जयपुर, दिव्यराष्ट्र:/ भारत:वेदान्ता द्वारा प्रस्तुतजयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2026अपने अब तक के सबसे महत्वाकांक्षी संस्करण की तैयारियों के साथ पूरी तरह तैयार है। 15 से 19 जनवरी 2026 तक आयोजित होने वाला दुनिया का सबसे बड़ा निःशुल्क साहित्यिक उत्सव 300 से अधिक सत्रोंऔर 500 से अधिक वक्ताओंकी मेजबानी करेगा, यह मेहमान भारत समेत दुनिया के तमाम देशों से आएंगे। यह आयोजन फेस्टिवल के प्रतिष्ठित स्थलों—फ़्रंट लॉन, चारबाग़, सूर्य महल, दरबार हॉलऔरबैठक—में फैला होगा।इस वर्ष का कार्यक्रम साहित्य, इतिहास, राजनीति, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, जलवायु परिवर्तन, वैश्विक मामलों, कविता और प्रस्तुति-कला जैसे विविध विषयों को समेटे हुए होगा, जो दर्शकों के लिए एक जीवंत और बहुआयामी अनुभवों के पल रचेगा।
इस बार के साहित्यिक आकर्षण में नई, प्रभावशाली फ़िक्शन कृतियाँ और साहसिक, कथाएँ विशेष रूप से शामिल हैं।बुकर पुरस्कारविजेताकिरण देसाईअपनी चर्चित औरबुकर-सूचीबद्ध पुस्तक “द लोनलीनेस ऑफ़ सोनिया ऐंड सनी”परनंदिनी नायरके साथ संवाद करेंगी। यह उपन्यास वर्ग, नस्ल, आधुनिक प्रेम, पहचान और रोज़मर्रा की ज़िंदगी में छिपी शांत क्रांतिकारी संवेदनाओं का कोमल और व्यापक वर्णन है।गोपालकृष्ण गांधी, नारायणी बसुके साथ बातचीत में, अपनी पुस्तकों “द अन्डाइइंग लाइट”और “इंडिया ऐंड हर फ़्यूचर्स”पर चर्चा करेंगे—जो भारत की विभाजन से वर्तमान तक की यात्रा और भविष्य की अनिश्चित राहों पर बेहद तीक्ष्ण और व्यक्तिगत दृष्टि प्रस्तुत करती हैं।अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2025 की विजेताबानू मुश्ताकअपनी पुस्तक “हर्ट लैम्प”पर संवाद करेंगी, जो दक्षिण भारत की मुस्लिम महिलाओं की दुनिया के आंतरिक और मौन विद्रोहों की मार्मिक पड़ताल करती है।
देवेश कपूरतथाअरविन्द सुब्रमणियन, प्रेमिला नज़रेथ सत्याानंदके साथ अपनी पुस्तक “अ सिक्स्थ ऑफ़ ह्यूमैनिटी”के माध्यम से भारत के विकास, आर्थिक परिवर्तन और लोकतंत्र की यात्रा पर चर्चा करेंगे।साहित्य अकादमी पुरस्कारप्राप्त लेखिकाके. आर. मीरा, नंदिनी नायरके साथ अपने कथा-संसार पर बात करेंगी, जो सत्ता, इच्छा और स्त्री-अनुभव की सीमाओं को चुनौती देता है।वैश्विक सांस्कृतिक हस्तीस्टीफ़न फ़्राय, अनिश गवांडेके साथ बातचीत में अपनी कृति “अ बिट ऑफ़ फ़्राय”पर विचार साझा करेंगे—जो मंच, साहित्य, सिनेमा और हास्य-विद्या से जुड़े उनके बहुआयामी जीवन का बौद्धिक और चुटीला लेखाजोखा है।
शतरंज के दिग्गजविश्वनाथन आनन्दअपनी पुस्तक “लाइटनिंग किड”के ज़रिये एक ग्रैंडमास्टअर बनने की अपनी प्रारम्भिक प्रेरणाओं और अनुभवों की कहानी सुनाएँगे।
कार्यक्रम में अनेक अग्रणी अंतरराष्ट्रीय स्वर भी शामिल होंगे।पुलित्ज़र पुरस्कारविजेतापर्सिवल एवरट, चिकी सरकारके साथ वार्ता में अपनी पुस्तक “जेम्स”पर चर्चा करेंगे—जो “हकलबेरी फ़िन”की साहसिक और गहरी पुनर्कल्पना है।आध्यात्मिक मार्गदर्शक और लोकप्रिय लेखकगौर गोपाल दासअपनी पुस्तक “यू कैन हैव इट ऑल”के माध्यम से संतोष, महत्वाकांक्षा और सजग जीवन पर रोशनी डालेंगे।जानीमानीन्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर, नमिता देवीदयालके साथ अपनी नई पुस्तक “मिताहार”में भारतीय पारंपरिक भोजन के दर्शन और इतिहास पर बात करेंगी।प्रसिद्ध कॉमेडियनवीर दासअपनी आत्मकथा “द आउटसाइडर”के माध्यम से पहचान, व्यंग्य और संघर्ष पर विचार रखेंगे।बुकर पुरस्कारविजेतारिचर्ड फ़्लैनगनअपनी पुस्तक “क्वेश्चन 7” के ज़रिए स्मृति, इतिहास और अस्तित्व के संबंधों पर अपने विचार प्रस्तुत करेंगे।वेब के जन्मदातासर टिम बर्नर्स-लीअपनी कृति “दिस इज़ फ़ॉर एवरीवन”में वर्ल्ड वाइड वेब के जन्म, विकास और तकनीक के भविष्य को प्रभावित करने वाले नाजुक फैसलों पर बात करेंगे।
