Home एजुकेशन जयपुर के चार गांवों के सरकारी स्कूलों को मणिपाल फाउंडेशन और एमयूजे...

जयपुर के चार गांवों के सरकारी स्कूलों को मणिपाल फाउंडेशन और एमयूजे ने दी आधुनिक कंप्यूटर लैब की सौगात

49
0
Google search engine

जयपुर, दिव्यराष्ट्र (पुरुषोत्तम शर्मा) : सीएसआर पहल के तहत जयपुर जिले के चार गाँवों के स्कूलों में बच्चों को बेहतर तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से मणिपाल फाउंडेशन और मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर (एमयूजे) द्वारा चार उन्नत कंप्यूटर प्रयोगशालाएँ स्थापित की गईं। महात्मा गांधी राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल, दहमी कलां; महात्मा गांधी राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल, बेगस; महात्मा गांधी राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल, ठीकरिया; और राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सांझरिया में ये सभी लैब बनाए गए।

आज इन सभी स्कूलों में स्थापित कंप्यूटर लैब के शुभारंभ करने हेतु विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। बेगस और दहमी कलां में प्रयोगशालाओं का आधिकारिक उद्घाटन मणिपाल विश्वविद्यालय जयपुर के प्रेसिडेंट डॉ. गोपालकृष्ण प्रभु और मणिपाल फाउंडेशन के सीईओ हरिनारायण शर्मा द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में एमयूजे के प्रो-प्रेसिडेंट डॉ. जवाहर मल जांगिड़, एमयूजे की रजिस्ट्रार डॉ. नीतू भटनागर, मानव संसाधन प्रमुख श्री एम. एस्. श्रीधर और छात्र कल्याण निदेशक डॉ. अनिल दत्त व्यास उपस्थित थे। बेगस की स्कुल में स्थानीय सरपंच श्री देव नारायण वर्मा और ब्लाक शिक्षा अधिकारी श्री गोवर्द्धन सिंह देवत उपस्थित थे। महात्मा गांधी राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल, दहमी कलां में इस अवसर पर स्थानीय सरपंच, सीबीईओ राजेन्द्र बंसल और डीईओ देवी शंकर भी उपस्थित थे।

गणमान्य व्यक्तियों ने कंप्यूटर प्रयोगशालाओं का दौरा किया और छात्रों को बिल्कुल नये कंप्यूटर का उपयोग करते हुए देखा। एमयूजे के क्रय निदेशक कर्नल पंकज श्रीवास्तव ने अपने भाषण में इन चार गांवों में प्रयोगशालाएं बनाने में विश्वविद्यालय के सराहनीय प्रयासों का विस्तार से उल्लेख किया।

अपने उद्घाटन भाषण में, कुलपति डॉ. जी.के. प्रभु ने कहा कि विश्वविद्यालय आसपास के गांवों के समग्र विकास के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। अपने संबोधन में उन्होंने वहां उपस्थित सभी लोगों को इस बात से अवगत कराया कि मणिपाल एजुकेशन एंड मेडिकल ग्रुप (एमईएमजी) की स्थापना और नेतृत्व डॉ. टी.एम.ए. पाई ने किया। गौरतलब है कि पाई ने स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में अपना अमूल्य योगदान दिया है। उनका मानना था कि मानव विकास में ये दोनों आवश्यक क्षेत्र लोगों को सशक्त बनाते हैं और उनके जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाते हैं। इस दिशा में मानव और समाज को सशक्त बनाने हेतु मणिपाल विश्वविद्यालय जयपुर और मणिपाल फाउंडेशन दोनों संकल्पित ए्वं प्रतिबद्ध है। मणिपाल फाउंडेशन 2002 से काम कर रहा है और इसने पिछले 12 वर्षों में कई सीएसआर गतिविधियों में सक्रिय प्रतिभाग करते हुए अपना विशेष और सराहनीय योगदान दिया है।

सीएसआर पहल में अपनी व्यापक पृष्ठभूमि के साथ, प्रो-प्रेसिडेंट कमोडोर डॉ. जवाहर मल जांगिड़ ने कहा कि एमयूजे ने इन नई डिजाइन वाली प्रयोगशालाओं में प्रशिक्षकों और छात्रों की सुविधा पर भी विचार किया है। उन्होंने कहा कि संबंधित स्कूल भवन में स्थित प्रयोगशालाओं का नवीनीकरण किया गया है जिसमें एयर कंडीशनर की स्थापना, टाइल फर्श, इलेक्ट्रिकल और वायरिंग और सिविल कार्य शामिल हैं। प्रत्येक स्कूल प्रयोगशाला एक प्रिंटर, एक ओवरहेड प्रोजेक्टर, शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए कुर्सियाँ और कंप्यूटर टेबल और क्षमता के आधार पर कंप्यूटर से सुसज्जित है। बेगस और देहमी कलां के स्कूलों में दो प्रयोगशालाएँ स्थापित की गई हैं। इसके अलावा दो अन्य प्रयोगशालाएँ सांझरिया और ठीकरिया में गाँव के स्कूलों में बनाई जा चुकी हैं, और वे ग्रीष्म अवकाश के बाद चालू हो जायेंगी।जयपुर के जिला शिक्षाधिकारी श्री देवी शंकर और सीबीईओ श्री राजेन्द्र बंसल ने स्थानीय विद्यालयों में शैक्षिक विकास के क्षेत्र में मणिपाल विश्वविद्यालय जयपुर की योगदान को सराहा और अपना धन्यवाद ज्ञापित किया।

इस शुभारंभ कार्यक्रमों के दौरान, महात्मा गांधी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, बेगस की प्रिंसिपल सुश्री पूनम यादव और महात्मा गांधी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, दहमी कलां की प्रिंसिपल सुश्री बरखा सैनी ने मणिपाल विश्वविद्यालय जयपुर और मणिपाल फाउण्डेशन का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर विद्यालय प्रशासन की तरफ से मणिपाल विश्वविद्यालय की उच्चाधिकारियों को भेंट स्वरूप स्मृतिचिह्न प्रदान किया गया। इस समारोह में मणिपाल विश्वविद्यालय जयपुर के संकाय सदस्यों, स्कूली छात्रों के अलावा स्थानीय ग्रामवासी भी बड़ी संख्या में मौजूद रहे।

Google search engine

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here