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विश्व तंबाकू निषेध दिवस आज; संकल्प और साइको थेरेपी के जरिए तंबाकू से छुटकारा पूर्णतः संभव

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08 राज्यों के 878 तंबाकू उपयोगकर्ता पर किया गया रिसर्च
साइको थेरेपी के जरिए 98.97 फीसदी लोगों ने पाया तंबाकू सेवन की लत से छुटकारा

जयपुर। दिव्यराष्ट्र/ तंबाकू की लत से छूटकारा पाने वाले अधिकांष लोग इसमें सफल नहीं हो पाते, लेकिन अगर उनकी इस लत को छोड़ने के संकल्प के साथ ही साइको थैरेपी भी जुड़ जाए तो इस लत से शतप्रतिशत छूटकारा पाया जा सकता है। यह तथ्य सामने आया भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल के टबैको सेसैषन क्लिनिक (टीसीसी) में किए गए शोध में। शोध में राजस्थान सहित ही उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, बिहार, गुजरात, नेपाल और पष्चिम बंगाल शामिल थे। पांच साल तक चले इस शोध में सामने आया कि तीन माह की साइको थैरेपी और एक साल के फॉलोअप के जरिए तंबाकू की लत को आसानी से छोड़ा जा सकता है। इस थेरेपी के सहयोग से लत का छोड़ने के लिए दवा पर निर्भर रहने की जरूरत भी नहीं रहती।

इन लक्षणों पर थेरेपी के जरिए हो रहा काम—
साइको ऑन्कोलॉजिस्ट प्रियसी सुरोलिया ने बताया कि शोध के दौरान देखा गया तंबाकू सेवन की आदत जब बन जाती है तो उसका छोड़ना उतना ही ज्यादा मुष्किल होता है। ऐसे लोगों में तंबाकू सेवन ना करने पर शरीर में कई तरह के बदलाव आते है, जिनकों दूर करने की दिषा में विषेष ध्यान देना जरूरी होता है। इन लक्षणों में नींद ना आना, गुस्सा आना, थकान, सर दर्द, पेट में भारी पन, कब्ज, चिड़चिड़ापन जैसे कई बदलाव शामिल है। इन बदलाव के आने पर व्यक्ति को साइको थेरेपी से राहत दिलाई जाती है।

तंबाकू उपयोग से जुड़े कुछ भम्र—
शोध के दौरान तंबाकू उपयोग के कारणों पर विस्तार से कार्य किया गया, इसमें सर्वोधिक कारण तनाव कम होना और पेट का साफ होना बताया गया। साइको ऑन्कोलॉजिस्ट प्रियसी सुरोलिया ने बताया कि तंबाकू सेवन से जुडे कई तरह के भ्रम लोगों में है। इसमें प्रमुख है “तंबाकू के सेवन से ही सुबह पेट साफ होता है“, “अगर कोई सालों से तंबाकू खा रहा हो तो छोड़ने पर उसे कैंसर हो जाता है“, “हुक्का पीने से कैंसर नहीं होता, इसमें तो पानी फिल्टर होकर आता हैै।“

कैंसर होने का डर भी बना प्रमुख कारण—
आमतौर पर तंबाकू को छोड़ने में के दौरान जब साइको थैरेपी दी जाती है तो उसके इस लत से छूटकारा पाने वालों की संख्या 35 से 58 फीसदी तक होती है, लेकिन बीएमसीएचआरसी के टबैको सेसैषन क्लिनिक में हुए इस शोध में यह संख्या 98.97 फीसदी रही। इसका प्रमुख कारण कैंसर होने या जिनमें यह रोग है उन्हें इसके दौबारा होने का डर भी था। पांच साल पहले शोध में रजिस्टर्ड रोगी आज भी तंबाकू से पूरी तरह दूरी बनाए हुए है।

ये रहे शोध के परिणाम—
= शोध में फरवरी 2019 से जनवरी 2024 के बीच 878 तंबाकू का सेवन करने वाले लोगों को शामिल हुए। इसमें कैंसर रोगी और उनके परिजन भी शामिल है।
= राजस्थान सहित ही शोध में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, बिहार, गुजरात, नेपाल और पश्चिम बंगाल के लोग शामिल किया हुए।
तंबाकू का सेवन करने वालों में 50 फीसदी लोग 35 से 55 वर्ष के थे।
तंबाकू के उपयोग में सबसे अधिक सेवन स्मोकिंग के तौर पर (सिगरेट, बीड़ी, हुक्का आदि) पर किया जाता है।
तंबाकू के उपयोग से 57 फीसदी लोगों को मुंह और गले का कैंसर, 16 फीसदी लोगों में छाती (थॉरैक्स) का कैंसर एवं साथ ही शरीर के अलग-अलग हिस्सों में कैंसर हुआ।
साइको थैरेपी के जरिए 98ण्97 फीसदी लोगों ने पाया तंबाकू सेवन की लत से छूटकारा।
साइको थैरेपी की वजह से लत का छोड़ने के लिए दवा पर निर्भर रहने की नहीं पडी जरूरत।

27 फीसदी कैंसर का कारण तंबाकू—
कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ तेज प्रकाश सोनी ने बताया कि तंबाकू का सेवन करने से लोगों में कई तरह के कैंसर होते है। इनमें सबसे प्रमुख कैंसर मुंह और गले का है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के अनुसार 27 फीसदी कैंसर का प्रमुख कारण तंबाकू हैं। वहीं राजस्थान में कैंसर हॉस्पिटल में पहुंचने वाले 50 फीसदी कैंसर रोगियों में तंबाकू सेवन की आदत देखी जाती है। तंबाकू के इतना हानिकारक होने के बावजूद भी तंबाकू के उपयोग में भारत विश्व स्तर पर दूसरे स्थान पर है। यही कारण है कि देश में हर साल 1 मिलियन वयस्कों की मृत्यु तंबाकू के उपयोग से हो रही है।

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