जयपुर, दिव्यराष्ट्र/ जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी का स्कूल ऑफ लॉ 2017 में शुरू हुआ था, और इसके पहले बैच ने ही कैंपस पर कदम रखते ही लीगल ऐड क्लिनिक पहल से समाज की सेवा करनी शुरू कर दी थी| इसका उद्देश्य आस पास के गाँवों में महिलाओं और बच्चों के लिए कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाना था | उन्होंने लोगों को उनके अधिकारों को समझाया और वहां के बच्चों की शिक्षा को समर्थन देने के लिए एक पूर्णताम सामाजिक पुस्तकालय स्थापित किया। स्कूल ऑफ लॉ के बच्चों ने नियमित रूप से छात्रों को गाँवों में भेजना शुरू किया ताकि वे वहां के कानूनी चुनौतियों को समझें और सही संसाधनों का प्रयास करें।
स्कूल ऑफ लॉ द्वारा ऐसी अनगिनत पहल हैं जिनका उद्देश्य भारत के न्याय के लिए सबसे अच्छे वकीलों को तैयार करना है। जेईसीआरसी का स्कूल ऑफ लॉ सामाजिक शिक्षा पर ध्यान देते हैं और नए और प्रगतिशील अवसर बनाने की कोशिश करते हैं।
डीन, स्कूल ऑफ लॉ, प्रो. महेश कूलवाल, ने कहा की हमारा उद्देश्य विद्यार्थियों को उच्च पढ़ाई और शोध के जरिए अच्छी कानूनी शिक्षा देना और समाज में कानूनी जागरूकता फैलाना, जिस से की सभी को राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक न्याय मिल सके साथ ही स्टूडेंट्स को बेहतर अनुभव के लिए इंटर्नशिप ट्रेनिंग भी कराई जाती हैं विद्यार्थी भारत के विधि आयोग, कोयला मंत्रालय, सैमसंग, भारत की प्रतियोगिता आयोग, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, एयू बैंक, मुस्कान फाउंडेशन, और श्री राम कैपिटल जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं में प्रशिक्षण दिया जाता है।
हेड ऑफ डिपार्टमेंट, स्कूल ऑफ लॉ, डॉ. नमिता जैन ने बताया की स्कूल ऑफ लॉ की मूट कोर्ट सोसायटी, जिसमें छात्र और शिक्षक शामिल हैं, हमारे छात्रों को व्यावहारिक कानूनी कौशल सिखाने में मदद करती है।मूट कोर्ट प्रतियोगिताओं, कार्यशालाओं और प्रशिक्षण सत्रों के माध्यम से हम छात्रों को तर्क-वितर्क करना, कानूनी शोध करना और कोर्ट में अच्छे से बोलना सिखाते हैं।