विकिपीडियाके सह-संस्थापकजिमी वेल्स, अपनी पुस्तक “द सेवन रूल्स ऑफ़ ट्रस्ट”पर संवाद में विश्वास, पारदर्शिता और मुक्त सहयोग पर बात करते हुए यह स्पष्ट करेंगे कि किस प्रकार डिजिटल माध्यम भविष्य को आकार देते हैं।आयरलैंड के पूर्व ताओसीखलियो वराडकर, जॉर्जिना गॉडविनसे बातचीत में अपनी पुस्तक “स्पीकिंग माई माइंड”के माध्यम से नेतृत्व, पहचान और सार्वजनिक जीवन पर स्पष्ट और अंतरंग दृष्टि साझा करेंगे।
उत्सव में दृश्यात्मक और काव्यात्मक कथा-विधाओं पर केंद्रित महत्त्वपूर्ण सत्र भी होंगे। योशितोकी ओइमा, उजान दत्ताऔरअबीयर कपूर, राधिका झाके साथ, मंगा और ग्राफ़िक नॉवेल की वैश्विक प्रभाव-धारा पर विचार करेंगे।कविता की सूक्ष्म और निपुण कला पर केंद्रित एक प्रेरक संवादऐलिस ऑसवाल्डऔरजीत थायिलके बीच होगा; उसके बादऑसवाल्ड, लीना खलाफ तुफ़्फ़ाहाऔरतमीम अल-बरघूतीद्वारा भू-दृश्य, स्मृति और प्रतिरोध पर आधारित एक सशक्त पाठ का आयोजन किया जाएगा।लेखिकामेघा मजूमदारअपनी जलवायु-संकट आधारित कृति “अ गार्डियन ऐंड अ थीफ़”पर निकट-भविष्य के कोलकाता में जीवित रहने और नैतिक जटिलताओं पर चर्चा करेंगी, जबकिआयन हिस्लोपअपनी प्रस्तुति “प्राइवेट आई”के माध्यम से तीक्ष्ण हास्य और राजनीतिक व्यंग्य सामने रखेंगे।
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2026 का कार्यक्रम साहित्य, इतिहास, राजनीति, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और कलाओं के व्यापक आयामों से परिपूर्ण है। नोबेल पुरस्कार विजेता, इतिहासकार और वैश्विक नवप्रवर्तक—एस्थर डुफ़लो, ऐन एप्पलबाम, स्टीफ़न ग्रीनब्लैट, टिम बर्नर्स-ली, फ़्रेड्रिक लॉगवॉल—के साथ-साथ भारतीय साहित्यिक जगत की प्रतिष्ठित हस्तियों—सुधा मूर्ति, अमिश, शोभा डे, प्रसून जोशी, नवतेज सरना, अनुराधा रॉय, जीत थायिल, अश्विन सांघी, गुरचरण दास, आनन्द नीलकंठन—की उपस्थिति इस आयोजन को और अधिक समृद्ध बनाती है।
उत्सव के विषयों को और विस्तार देने वाले अनेक संवाद एवं प्रस्तुतियाँ भी कार्यक्रम को सुदृढ़ करती हैं।रैमन मैगसेसे पुरस्कार 2025 की विजेतासेफ़ीना हुसैन, शिक्षा, समानता और सामाजिक परिवर्तन पर अपने अनुभव साझा करेंगी।कलाकार औरगूगल डीपमाइंडके शोध वैज्ञानिकअली इस्लामी, जेमिनीकी खोज, एजेंटिक और तर्क-क्षमता संबंधी प्रगति में अपने योगदान के आधार पर डिजिटल सृजनात्मकता तथा कला एवं उभरती प्रौद्योगिकियों के संगम पर महत्वपूर्ण दृष्टिकोण प्रस्तुत करेंगे।ये सभी विविध सत्र उत्सव की संवाद, प्रयोगशीलता और बहुविषयी आदान-प्रदान के प्रति निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
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जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का वक्तव्यसह-संस्थापक एवं उत्सव सह-निदेशक,नमिता गोखले ने कहा :
“जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2026में वही स्वाभाविकता और ऊर्जा है जिसने 2008 से अब तक हर संस्करण को विशिष्ट बनाया है। इतिहास और भविष्य, राजनीति और वर्तमान, तथा मनुष्य जीवन की बहुरंगी अनुभूतियाँ—गद्य, कविता, फ़िक्शन और डॉक्यूमेंट्री आख्यानों—के माध्यम से हमारे मंच पर आकार लेती हैं। हमारा उन्नीसवाँ संस्करणआर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंससे लेकर रहस्यमय—भूतहा कथाओं—तक विस्तृत विषयों को समाहित करता है। हमारे लिए कोई भी मानवीय अनुभव पराया नहीं है। हम अनेक भाषाओं में संवाद करते हैं और बहुभाषी विमर्श का उत्सव मनाते हैं—जापानी मंगा की दुनिया से लेकर भारत की बाइस राष्ट्रीय भाषाओं की विरासत तक।हम अपने ग्रह और उससे परे की विविधताओं से प्रेरित हैं। हम इस उत्साह को दुनिया के श्रेष्ठ लेखकों और उन आवाज़ों के साथ साझा करते हैं जो अभी खोजे जाने की प्रतीक्षा में हैं। जनवरी में दुनिया जयपुर आएगी और जयपुर दुनिया से मिलेगा।”
