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देश भर से पहुंचे नेचुरोपैथी हितधारकों ने योग नेचुरोपैथी को राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग एक्टव नेशनल आयुष मिशनमें सम्मिलित करने की रखी मांग।

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नई दिल्ली, मार्च 2025.

केंद्रीय आयुष मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) व स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री प्रतापराव जाधव जी की अध्यक्षता में डिप्टी चेयरमैन हाल, कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ़ इंडिया, नई दिल्लीमें योग नेचुरोपैथी कोराष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोगएक्टनेशनल आयुष मिशनमें सम्मिलित करने और भारत सरकार द्वारानेचुरोपैथीचिकित्सकों की पंजीकरण प्रक्रिया यथा: शिघ्र आरंभ करने परनेचुरोपैथी – योग विशेषज्ञों,हित धारकोंव संसद सदस्यों के साथ एक विशेष बैठक का आयोजनदिनाँक 28मार्च, 2025को देश की प्रतिष्ठित नेचुरोपैथी की संस्था सूर्या फाउण्डेशन व इंटरनेशनल नेचुरोपैथी ऑर्गेनाइजेशनद्वाराकिया गया।

इस अवसर पर अपने संबोधन में माननीय आयुष मंत्री श्री प्रतापराव जाधवनेकहा कि माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आयुष मंत्रालय योग – नेचुरोपैथी को जन सामान्य तक पहुंचने का रचनात्मक प्रयास कर रहें है। वर्ष 2014 के बाद देश के विभिन्न राज्यों में अनेक प्राकृतिक चिकित्सालयों का निर्माण हुआ है जहां पर इस प्रभावशाली पद्धति द्वारा लोगो को आरोग्य प्रदान किया जा रहा है। बैठक के दौरान श्री प्रतापराव जाधव ने नेचुरोपैथी को राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग एक्ट में सम्मिलित करने हेतु सभी हित धारकों से सुझाव मांगे हैं साथ ही यह आश्वासन दिया कि INO द्वारा हित धारकोंके साथ मिलकर बताए गए प्रमुख सुझाव के अनुसार योग – नेचुरोपैथी को राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोगएक्ट में सम्मिलित करेंगे साथ ही वो योग – नेचुरोपैथी को अन्य आयुष चिकित्सा पद्धतियों के समकक्ष लाने का भीप्रयास करेंगे। बैठक में श्री प्रतापराव जाधव ने योग – नेचुरोपैथी को नेशनल आयुष मिशन में अनिवार्य घटक के रूप में सम्मिलित करने एवं आयुष्मान भारत योजना से जोड़ने के प्रयासों पर भी अपनी बात रखी।

बैठकमें INOके राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अनंत बिरादार ने उपस्थित संसद सदस्यों, प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञों व हित धारकों का स्वागत करते हुए मोदी सरकार द्वारा योग – नेचुरोपैथी के समग्र विकास व प्रचार-प्रसार हेतु आरंभ की गई अनेक रचनात्मक योजनाएं, जैसे:- नेशनल आयुष मिशन, महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा, असम, सिक्किम व अन्य प्रांतों में किये गए अन्य प्रकल्पों की विस्तार से जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री का आभार प्रकट कियासाथ ही इस अवसर पर आयुष मंत्री श्री प्रतापराव जाधव के नेतृत्व में आरंभ की जा रही नई योजनाओं कीभी प्रशंसाकी। बैठक में डॉ. अनंत बिरादार ने बताया की योग एवं नेचुरोपैथी आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन आधिकारिक स्वदेशी चिकित्सा पद्धतियों में से एक है।योग – नेचुरोपैथीको 1961 से कैबिनेट सचिवालय के कार्य आवंटन नियमों में स्थान मिल रहा है। 1969 में, भारत सरकार ने पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए भारतीय चिकित्सा एवं होम्योपैथी पद्धतियों में अनुसंधान के लिए एक केंद्रीय परिषद का गठन किया था और 1978 में, इसमें से चार नई केंद्रीय अनुसंधान परिषदें- आयुर्वेद एवं सिद्ध, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी और होम्योपैथी बनी।

