
दिव्यराष्ट्र, अहमदाबाद: अनंत नेशनल यूनिवर्सिटी ने हाल ही में अपना 7वाँ दीक्षांत समारोह आयोजित किया, जिसमें बैचलर ऑफ डिज़ाइन, बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर, मास्टर ऑफ डिज़ाइन, अनंत फेलोशिप इन सस्टेनेबिलिटी एंड बिल्ट एनवायरनमेंट, एमएससी इन सस्टेनेबिलिटी एंड बिल्ट एनवायरनमेंट और अनंत फेलोशिप इन क्लाइमेट एक्शन सहित कुल 299 छात्रों को उपाधियाँ प्रदान की गईं। इस समारोह के मुख्य अतिथि पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित, ज़ोहो कॉरपोरेशन के चीफ़ साइंटिस्ट और सह-संस्थापक डॉ. श्रीधर वेम्बू थे। अनंत नेशनल यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष श्री अजय पीरामल, प्रोवोस्ट डॉ. संजीव विद्यासागर तथा बोर्ड के सदस्य भी समारोह में उपस्थित थे।
दीक्षांत संबोधन देते हुए डॉ. वेम्बू ने कहा, “अनंत नेशनल यूनिवर्सिटी आकर मुझे अत्यंत आनंद हुआ। अनंत के छात्रों की रचनात्मकता और उद्देश्य-प्रधान डिज़ाइनों ने मुझे प्रभावित किया। यहाँ मैंने अद्भुत कार्य देखा, वह नवाचार जिसकी हमारे देश को आज अत्यंत आवश्यकता है। हम अक्सर अपने अतीत की उपलब्धियों का जश्न मनाते हैं, लेकिन बहुत कम ही हम इस बात पर ध्यान देते हैं कि हम वर्तमान में क्या निर्माण कर रहे हैं। हमें अपनी जीवन-सीमा से परे सोचकर भविष्य के लिए निर्माण करना चाहिए और अनंत अपने छात्रों को यही सिखा रहा है। अच्छा डिज़ाइन मन और आत्मा को ऊँचा उठाता है, और मैंने इस कैंपस में वही भावना जीवंत देखी है। सपने देखते रहिए, युवा बने रहिए, प्रासंगिक बने रहिए। जब आप अपना अहं छोड़कर किसी ‘बड़े प्रभाव’ की इच्छा छोड़ देते हैं, तब आप अक्सर अपना सबसे शक्तिशाली प्रभाव छोड़ते हैं। समस्या पर ध्यान केंद्रित करें, असाधारण कार्य स्वयं उत्पन्न होगा।”
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अनंत नेशनल यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष श्री अजय पीरामल ने कहा, “डिज़ाइन हमें उद्योगों को नए सिरे से गढ़ने, समुदायों को पुनर्निमित करने और पर्यावरण को पुनर्जीवित करने के उपकरण देता है। यह ‘मेक इन इंडिया’ की आकांक्षा से ‘डिज़ाइन फॉर इंडिया’ के दर्शन की ओर बढ़ने का मार्ग है, जो रचनात्मकता, शिल्पकला और संवेदना में निहित है। अनंत नेशनल यूनिवर्सिटी में, हम स्वयं को इस राष्ट्रीय मिशन का हिस्सा मानते हैं। हम केवल डिज़ाइन नहीं सिखा रहे, बल्कि युवाओं को जीवन, समाज और समय की चुनौतियों में इसे लागू करना भी सिखा रहे हैं। हम उन्हें रचनात्मकता को ऐसे करियर में बदलने में सक्षम बना रहे हैं जो दुनिया को बदलते हैं, सुधारते हैं और उसे पुनर्निर्मित करते हैं।”




