश किया है।
सह वक्ता और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के प्रो. शिव कुमार मिश्रा ने विस्तार पूर्वक विषय की प्रस्तावना पेश की। समारोह की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. केएल श्रीवास्तव ने अहिल्याबाई होल्कर के आदर्शों से प्रेरणा लेने की बात कही। विशिष्ट अतिथि और जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग की अध्यक्षा प्रो. सुशीला शक्तावत ने अहिल्याबाई का जीवन परिचय देते हुए मल्हार राव और अहिल्याबाई के बीच हुए पत्र व्यवहार पर भी चर्चा की।
समन्वय डॉ. भगवान सिंह शेखावत ने स्वागत उद्बोधन, डॉ. दिनेश राठी ने मंच संचालन और डॉ. विजयश्री ने धन्यवाद ज्ञापित किया। समारोह के दौरान बुधवार को विश्वविद्यालय में अहिल्याबाई होल्कर पर हुई प्रश्नोत्तरी के विजेताओं को भी सम्मानित किया गया।