INO के राष्ट्रीय अध्यक्ष – डॉ. अनंत बिरादार ने अभी तक योग –नेचुरोपैथी केन्द्रीय विनियमन नहीं बनाने पर खेद प्रकट करते हुआ कहा की देश भर में हजारों प्राकृतिक चिकित्सक निस्वार्थ सेवा भाव से इस दवा रहित थैरेपी से लोगो को आरोग्य प्रदान कर रहे हैं लेकिन बावजूद इसके अभी तक इन्हें मान्यता नहीं मिली है। इस अवसर पर डॉ. अनंत बिरादार ने ‘योग नेचुरोपैथी को राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग एक्टव नेशनल आयुष मिशनमें सम्मिलित करने कीबात को माननीय आयुष मंत्री श्री प्रतापराव जाधव के समक्ष रखते हुए कहा कि आज देश भर से पहुंचे नेचुरोपैथी हितधारकों की यह दिल की आवाज है जिसे निश्चित रूप से पूरी किया जाना चाहिए।

बैठक में वैद्य राजेश कोटेचा, सचिव आयुष मंत्रालय, भारत सरकार, डॉ. राघवेंद्रराव निदेशक – केन्द्रीय योगनेचुरोपैथीअनुसंधान परिषद्,डॉ. काशीनाथ समगंडी, निदेशक-मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान,संसद सदस्य श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, श्री अनुराग ठाकुर, डॉ. भोला सिंह, श्री राजू बिष्ट, श्री शंकर सिंह लालवानी, श्री रमेश अवस्थी, श्रीमती स्मिता वाघ, श्री हरीभाईपटेल, श्री मनोज तिग्गा, श्री ईरण्ण कडाडी, श्री निलेश लंके,डॉ. जयंत कुमार रायव अन्य संसद सदस्य उपस्थित रहकर योग – नेचुरोपैथी के समग्र विकास हेतु अपना समर्थन दिया।बैठक में उपस्थित सभी संसद सदस्यों ने योग – नेचुरोपैथी पर INO द्वारा दिए गए सुझावों का समर्थन करते हुए इन विषयों को संसद में उठाने का आश्वासन दिया। श्री शंकर सिंह लालवानी ने बताया की INO द्वारा दिए गए सुझाव तर्कसंगत हैं। योग – नेचुरोपैथीको NCISM एक्ट में सम्मिलित करने की मांग उचित है। श्री निलेश लंके ने कहा की वे प्राकृतिक चिकित्सा का अनुसरण करते हैं क्योंकि COVID महामारी काल में इसके सकारात्मक परिणाम देखे हैं। इसलिए प्राकृतिक चिकित्सा को NCISM एक्ट में सम्मिलित किया जाना चाहिए।

आयुष मंत्री के साथ बैठक से पूर्व, INO केन्द्रीय कार्यालय नई दिल्ली में हित धारकों (Stake Holders) के साथ पूरे दिन बैठक आयोजित की गई जिसमें डॉ. बी टी सी चिदानंद मूर्ति (कर्नाटक), डॉ. भरतभाई शाह (गुजरात), डॉ. जितेंद्र आर्य (महाराष्ट्र),डॉ. विमल कुमार मोदी (उत्तर प्रदेश),डॉ.विजयलक्ष्मी रेड्डी (तेलंगाना), डॉ. एस के माधवन (केरल), डॉ. नागेंद्र नीरज (उत्तराखंड),डॉ. एस एन पांडे (दिल्ली),डॉ. अमित नागपाल (दिल्ली), आचार्य मोहन गुप्ता (दिल्ली),डॉ. डीएन शर्मा (उत्तराखंड),डॉ. आर एस डबास (दिल्ली),डॉ. रमेश टेवानी(मध्य प्रदेश), डॉ. मदन मानव (हरियाणा), डॉ. राजकुमार (मणिपुर),डॉ. नवदीप जोशी (दिल्ली),श्री मंजूनाथ स्वामी (कर्नाटक) आदि हित धारक (Stake Holders) उपस्थित हुए। इस बैठक की कार्यवाही के अंतर्गत सर्वसम्मति से एक संकल्प(Resolution)पारित किया गया जिसे INO के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अनंत बिरादार ने माननीय आयुष मंत्री श्री प्रतापराव जाधव के समक्ष रखा।

मंच संचालन INO के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. डी एन शर्मा ने किया। राष्ट्रगान के साथ इस बैठक का समापन हुआ।

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