Home ताजा खबर एसबीआई लाइफ ने जयपुर में दिव्यांगों को चलने-फिरने में मदद करने के...

एसबीआई लाइफ ने जयपुर में दिव्यांगों को चलने-फिरने में मदद करने के लिए किया बीएमवीएसएस के साथ गठजोड़

0
Print

जयपुर, 08 अप्रैल 2024: एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, भारत की सबसे भरोसेमंद निजी जीवन बीमा कंपनियों में से एक, ने राजस्थान के जयपुर में अपनी पुनर्वास पहल के ज़रिये शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को चलने-फिरने (मोबिलिटी) में मदद करने के लिए श्री भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति (बीएमवीएसएस) के साथ गठजोड़ किया है। इस पहल का उद्देश्य है, दिव्यांगों को चलने-फिरने में मदद कर उन्हें सम्मान के साथ काम करने और जीवन जीने के लिए सशक्त बनाना।

एसबीआई लाइफ, इस पहल के तहत शारीरिक रूप से अक्षम 370 लोगों को कृत्रिम अंग प्रदान करेगी, उनके जीवन में बदलाव लाएगी और उन्हें चलने-फिरने में मदद करेगी। कृत्रिम अंगों की आवश्यकता बहुत अधिक है, विशेषकर उन व्यक्तियों के लिए जो जन्मजात परेशानी, दुर्घटना या बीमारी की वजह से शारीरिक विकलांगता का सामना कर रहे हैं। आवश्यक अंगों की अनुपस्थिति उनकी रोज़मर्रा की गतिविधियों, काम और सामाजिक जुड़ाव की क्षमता में काफी बाधा डाल सकती है। इस महत्वपूर्ण आवश्यकता को पहचानते हुए, बीएमवीएसएस ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए कृत्रिम अंग और कैलीपर लगाकर विकलांग व्यक्तियों के पुनर्वास की सुविधा के लिए एसबीआई लाइफ से समर्थन मांगा है।

एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस के क्षेत्रीय निदेशक-जयपुर, श्री योगेश शर्मा ने इस पहल के लिए सहायता राशि का चेक बीएमवीएसएस के संस्थापक और मुख्य संरक्षक को श्री डी आर मेहता को बीएमवीएसएस के सचिवों, श्री भूपेन्द्र मेहता और डॉ. दीपेंद्र मेहता की उपस्थिति में सौंपा।

इस साझेदारी के लाभार्थियों में ऐसे व्यक्ति शामिल हैं जिन्हें जन्म दोष, दुर्घटना, कैंसर, मधुमेह की परेशानी और पेरिफेरल आर्टरी रोगों जैसे विभिन्न कारणों से पैर से हाथ धोना पड़ा है। पुनर्वास प्रक्रिया में एक व्यापक दृष्टिकोण शामिल है, जो शारीरिक मूल्यांकन और परामर्श से शुरू होता है और इसके बाद आवश्यकता के अनुरूप कृत्रिम अंगों का निर्माण और प्रत्यारोपण होता है। मरीज़ों को चलने-फिरने और काम करने लायक बनने के लिए पुनर्वास के दौर से गुज़रना पड़ता है। इस दौरान उन्हें विभिन्न किस्म के काम करने और रोज़गार के अवसरों का लाभ उठाने के लिए सशक्त बनाया जाता है, जिससे दूसरों पर निर्भरता कम हो जाती है और उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता हासिल होती है।

यह पहल न केवल लोगों की तत्काल शारीरिक ज़रूरतों को पूरा करेगी बल्कि विकलांगता के बारे में सामाजिक पूर्वाग्रहों और गलत धारणाओं को भी चुनौती देगी। एसबीआई लाइफ और बीएमवीएसएस के बीच गठजोड़ का उद्देश्य है, उन्नत सहायक उपकरणों और पुनर्वास कार्यक्रमों में निवेश कर समावेश को बढ़ावा देना और वंचित विकलांग लोगों को अपना काम कर पाने की स्वतंत्रता हासिल करने के लिए सशक्त बनाना।

श्री भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति (बीएमवीएसएस) की स्थापना 1975 में हुई थी। यह संस्था पूरे देश में काम करती है और शारीरिक रूप से विकलांग लोगों को आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करती है। देश भर में 33 से अधिक शाखाओं के साथ, बीएमवीएसएस ने अब तक 21 लाख से अधिक लोगों का पुनर्वास किया है। यह संगठन अपने नवोन्मेषी दृष्टिकोण के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के सहयोग से “जयपुर नी” का विकास भी शामिल है, जिसे अमेरिका की टाइम मैगज़ीन ने दुनिया के 50 सर्वश्रेष्ठ आविष्कारों में से एक के रूप में मान्यता दी है।

एसबीआई लाइफ और बीएमवीएसएस, इस पहल के सफल क्रियान्वयन के साथ, अपेक्षाकृत अधिक समावेशी समाज को बढ़ावा देकर समाज में बदलाव लाना चाहते हैं, जहां दिव्यांग व्यक्ति सम्मान के साथ अपनी आकांक्षाओं को पूरा कर सकें।

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version