
‘रक्तदान – महादान’ के संकल्प के साथ 55 यूनिट रक्त एकत्रित।
जयपुर, दिव्यराष्ट्र/ राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (मानद विश्वविद्यालय), जयपुर में पंचकर्म विभाग एवं राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) इकाई के संयुक्त तत्वावधान में एक विशाल रक्तदान शिविर का सफल आयोजन किया गया। ‘रक्तदान – महादान’ के पवित्र उद्देश्य से आयोजित इस शिविर का मुख्य लक्ष्य रक्त की कमी से जूझ रहे मरीजों और थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों की मदद करना था।
कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थान के कुलपति प्रो. संजीव शर्मा ने किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि “आयुर्वेद केवल शरीर की चिकित्सा नहीं, बल्कि समाज और मानवता की सेवा का मार्ग है। रक्तदान एक ऐसा निःस्वार्थ दान है जो सीधे तौर पर मानवता की सेवा करता है और अनेक जिंदगियों को बचाता है। हमारे चिकित्सक, शिक्षक, विद्यार्थी और कर्मचारी जिस समर्पण से इसमें भाग ले रहे हैं, वह अत्यंत प्रशंसनीय है।”
पंचकर्म विभागाध्यक्ष डॉ. गोपेश मंगल ने सभी रक्तदाताओं, चिकित्सकों, मेडिकल टीम और स्वयंसेवकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि “शरद ऋतु में पित्त दोष का प्रकोप बढ़ जाता है, जिससे रक्त दूषित होकर रक्त-पित्त विकार उत्पन्न होते हैं। रक्तदान से पित्त दोष का शमन होता है और शरीर में संतुलन बना रहता है। शिविर में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के प्रभारी डॉ. महेंद्र प्रजापति, आवासीय चिकित्सा अधिकारी डॉ. आभा सिंह, डॉ वैभव बापट एवं राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के स्वयंसेवक एवं पंचकर्म विभाग के सभी चिकित्सको का विशेष सहयोग रहा, जिनके समन्वय और मार्गदर्शन से शिविर का संचालन सफलतापूर्वक हुआ।
उन्होंने बताया कि शिविर के दौरान कुल 55 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया, जो जरूरतमंद मरीजों को जीवनदान प्रदान करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि संस्थान भविष्य में भी इस प्रकार के सामाजिक और मानवता से जुड़े कार्यों के लिए सदैव प्रतिबद्ध रहेगा।
शिविर में विद्यार्थियों, शिक्षकों, चिकित्सकों और कर्मचारियों ने बढ़-चढ़कर रक्तदान किया। रक्त संग्रहण का कार्य एसएमएस अस्पताल और जनाना अस्पताल, चांदपोल की विशेषज्ञ मेडिकल टीम की देखरेख में सभी स्वास्थ्य मानकों के अनुरूप संपन्न हुआ।






