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राष्ट्रीय वित्तीय जागरूकता दिवस’ होम क्रेडिट इंडिया देश में वित्तीय साक्षरता को कैसे बढ़ावा दे रहा है

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मुंबई,, दिव्यराष्ट्र/
वित्तीय साक्षरता यानी फ़ाइनैंशियल साक्षरता एक मज़बूत और सशक्त व्यक्तिगत फ़ाइनैंस मैनेजमेंट की आधारशिला होती है, जो लोगों को धन से जुड़े मामलों के बारे में जानकारीपरक फ़ैसला करने के लिए सशक्त बनाती है। भारत जैसे देश में, जहाँ आर्थिक सशक्तीकरण सामाजिक प्रगति के साथ जुड़ा हुआ है, फ़ाइनैंशियल साक्षरता के महत्व को बढ़ा-चढ़ा कर नहीं बताया जा सकता है। यह न सिर्फ़ लोगों को अपने फ़ाइनैंस को असरदार तरीके से प्रबंधित करने में सक्षम बनाता है, बल्कि व्यक्तिगत और सामाजिक दोनों स्तरों पर आर्थिक स्थिरता और विकास को बढ़ावा देने में भी अहम भूमिका निभाता है।

कई रिपोर्टों के अनुसार, भारत की 27% आबादी आर्थिक रूप से साक्षर है, जो अमेरिका, जर्मनी, कनाडा और यूनाइटेड किंगडम जैसी अन्य विकसित अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में काफ़ी कम है। इस मुद्दे की महत्ता को स्वीकार करते हुए, होम क्रेडिट इंडिया ने फ़ाइनैंशियल साक्षरता को अपनी पर्यावरण, सामाजिक और शासन ( ईएसजी) पहल के प्राथमिक स्तंभों में से एक के रूप में एकीकृत किया है। फ़ाइनैंशियल ईकोसिस्टम में एक ज़िम्मेदार भागीदार के रूप में, होम क्रेडिट इंडिया व्यापक समाज में ज़िम्मेदार से भरपूर उधार और फ़ाइनैंशियल जागरूकता की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

होम क्रेडिट इंडिया की वार्षिक फ़ाइनैंशियल साक्षरता पहल, ‘सक्षम’ इस प्रतिबद्धता का प्रतीक है। इस पहल के तहत, होम क्रेडिट इंडिया भौतिक कार्यशालाओं के ज़रिए देश भर में हज़ारों महिलाओं को फ़ाइनैंशियल शिक्षा दे रहा है। पाठ्यक्रम में बजट, बचत, साख, निवेश योजना जैसे फ़ाइनैंशियल विषयों को शामिल किया गया है। पिछले साल, यह पहल देश भर में 30,000 युवा लड़कियों और महिलाओं तक पहुँची थी और इस साल, यह पहल कम से कम 20,000 महिलाओं तक पहुँचने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है।

पहल के सहभागियों में से एक सेल्फ़-एंप्लॉयड महिला अनीता दिल्ली के न्यू अशोक नगर में कॉस्मेटिक की एक छोटी दुकान चला रही हैं। ‘सक्षम’ के माध्यम से उन्होंने डिजिटल साक्षरता के बारे में सीखा, ताकि वे ख़ुद ही भुगतान के डिजिटल तरीकों का सुरक्षित रूप से इस्तेमाल कर सकें और ख़ुद को फ़ोन पर होने वाली धोखाधड़ी से बचा सकें। अब, वे अपने फ़ाइनैंशियल भागीदारी और सुरक्षा को बढ़ाते हुए ऑनलाइन डिजिटल प्लैटफ़ॉर्मों का इस्तेमाल करके अपने भुगतान कुशलता के साथ प्रबंधित करती हैं। अनीता की कहानी उन अनगिनत अन्य लोगों का प्रतिनिधित्व करती है जिन्हें होम क्रेडिट इंडिया की पहल के ज़रिए नया आत्मविश्वास और सुरक्षा मिली है।

इसके अतिरिक्त, होम क्रेडिट इंडिया ने ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुँचने के लिए डिजिटल प्लैटफ़ॉर्मों का लाभ उठाया है। होम क्रेडिट इंडिया ने अपने ‘पैसे की पाठशाला’ माइक्रोसाइट और सोशल मीडिया अभियानों की मदद से 3 मिलियन (30 लाख) से ज़्यादा लोगों के साथ काम किया है। दिलचस्प बात यह है कि टियर 1 शहरों के 25 से 34 वर्ष के लोग हमारा एक अहम हिस्सा हैं, जो शहरी युवाओं के बीच फ़ाइनैंशियल साक्षरता में बढ़ती रुचि दिखाते हैं।

फ़ाइनैंशियल प्रोडक्ट्स और सर्विसेस के बारे में समझने पर लोगों को समझदारी भरे फ़ैसले करने, अपने फ़ाइनैंस के बारे में कुशलता के साथ प्लान तैयार करने, कर्ज़ को समझदारी से प्रबंधित करने, फ़ाइनैंशियल स्थिरता के लिए माहौल बनाने और फ़ाइनैशियल तनाव को कम करने का अधिकार और शक्ति मिलती है। आख़िरकार, स्थायी फ़ाइनैंशियल स्थिरता और समृद्धि हासिल करने के लिए फ़ाइनैंशियल साक्षरता ही एक आधार है, जो लोगों को एक सुरक्षित और समृद्ध भविष्य तैयार करने में सक्षम बनाता है।

-(लेखक: आशीष तिवारी, होम क्रेडिट इंडिया के मुख्य विपणन अधिकारी)

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