भारत के लोकतंत्र का पर्व 26 जनवरी

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(डॉ. सीमा दाधीच)

हम प्रतिवर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाते है और इस बार भी समस्त भारत वासी 76वा गणतंत्र दिवस मना रहे है यानी हमारे देश में लोकतंत्र की स्थापना का महान पर्व। यह दिन भारत के इतिहास का स्वर्णिम पल है, जब देश ने अपना संविधान अपनाया था और भारत देश एक संप्रभु गणराज्य बन गया था।
गणतंत्र दिवस का महत्व हमारे देश के संविधान द्वारा प्रदत्त है। हमारा संविधान हमें समानता, न्याय और स्वतंत्रता का अधिकार देता है। यह हमें एक मजबूत और न्यायपूर्ण देश बनाने में मदद करता है। गणतंत्र दिवस हमें हमारे देश के निर्माताओं की याद दिलाता है, जिन्होंने हमें एक स्वतंत्र और समृद्ध देश दिया है।
भारत का संविधान 26 नवंबर 1949 को बनाया गया था, लेकिन यह 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था। इस संविधान को बनाने में लगभग 2 वर्ष 11 महीने और 17 दिनों का समय लगा था। संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अम्बेडकर थे, जिन्होंने इस संविधान को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

गणतंत्र दिवस का इतिहास 1930 के दशक में शुरू होता है,
गणतंत्र दिवस के अवसर पर देश भर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में एक भव्य परेड आयोजित की जाती है, जिसमें देश की तीनों सेनाओं के जवान और विभिन्न राज्यों के झांकी भाग लेते हैं।
गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली में आयोजित परेड में लगभग 25,000 से अधिक जवान भाग लेते हैं जो यह संदेश देते है कि अखंडता में एकता है जो सभी देशवासियों के लिए बहुत ही जोश और खुशी का माहौल बनाता है।
भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है।संविधान, वो प्रकाश स्तम्भ है, जो हमें लोकतंत्र के अंधकार से निकालकर स्वतंत्रता के उजाले में लाता है. ये वो कवच है, जो हर नागरिक को भेदभाव और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने में मदद करता है. ये वो संविधान है, जो करोड़ों भारतीयों को एक सूत्र में पिरोता है, चाहे उनका धर्म, जाति या भाषा कोई भी हो।गणतंत्र दिवस को मनाने के साथ ही हमें यह भी याद रखना चाहिए कि हमें अपने संविधान और उसमें दी गई मौलिक अधिकारों का समर्थन करना चाहिए। यह भी बताता है कि हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम अपने देश को उच्चतम मानकों और दृष्टिकोणों में बढ़ावा देने के लिए कैसे सक्रिय रूप से योगदान दे सकते हैं।
लोकतंत्र एक नाजुक पौधा है, जिसे हर नागरिक के सतर्कता और समर्पण की जरूरत है I हमें सहिष्णुता, समानता और भाईचारे की भावना को मजबूत करना होगा I हमें भ्रष्टाचार और अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज उठानी होगी. हमें शिक्षा और ज्ञान का दीप जलाना होगा, ताकि हमारा युवा वर्ग लोकतंत्र का मजबूत स्तंभ बन सके।

इस राष्ट्रीय त्योहार का समर्थन करना हमारी सबसे बड़ी शक्ति है और यह हमें गणराज्य के नए उभरते देशोन्नति की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। गणतंत्र दिवस हमारे सामूहिक और राष्ट्रीय अस्मिता का प्रतीक है, जो हमें एक समृद्ध, समर्थ, और समृद्धिवादी भविष्य की दिशा में आगे बढ़ने के लिए एक साथ मिलकर काम करने की महत्वपूर्णता को बताता है। इस दिवस का आयोजन समृद्धि और सामूहिक सहयोग की भावना को बढ़ावा देने के लिए भी होता है। इस दिन लोग समर्थन और सेवाभाव का संकल्प लेते हैं ताकि हम सभी मिलकर देश के विकास में योगदान दे सकें।
भारत का राष्ट्रीय गीत “जन गण मन” गणतंत्र दिवस के अवसर पर सबसे पहले 24 जनवरी 1950 को गाया ।
इस गणतंत्र दिवस पर सभी देशवासी संकल्प लें कि हम संविधान के लिए जिएंगे. हम लोकतंत्र के मूल्यों की रक्षा करेंगे, देश के विकास में अपना योगदान देंगे, और भारत को आधुनिक आयाम और स्वरोज़गार से सशक्त बनाएंगे।

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