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जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल , सह-संस्थापक एवं उत्सव सह-निदेशक, विलियम डैलेरिम्पलने कहा :
“जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल अपने स्थापना-काल से ही साहित्यिक प्रतिभा, श्रेष्ठ विद्वत्ता और वैश्विक मानवीय चिंतन की सबसे रोमांचक धाराओं के संगम का मंच रहा है; और हमने हमेशा इन सबको उत्साह, बुद्धिमत्ता और विनोद के साथ प्रस्तुत किया है।हर वर्ष हम दुनिया की ओर एक और बड़ी खिड़की खोलने का प्रयास करते हैं, लेकिन 2026 का संस्करण संभवतः अब तक का हमारा सबसे महत्त्वाकांक्षी प्रयास होगा।हम दुनिया के कुछ सर्वश्रेष्ठ मस्तिष्कों—नोबेल पुरस्कार विजेताओं, अग्रणी वैज्ञानिकों, इतिहासकारों, दार्शनिकों, उपन्यासकारों, कवियों और कलाकारों—को एक ऐसे ‘जयपुरी पात्र’ में ला रहे हैं जहाँ विचार उबलते, मिलते और नया रूप लेते हैं।मुझे सबसे अधिक उत्साहित करती है संवादों की यह विलक्षण व्यापकता—पुनर्कल्पित क्लासिक्स से लेकर भू-राजनीति और एआई पर आवश्यक बहसों तक, उज्ज्वल कविता, साहसी नई फ़िक्शन और मानविकी की क्रांतिकारी अवधारणाओं तक।
जे.एल.एफ़. ने हमेशा इस बात का उत्सव मनाया है कि शब्द किस प्रकार हमारी दुनिया की समझ को आकार देते हैं—और इस साल, पहले से कहीं अधिक, दर्शक वह व्यापकता, गहराई और आश्चर्य अनुभव करेंगे जिसने इस उत्सव को एक अनोखी वैश्विक घटना बनाया है—दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण साहित्यिक महाकुंभ।”
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संजॉय के. रॉय, प्रबंध निदेशक, टीमवर्क आर्ट्स एवं निर्माता, जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल ने कहा :
“जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2026 हमारे उस सतत संकल्प का प्रतीक है जिसके तहत हम ऐसे मंच तैयार करते हैं जहाँ विचार जन्म लेते हैं, विकसित होते हैं और सीमाएँ पार करते हैं।
25 से अधिक देशों के वक्ताओं की उपस्थिति यह सिद्ध करती है कि यह उत्सव सांस्कृतिक विनिमय की शक्ति और सार्वजनिक विमर्श के स्थायी महत्व का आधार है।
इस वर्ष का कार्यक्रम साहित्य, इतिहास, विज्ञान, जलवायु, प्रौद्योगिकी, भू-राजनीति और कलाओं जैसे उन विषयों को एक साथ लाता है जो हमारे वर्तमान और भविष्य को आकार दे रहे हैं—और दर्शकों को आज के समय की सबसे महत्वपूर्ण वार्ताओं से जोड़ता है।
जे.एल.एफ़. हमेशा किसी एक उत्सव से अधिक रहा है—यह समुदायों का मिलन-स्थल है, रचनात्मक अभिव्यक्ति का उत्सव है और दुनिया को देखने की नई दृष्टि का निमंत्रण है।
हमें आशा है कि 2026 का कार्यक्रम नए क्षितिज खोलेगा, सोच को चुनौती देगा और हर आयु तथा पृष्ठभूमि के दर्शकों को प्रेरित करेगा।”
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जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2026 पाँच दिनों तक असाधारण संवादों, प्रस्तुतियों और रचनात्मक चिंतन का अवसर प्रदान करेगा—दर्शकों को सुनने, प्रश्न उठाने और मानवीय विचार व कल्पना की पूरी परिधि से जुड़ने का आमंत्रण देगा।