
रेगिस्तानी कृषि व औषधीय पौधों पर मिला व्यावहारिक ज्ञान
जोधपुर, दिव्यराष्ट्र:/ जीत यूनिवर्स के फार्मेसी कॉलेज के डिप्लोमा स्टूडेंट्स ने शहर के सेंट्रल एरिड जोन रिसर्च इंस्टीट्यूट (काजरी) की विजिट की। इस एजुकेशनल टूर के जरिए स्टूडेंट्स ने सस्टेनेबल एग्रीकल्चर प्रेक्टिसेज, औषधीय पौधों की खेती और शुष्क भूमि वाले क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण के बारे में व्यावहारिक जानकारी प्राप्त की।
इस दौरान काजरी के तकनीकी अधिकारी सुरेंद्र ने स्टूडेंट्स को नाइट जैस्मीन व रावोल्फिया सर्पेंटिना जैसे विभिन्न औषधीय पौधों के चिकित्सा लाभों और शुष्क जलवायु के लिए उपयुक्त खेती की तकनीकों के बारे में बताया। मेक्सिको की किस्मों सहित कैक्टस की 40 से अधिक प्रजातियों से रूबरू कराया गया। साथ ही बताया गया कि पारंपरिक खाद्य तैयारी में सौर ऊर्जा का उपयोग किया जा रहा है और खेती के लिए सोलर पैनल सेटअप की तकनीकी जानकारी भी दी गई।
काजरी के विशेषज्ञों ने स्टूडेंट्स से पर्यावरण संरक्षण व जल संरक्षण की दिशा में हरसंभव प्रयास करने की अपील की। औषधीय पौधों के उपयोग व संरक्षण में फार्मासिस्टों एवं किसानों की पर्यावरणीय जिम्मेदारियों के बारे में विस्तार से समझाया गया और आधुनिक विज्ञान के साथ पारंपरिक तकनीकों के संयोजन के महत्व को रेखांकित किया गया।
फार्मेसी कॉलेज की प्रिंसिपल नेहा विजय ने इस विजिट को स्टूडेंट्स के लिए मूल्यवान व व्यावहारिक अनुभव बताया। उन्होंने स्टूडेंट्स को कृषि, फार्मेसी और पर्यावरण विज्ञान के बीच गहरे संबंध को समझने के लिए प्रेरित किया। फार्मेसी कॉलेज की फैकल्टी मेंबर ममता भाटिया द्वारा इस विजिट का समन्वय किया गया।




