
मुंबई, दिव्यराष्ट्र*गणेश चतुर्थी का पर्व नजदीक आते ही ढोल-ताशों की गूंज, मोदक की महक और बप्पा को घर लाने की उमंग चारों ओर छा जाती है। सोनी सब के लोकप्रिय कलाकार—ऋषि सक्सेना, आशी सिंह, अभिषेक वर्मा और गरिमा परिहार—साझा कर रहे हैं कि अपनी खास यादें, अनोखे अंदाज़ और इस पावन पर्व का उनके जीवन में महत्व क्या है। बप्पा को श्रद्धा से घर लाने से लेकर प्रसाद का आनंद लेने तक, हर कलाकार का गणपति बप्पा से जुड़ा अपना भावपूर्ण रिश्ता है, जो त्योहार की रौनक को और बढ़ाता है।
इत्ती सी ख़ुशी में संजय का किरदार निभा रहे ऋषि सक्सेना ने बताया— “गणेश चतुर्थी मेरे लिए साल के सबसे प्रिय अवसरों में से एक है क्योंकि यह मेरे व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन को खूबसूरती से जोड़ देता है। मैं भले ही जयपुर से हूं, लेकिन मेरी पत्नी महाराष्ट्रीयन हैं और मैंने लंबे समय तक मराठी इंडस्ट्री में काम किया है, इसलिए मैंने इस त्योहार को सबसे प्रामाणिक रूप में जिया है। हम अपने अंदाज़ में इस पर्व का हिस्सा ज़रूर बनते हैं, और एक चीज़ जिस पर कभी समझौता नहीं होता, वह है उकडीचे मोदक! महाराष्ट्र में गणेशोत्सव का जोश, भक्ति और सांस्कृतिक गर्व मुझे बेहद पसंद है। एक ओर संगीत, ढोल और नृत्य होता है, तो दूसरी ओर गहरी आध्यात्मिक अनुभूति।”
इत्ती सी ख़ुशी में नंदिता का किरदार निभा रहीं गौरी टोंक ने कहा— “मुझे बप्पा का स्वागत करने की पूरी प्रक्रिया बहुत पसंद है—साफ-सफाई करने से लेकर मंडप को फूलों और रंगीन कपड़ों से सजाने तक। घर पर हम पारंपरिक और आधुनिक मिठाइयों का मिश्रण बनाते हैं। मोदक तो त्योहार के सितारे होते ही हैं, लेकिन हम पुरण पोली, खीर और चकली भी बनाते हैं, जिसका इंतज़ार पूरे परिवार को रहता है। सबसे खास यह होता है कि घर का माहौल जीवंत हो जाता है—रिश्तेदार, दोस्त और पड़ोसी आते रहते हैं और हंसी-ठिठोली, संगीत और बातचीत का सिलसिला चलता रहता है। चाहे जीवन कितना भी व्यस्त क्यों न हो, गणपति बप्पा का आगमन मुझे ठहरने, आभार जताने और अपने प्रियजनों के साथ खुशियां बांटने की याद दिलाता है।”
उफ़्फ़…ये लव है मुश्किल में कैरी का किरदार निभा रही आशी सिंह ने बताया— “हमने शुरुआत में बप्पा को सिर्फ तीन दिन के लिए रखा था, लेकिन अब यह बढ़कर पांच दिन का हो गया है क्योंकि यह खुशी इतनी जल्दी खत्म करना मुश्किल है। तैयारी पहले से ही शुरू हो जाती है—सजावट से लेकर पांचों दिनों के मेन्यू तक, यह परिवार के लिए रोमांच से भरा समय होता है। हर दिन की अपनी खास डिश और पल होते हैं, और हम बप्पा के भोग में कुछ न कुछ नया ज़रूर शामिल करते हैं। अगर मैं शूटिंग में व्यस्त न होऊं, तो मुझे खुद रसोई में जाकर भोग बनाना अच्छा लगता है, इससे मुझे त्योहार में अपना व्यक्तिगत योगदान देने का मौका मिलता है। इस साल तो और भी खास है क्योंकि मैं अपने उफ़्फ़…ये लव है मुश्किल परिवार को घर बुलाकर त्योहार मनाने के लिए उत्साहित हूं। बप्पा का आगमन घर को हंसी, उमंग और ऐसी ऊर्जा से भर देता है जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है।”
उफ़्फ़…ये लव है मुश्किल में शौर्य का किरदार निभा रहे अभिषेक वर्मा ने कहा— “गणेश चतुर्थी का समय पूरे शहर को जीवन से भर देता है। यह सिर्फ पूजा-पाठ तक सीमित नहीं, बल्कि हंसी, संगीत और आने वालों के साथ प्रसाद बांटने का पर्व है। सड़कों पर सजावट, रंग-बिरंगे नज़ारे और मुस्कुराते चेहरे देखना जादुई अनुभव होता है। मुझे विसर्जन की शोभायात्रा में शामिल होना बहुत अच्छा लगता है—‘गणपति बप्पा मोरया’ के जयकारों में जो आनंद है, उसका कोई मुकाबला नहीं। खाने की बात करें तो मुझे नारियल बर्फी और लड्डू बेहद पसंद हैं, प्रसाद की थाली आते ही मैं ज़रूर दूसरी बार लेता हूं!”
पुष्पा इम्पॉसिबल में दीप्ति परिख का किरदार निभा रहीं गरिमा परिहार ने बताया— “मेरे लिए गणेश चतुर्थी हमेशा से घर में रंग, खुशी और गर्माहट भरने वाला त्योहार रहा है। मुझे पसंद है कि कैसे यह त्योहार पूरे माहौल को बदल देता है—हवा में संगीत, मोदक की खुशबू और अपनों का साथ। इस साल मैं बप्पा का स्वागत और भी अधिक उत्साह के साथ करने जा रही हूं—अपनी मनोकामनाएँ रखने और उनके दिए आशीर्वाद के लिए आभार प्रकट करने के साथ।”