
अहमदाबाद, दिव्यराष्ट्र:/ जीएलएस यूनिवर्सिटी ने ऑस्ट्रेलिया की एसएई इंस्टिट्यूट के साथ मिलकर अपना ग्लोबल बी. डिज़ाइन (ऑनर्स) प्रोग्राम लॉन्च किया है। यह लॉन्च, भारत में क्रिएटिव मीडिया एजुकेशन के लिए एक ऐतिहासिक पल है। यह इनोवेटिव चार साल का अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम, देश में अपनी तरह का पहला प्रोग्राम है, जो एनिमेशन, वीएफएक्स और गेम डेवलपमेंट में वर्ल्ड-क्लास बेंचमार्क विशेषज्ञता प्रदान करता है।
गुजरात लॉ सोसाइटी द्वारा वर्ष 1927 में स्थापित जीएलएस यूनिवर्सिटी, गुजरात के सबसे प्रतिष्ठित एजुकेशनल इंस्टिट्यूशन में से एक है। यह भारत का एकमात्र ऐसा इंस्टिट्यूशन है, जो एसएई इंस्टिट्यूट के इंटरनेशनल लेवल पर मान्यता प्राप्त कोर्स और सर्टिफिकेट देने के लिए अधिकृत है। यह सहयोग, एसएई इंस्टिट्यूट का भारत में औपचारिक प्रवेश दर्शाता है, जिससे देश की तेज़ी से बढ़ती क्रिएटिव इंडस्ट्रीज़ को बढ़ावा देने की उसकी प्रतिबद्धता और मज़बूत होती है।
जीएलएस यूनिवर्सिटी के प्रमुख सुधीर नानावटी और कार्यकारी निदेशक डॉ. चांदनी कपाड़िया की मौजूदगी में ग्लोबल बी. डिज़ाइन (ऑनर्स) प्रोग्राम के लॉन्च के लिए औपचारिक हस्ताक्षर समारोह सोमवार को आयोजित हुआ। इस अवसर पर, नेविटास के करियर और इंडस्ट्री डिवीज़न की एजुकेशन पार्टनरशिप हेड, जेना शिलर और साउथ एशिया के मार्केटिंग और रिक्रूटमेंट के जनरल मैनेजर स्टीव हर्ड के साथ-साथ नेविटास के दूसरे सीनियर अधिकारी भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर, जीएलएस यूनिवर्सिटी के प्रमुख सुधीर नाणावटी ने कहा कि, “प्रतिष्ठित एसएई इंस्टीट्यूट के साथ यह भागीदारी, जीएलएस यूनिवर्सिटी और भारत की शिक्षा प्रणाली के लिए एक माइलस्टोन है। हम अपने छात्र को विश्व स्तरीय शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो उन्हें ग्लोबल क्रिएटिव इकॉनमी में लीडर और इनोवेटर बनने के लिए तैयार करती है।”
जीएलएस यूनिवर्सिटी की कार्यकारी निदेशक डॉ. चांदनी कपाड़िया ने कहा कि, “हमें भारत में एक्सक्लूसिव ग्लोबल बी. डिज़ाइन (ऑनर्स) प्रोग्राम लॉन्च करने के लिए एसएई ऑस्ट्रेलिया के साथ भागीदारी करने पर गर्व है। यह सहयोग, छात्रों को एनिमेशन, वीएफएक्स और गेम डेवलपमेंट में विश्व स्तरीय शिक्षा देकर भारत की तेज़ी से बढ़ती क्रिएटिव इंडस्ट्रीज़ में गैप को कम करता है। हमारा मुख्य उद्देश्य, भारतीय क्रिएटर्स की अगली पीढ़ी को न सिर्फ़ ग्लोबल मार्केट में सफल होने के लिए मज़बूत बनाना है, किन्तु उन्हें क्रिएटिव मीडिया के भविष्य को आकार देने के लिए नेतृत्व करने में सक्षम बनाना भी है।”




