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‘दाशरथि’ महाकाव्य में राम का पराक्रमी और जनतांत्रिक राष्ट्र के नायक के रूप में वर्णन किया गया है

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संग्राम सिंह ‘राष्ट्रवर’ के महाकाव्य ‘दाशरथि’ का हुआ लोकार्पण

जयपुर। ग्रासरूट फाउंडेशन की ओर से आज ‘दाशरथि’ महाकाव्य के लोकार्पण का कार्यक्रम आयोजित किया गया। संग्राम सिंह राष्ट्रवर की ओर से रचित इस महाकाव्य का लोकार्पण समारोह जेएलएन मार्ग स्थित कलानेरी आर्ट गैलरी में हुआ।

पुस्तक की विषय वस्तु पर साहित्यकार डॉ. गजादान चारण ने कहा कि, यह महाकाव्य निष्ठा से रचा गया है। इसमें साहित्य के हिसाब से गत्यात्मकता और लय है। इस महाकाव्य में राम का पराक्रमी और जनतांत्रिक राष्ट्र के नायक के रूप में वर्णन किया गया है। इसमें लेखक विनम्रता के साथ वाल्मीकि और तुलसी को नमन करते हैं। लेखक राम की मर्यादा का ध्यान रखते हुए सचेत होकर लिखते हैं। इस महाकाव्य में विशेषता है कि इसमें उर्मिला पर भी लिखा गया है।

मुख्य अतिथि देवांशु झा ने कहा कि, राम के जीवन में सभी मर्यादाएं हैं। उनका जीवन सत्य, पराक्रम, करुणा, न्याय सभी से परिपूर्ण है। राम का जीवन हमारे राष्ट्र में कितना महत्वपूर्ण है यह हम सभी ने 22 जनवरी को देखा जब पूरा राष्ट्र राम मय हो गया था।

इस अवसर पर राजस्थान सरकार में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और राजस्व मंडल के अध्यक्ष राजेश्वर सिंह ने बताया कि, भगवान राम का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा दायक है। हम सभी अपनी अपनी मर्यादाओं में रहकर कार्य करें तो राष्ट्र का उत्थान निश्चित है। इस अवसर पर लोकेश कुमार साहिल, ब्रजराज सिंह राजावत, माणक चंद, रामस्वरूप अग्रवाल, राजेंद्र बोड़ा, कलानेरी आर्ट गैलरी के विजय शर्मा, अनिल लोढ़ा, पुष्कर उपाध्याय, प्रमोद शर्मा सहित गणमान्य नागरिक एवं प्रबुद्ध जन उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रदक्षिणा पारीक ने किया।

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