
मुंबई, दिव्यराष्ट्र:/ लर्निंग स्पाइरल ने अमेजन वेब सर्विस (लर्निंग स्पाइरल ने एडब्ल्यूएस और पश्चिम बंगाल सरकार के साथ फ्यूचर-रेडी स्किलिंग कॉन्क्लेव का आयोजन किया
लर्निंग स्पाइरऔर पश्चिम बंगाल सरकार के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के सहयोग से “स्किलिंग कॉन्क्लेव—न्यू एज इंडिया के लिए स्किल्स रोडमैप” का सफल आयोजन किया। यह कार्यक्रम कोलकाता के पार्क स्ट्रीट स्थित द पार्क होटल में आयोजित हुआ। इसमें वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, जाने-माने शिक्षाविद और तकनीक विशेषज्ञ शामिल हुए, जिन्होंने भारत में बदलते स्किल्स इकोसिस्टम पर चर्चा की।
मुख्य भाषण बिनोद कुमार, प्रधान सचिव, स्कूल एवं उच्च शिक्षा विभाग, पश्चिम बंगाल सरकार ने दिया। उन्होंने डिजिटल शिक्षा को मजबूत करने, इंडस्ट्री और शैक्षणिक संस्थानों के बीच सहयोग बढ़ाने और छात्रों को तकनीक-आधारित भविष्य के लिए तैयार करने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। कार्यक्रम में यह बात प्रमुख रूप से सामने आई कि भारत की शिक्षा व्यवस्था का भविष्य इस पर निर्भर करता है कि आधुनिक कौशलों को हम कितनी तेजी और प्रभावी तरीके से पढ़ाई का हिस्सा बनाते हैं।
लर्निंग स्पाइरल के संस्थापक, मनीष मोथा ने कहा,उच्च शिक्षा का भविष्य, भविष्य-तैयार कौशल विकास, राष्ट्रीय स्किल्स रोडमैप और शिक्षा में एआई की ताकत को देखते हुए यह साफ है कि संस्थानों को क्लाउड-आधारित लर्निंग सिस्टम और नई तकनीकों को बिना देरी अपनाना होगा। यह अब विकल्प नहीं, बल्कि जरूरी है—ताकि हम एक ऐसी पीढ़ी तैयार कर सकें जो रोजगार-योग्य, लचीली और नवाचार-केंद्रित हो। सरकार, शैक्षणिक संस्थानों और टेक लीडर्स के बीच सहयोग ही छात्रों को तेजी से बदलती डिजिटल दुनिया के लिए तैयार करने की कुंजी है।”
इस कॉन्क्लेव में कई प्रमुख हस्तियों की सक्रिय भागीदारी रही, जिनमें पश्चिम बंगाल सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के सचिव, तकनीकी शिक्षा निदेशालय के निदेशक, प्रो. अमलान चक्रवर्ती (निदेशक, ए.के. चौधरी स्कूल ऑफ आईटी, कलकत्ता विश्वविद्यालय) और एडब्ल्यूएस के लीडर्स सुमिता गुप्ता एवं रोहित शर्मा शामिल थे।
यह स्किलिंग कॉन्क्लेव भविष्य-तैयार भारत के निर्माण के लिए लर्निंग स्पाइरल की प्रतिबद्धता को दोहराता है, जहाँ संवाद, नवाचार और साझेदारी के माध्यम से छात्रों, शिक्षकों और शैक्षणिक संस्थानों की अगली पीढ़ी को सशक्त बनाया जा सके।) और पश्चिम बंगाल सरकार के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के सहयोग से “स्किलिंग कॉन्क्लेव—न्यू एज इंडिया के लिए स्किल्स रोडमैप” का सफल आयोजन किया। यह कार्यक्रम कोलकाता के पार्क स्ट्रीट स्थित द पार्क होटल में आयोजित हुआ। इसमें वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, जाने-माने शिक्षाविद और तकनीक विशेषज्ञ शामिल हुए, जिन्होंने भारत में बदलते स्किल्स इकोसिस्टम पर चर्चा की।
मुख्य भाषण बिनोद कुमार, प्रधान सचिव, स्कूल एवं उच्च शिक्षा विभाग, पश्चिम बंगाल सरकार ने दिया। उन्होंने डिजिटल शिक्षा को मजबूत करने, इंडस्ट्री और शैक्षणिक संस्थानों के बीच सहयोग बढ़ाने और छात्रों को तकनीक-आधारित भविष्य के लिए तैयार करने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। कार्यक्रम में यह बात प्रमुख रूप से सामने आई कि भारत की शिक्षा व्यवस्था का भविष्य इस पर निर्भर करता है कि आधुनिक कौशलों को हम कितनी तेजी और प्रभावी तरीके से पढ़ाई का हिस्सा बनाते हैं।
लर्निंग स्पाइरल के संस्थापक मनीष मोथा ने कहा,
“उच्च शिक्षा का भविष्य, भविष्य-तैयार कौशल विकास, राष्ट्रीय स्किल्स रोडमैप और शिक्षा में एआई की ताकत को देखते हुए यह साफ है कि संस्थानों को क्लाउड-आधारित लर्निंग सिस्टम और नई तकनीकों को बिना देरी अपनाना होगा। यह अब विकल्प नहीं, बल्कि जरूरी है—ताकि हम एक ऐसी पीढ़ी तैयार कर सकें जो रोजगार-योग्य, लचीली और नवाचार-केंद्रित हो। सरकार, शैक्षणिक संस्थानों और टेक लीडर्स के बीच सहयोग ही छात्रों को तेजी से बदलती डिजिटल दुनिया के लिए तैयार करने की कुंजी है।”
इस कॉन्क्लेव में कई प्रमुख हस्तियों की सक्रिय भागीदारी रही, जिनमें पश्चिम बंगाल सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के सचिव, तकनीकी शिक्षा निदेशालय के निदेशक, प्रो. अमलान चक्रवर्ती (निदेशक, ए.के. चौधरी स्कूल ऑफ आईटी, कलकत्ता विश्वविद्यालय) और एडब्ल्यूएस के लीडर्स सुमिता गुप्ता एवं रोहित शर्मा शामिल थे।
यह स्किलिंग कॉन्क्लेव भविष्य-तैयार भारत के निर्माण के लिए लर्निंग स्पाइरल की प्रतिबद्धता को दोहराता है, जहाँ संवाद, नवाचार और साझेदारी के माध्यम से छात्रों, शिक्षकों और शैक्षणिक संस्थानों की अगली पीढ़ी को सशक्त बनाया जा सके।




