अनेक गुणों का समुच्चय है गौमाता, इसका दूध, दूध नहीं अमृत है – ….. अशोक कुमार गुप्ता
जयपुर। दिव्यराष्ट्र/ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गो सेवा गतिविधि के अन्तर्गत प्रदेश स्तरीय गो – विज्ञान एवं सामान्य ज्ञान परीक्षा 2024 स्थानीय स्वास्तिक भवन, आदर्श विद्यामंदिर, अंम्बाबाड़ी में आयोजित की गई। संघ दृष्टि से जयपुर प्रांत के 21 जिलों में बाल एवं किशोर दो आयुवर्ग के लिए आयोजित परीक्षा में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले अलग-अलग वर्ग के कुल 143 प्रतिभागियों में से 81 भैया, बहनों ने परीक्षा में भाग लिया। परीक्षा के साथ ही स्वास्तिक भवन, आदर्श विद्या मंदिर, अंबाबाडी में जिले के विजेताओं विद्यार्थियों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया। जयपुर प्रांत में जिला स्तर पर आयोजित परीक्षा में 2500 स्कूलों के 90 हजार विद्यार्थियों ने भाग लिया।
हम हमारी संस्कृति को भुलते जा रहे है, गौ माता जिन्हें सृष्टि का आधार कहा है, जिसे मॉ कहा है हमने, मॉ शब्द की जिससे उत्पत्ति हुई हैं, ऐसी गो माता कष्ट भोग रही हैं। उसका कारण एक मात्र यही है स्वाभिमान शून्यता और जानकारी का अभाव। यह बात गो विज्ञान व सामान्य ज्ञान परीक्षा में विजेता रहे विद्यार्थियों के सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए जयपुर प्रांत के गो सेवा प्रमुख अशोक कुमार गुप्ता ने कही। उन्होंनें गो सेवा विभाग की पृष्ठभूमि एवं गो संरक्षण की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए कहा गौ माता हमारे दैनिक जीवन में यानि जन्म लेने से मृत्यु तक हर प्रकार से हमारा पालन पोषण करती है। गौ माता में 33 कोटि देवी देवताओं का निवास है, अनेक गुणों का समुच्चय है गौमाता। इसका दूध, दूध नहीं अमृत है। उन्होंने भारतीय एवं विदेशी नस्ल की गायों के बीच भेंद का खुलासा करते हुए कहा भारतीय नस्ल की गाय है। विदेशी नस्ल की अन्य जो गाय है वो वास्तव में गाय नहीं हैं, गाय जैसा प्राणी है और दूध जैसा पदार्थ देती हैं। जिस दूध के गुणों की दृष्टि से अनुसंधान करने के बाद वैज्ञानिकों ने पाया उसमें केंसर कारक तत्व हैं। इसका परिणाम यह रहा न्यूजीलैंड की सरकार ने कानून बनाकर वहां के गौ पालकों पर प्रतिबंध तक लगा दिया हैं।
उन्होंने भारतीय नस्ल की गायों के संरक्षण पर जोर देते हुए कहा गाय पालन, पोषण हो, यह बचे। आज गो माता को बचाने के लिए संघ ने अलग से विभाग बनाया हुआ है। ताकि भारतीय नस्ल के गोवंश को बचाया जा सकें। भारत में लगभग 200 प्रकार की गायें थीं,अब 32 नस्ल की गोवंश उपस्थित हैं। परीक्षा आयोजन गाय के महत्व को जानने और अपने जीवन में धारकर गौमाता की उपयोगिता को स्थापित करना उददेश्य था।
स्वास्तिक भवन आदर्श विद्यामंदिर अम्बाबाडी में आयोजित विद्यार्थी सम्मान समारोह में उपस्थित प्रांत गो सेवा सह संयोजक मोहन सिंह ने अपने संबोधन में कहा जब देश के प्रधानमंत्री के घर में गाय हो सकती है तो हमारे घर में क्यों नहीं ? दुनिया में आज भी भगवान कृष्ण को महान योजनाकार कहा जाता है। ऐसे श्रीकृष्ण सहित हमारे पूज्य गोगा जी महाराज, देवनारायण महाराज अन्य प्रदेश लोकदेव रहे हो उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन गाय की सेवा और उसकी रक्षा लगाया हैं।
उन्होंने गाय के दूध के गुणों के कारण को स्पष्ट करते हुए गो माता को बचाने के लिए क्या करना इससे अवगत कराते हुए कहा गोमाता के सूर्य केतू नाडी में सोने का मिश्रण दूध मे होने से उसका पीलापन होता है। जिससे गाय का दूध हमें रोग प्रतिरोधक क्षमता देता हैं। हमें गाय को बचाने के लिए तीन बातों का ध्यान रखना। अगरबत्ती के स्थान पर धूपबत्ती, दीपक और हवन यज्ञ में गोमाता के घी का प्रयोग और तीसरा शिव अभिषेक में गौमाता के दूध का प्रयोग अन्यथा शुद्ध पानी से अभिषेक करना। यह तीन बातें हम जीवन में अंगीकार करते है तो हम गाय को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं।
सिंह ने भगवान श्री कृष्ण को नंद बाबा और यशोदा का लाडला बताते हुए कहा नंद कोई व्यक्ति का नाम नहीं है नंद जो नौ लाख गायों का पालन, पोषण करता है उसे नंद कहा जाता है पुराने भारत वर्ष में जिनके नौ लाख गाय होती थी उसको नंद राज कहा जाता था। ऐसे नंद राजा के घर में कृष्ण का लालन पोषण हुआ। वृषभानु किसी व्यक्ति का नाम नहीं है जिसके 11 लाख गाय है उसे वृषभानु राजा कहा जाता है। जिस स्थान पर नौ लाख गायों का पालन पोषण होता है वहां भगवान कृष्ण को आना होता है और जिस स्थान पर 11 लाख गायों का पालन पोषण होता है वहां स्वयं साक्षात देवीय शक्ति का वास होता हैं, और वृषभान के यहां राधा रानी का जन्म हुआ। भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है मेरे नाम को जपने से मोक्ष होगा या नहीं लेकिन राधे – राधे का नाम जपा जाता हैं उसका मोक्ष निश्चित हैं। इसलिए नंद और वृषभान किसी व्यक्ति के नाम नहीं है ये उपाधियों के नाम है जो भारत में चलते थें। इस अवसर पर उन्होंने पांच बातें जो समाज परिवर्तन की पू.सरसंघ चालक करते है। उनका जिक्र करते हुए पर्यावरण संरक्षण, कुटुम्ब प्रबोधन, स्व का जागरण, नागरिक शिष्टाचार और सामाजिक समरसता जीवन में अपनाने का प्रण दिलाया।
जिला स्तर पर आयोजित परीक्षा में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रहे प्रतिभागियों को कार्यक्रम के दौरान स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में क्षेत्र कार्यवाह गेंदालाल , प्रांत गो सेवा संयोजक अशोक कुमार गुप्ता, प्रांत सह गोसेवा संयोजक मोहनसिंह , प्रांत गो – विज्ञान परीक्षा संयोजक अशोक शर्मा एवं विभाग, जिला संयोजक व अभिभावक भी उपस्थित रहें।