जयपुर : राष्ट्रीय मिर्गी दिवस पर, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल, जयपुर मिर्गी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्घ्य से इस बीमारी से जुड़े सोशियल स्टिग्मा को कम करने के महत्व पर जोर दे रहा है। भारत भर में लगभग 12 मिलियन लोग मिर्गी से प्रभावित है, जिसे समाज के लिए एक ऐसी बीमारी बनी हुई है, जिससे अक्सर रोगियों के साथ भेदभाव होता है। फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल, जयपुर के डॉक्टरों ने लोगों से मिर्गी से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने का आग्रह किया है ताकि इस बीमारी से पीड़ित लोग अपना निदान करवा सकें और गुणवत्तापूर्ण जीवन जी सकें।
भारत में मिर्गी को अक्सर एक सोशियल स्टिग्मा माना जाता है, जिसके कारण इस स्थिति के बारे में गलत धारणाएँ पैदा होती हैं। इस वर्ष के राष्ट्रीय मिर्गी दिवस में लोगों में जागरूकता बढ़ाने, सहानुभूति को बढ़ावा देने और समुदाय-आधारित सपोर्ट को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई राष्ट्रव्यापी गतिविधियाँ शामिल हैं। लोगों को शिक्षित करके और गलत सूचनाओं को कम करके, ये प्रयास मिर्गी से प्रभावित व्यक्तियों और परिवारों को उचित देखभाल प्राप्त करने और सोशियल स्टिग्मा के बिना संतुष्ट जीवन जीने के लिए सशक्त बनाने का प्रयास करते हैं।
फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल के न्यूरोलॉजी के एडिशनल डायरेक्टर डॉ. विकास गुप्ता ने जोर देकर कहा, “मिर्गी सबसे गलत समझी जाने वाली न्यूरोलॉजिकल स्थितियों में से एक है, जिसके कारण कई रोगियों में डर और अलगाव की भावना पैदा होती है। यह समझना महत्वपूर्ण है कि मिर्गी किसी व्यक्ति की क्षमताओं या संभावनाओं को परिभाषित नहीं करती है। उचित चिकित्सा देखभाल और सामुदायिक समर्थन के साथ, हम इस विकार को प्रभावी ढंग से प्रबंधित कर सकते हैं। राष्ट्रीय मिर्गी दिवस पर, हमारा उद्देश्य मिर्गी से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना है और इस बात पर जोर देना है कि इस स्थिति वाले लोग पूर्ण, उत्पादक और गुणवत्तापूर्ण जीवन जी सकते हैं। आइए हम ऐसा माहौल बनाएं जहां मिर्गी से पीड़ित व्यक्ति कलंक के डर के बिना उपचार लेने में सक्षम महसूस करें, ताकि उन्हें वह सहायता मिले जिसके वे हकदार हैं।”