जयपुर, दिव्यराष्ट्र/विवेकानन्द ग्लोबल यूनिवर्सिटी (वीजीयू) ने “नेतृत्व तालमेल: प्रभाव और कार्य-जीवन सद्भाव में महारत हासिल करना” शीर्षक से अपने 3 दिवसीय प्रबंधन विकास कार्यक्रम का सफलतापूर्वक उद्घाटन किया, जो इसके नेतृत्व प्रशिक्षण पहल में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह एमडीपी वीजीयू द्वारा आयोजित आगामी नेतृत्व और विकास कार्यक्रमों की श्रृंखला में पहला है, जिसका उद्देश्य विभिन्न उद्योगों में नेतृत्व उत्कृष्टता को बढ़ावा देना है।
प्रो-प्रेसिडेंट प्रो. डीवीएस भगवानुलु ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में, आज के गतिशील व्यावसायिक परिदृश्य में नेतृत्व के महत्व पर जोर दिया और उत्पादकता और समग्र कल्याण को बढ़ाने के लिए कार्य-जीवन सद्भाव बनाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
आज के कॉर्पोरेट माहौल में कार्य-जीवन संतुलन के बारे में बढ़ती चिंताओं को देखते हुए यह कार्यक्रम विशेष रूप से सामयिक है। एमडीपी का लक्ष्य प्रतिभागियों को उनके पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए रणनीतियों से लैस करके कार्य जीवन संतुलन के मुद्दों को संबोधित करना है।
प्रमुख सूत्रधार, निदेशक एवं संस्थापक, स्वबोध स्टूडियो पीपल सॉल्यूशंस डॉ. शिखा सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि कार्य-जीवन में सामंजस्य स्थापित करना न केवल एक व्यक्तिगत लक्ष्य है, बल्कि एक व्यावसायिक अनिवार्यता भी है।
यह 3-दिवसीय एमडीपी भविष्य के लिए तैयार नेताओं को विकसित करने के वीजीयू के बड़े दृष्टिकोण का हिस्सा है जो पेशेवर प्रतिबद्धताओं और व्यक्तिगत कल्याण के बीच एक स्वस्थ संतुलन बनाए रखते हुए आधुनिक कार्यस्थलों की जटिलताओं को पार कर सकते हैं। वीजीयू आने वाले महीनों में ऐसे और अधिक परिवर्तनकारी शिक्षण अनुभव लाने के लिए तैयार है, जो पेशेवरों को अपने कौशल को उन्नत करने और अपने संगठनों के भीतर सार्थक बदलाव लाने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।