– जयपुर डायलॉग में शत्रुबोध पर मंथन का दूसरा दिन
– रविवार को समापन
जयपुर, दिव्यराष्ट्र। राष्ट्रवादियों के महाकुंभ जयपुर डायलॉग 2025 के तहत शत्रुबोध थीम पर दूसरे दिन भी विषय विशेषज्ञों ने विभिन्न मुद्दों को धारदार तरीके से उठाया। विभिन्न क्षेत्रों की नामचीन हस्तियों ने मुख्य रूप से फिल्म इंडस्ट्री में सनातन के विरोधी नैरेटिव, मूल्यों की रक्षा, अंतरराष्ट्रीय संबंध तथा दक्षिणी एशिया में लगातार विकसित हो रही भू राजनीतिक स्थिति तथा पाकिस्तान और चीन के बीच तेजी से बदल रहे संबंध तथा ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से शत्रु देश को दिए गए जवाब सहित पाकिस्तान -अमरीकी नजदीकियों को लेकर लेखक और विचारक आनंदरंगनाथन, प्रमुख फिल्म आलोचक राजेश कुमारसिंह, लेखक और राजनीतिक विश्लेषक शांतनु गुप्ता, शोध कथा और पूरा ऋतिक विश्लेषक विनोद कुमार, पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त उदय माहुरकर, गर्वित भारद्वाज और अनुपम मिश्रा ने सचेत रहने की जरूरत जताई।
तीसरे सत्र में लुटियंस वर्सेस नेशनलिस्ट who’s winning विषय पर सुशांत सिन्हा, आनंद नरसिंहमन, प्रदीप भंडारी भाऊ तोरसेकर और हर्ष कुमार ने लुटियंस मीडिया और राष्ट्रवादी मीडिया को लेकर भेदभाव और विपक्ष के मोदी विरोधी मिशन पर कड़े वार किए। वक्ताओं ने कहा कि आप समय बदल रहा है 11 साल में बहुत कुछ बदल चुका है भारत को हंगर इंडेक्स और हैप्पी इंडेक्स में पाकिस्तान जैसे देश से नीचे रखने वालों की चलें सामने आ रही है हमें हिम्मत दिखानी होगी।
लाफेयर शत्रुबोध सत्र में ज्यूडिशरी एक्टिविस्ट लॉयर्स एंड कोर्ट्स टारगेटिंग भारत विषय पर अयोध्या मामलों के वकील विष्णु शंकर जैन, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अश्वनी उपाध्याय, विजय सरदाना, सामाजिक कार्यकर्ता नाजिया इलाही खान और लेखक अजीत भारती ने न्यायपालिका की विसंगतियों को लेकर जमकर प्रहार किया। इस चर्चित सत्र का संचालन जयपुर डायलॉग के अध्यक्ष संजय दीक्षित ने किया।
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आई लव मोहम्मद v/s बुलडोजर
धर्म निरपेक्षता का अर्थ हिंदू देवी देवताओं को गाली देना नहीं है, लेकिन कुछ लोग हिंदू देवी-देवताओं को गाली निकालना स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति मानते हैं।ओपन माइक सेशन।में नाजिया, साहिल, नीरज अत्री ने कहा की देश में देखा जाए तो हाल के दिनों में आई लव मोहम्मद की घटना पर उत्तर प्रदेश सरकार का स्टैंड सही रहा है। वक्ताओं ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अधिकतर अवैध कार्य मुस्लिम समुदाय के लोग कर रहे हैं। बरसों से उनके अवैध कार्यों को देखते हुए बुलडोजर चलाना सही है। उन्होंने ममता बनर्जी पर तंज कसते हुए कहा कि घुसपैठियों और मुस्लिम मतदाताओं के भरोसे ही पश्चिम बंगाल की सरकार चल रही है। ओवैसी को आड़े हाथ लेते हुए कहा की वे गजवा-ए-हिंद और टुकडे टुकडे गैंग चला रहे हैं।
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कुछ पॉलिटिकल (बिहार)
जो लोग यह मानते हैं कि पड़ोस के देशों में सोशल मीडिया के चलते तख्तापलट हुआ है और भारत में भी होने वाला है, उनका यह कयास कतई गलत है। सैशन में भाऊ तौरसेकर, ओमकार चौधरी, बाबा रामदास और गणेश भाऊ ने कहा कि असल में नेपाल का राजनीतिक घटनाक्रम नेपो किड्स की वजह से हुआ है। भारत में विकास को देखते हुए और स्थाई व सुरक्षित सरकार के चलते सत्ता पलट के कोई असर नहीं है। हाल यह है कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी के कुनबे के लोग सत्ता के आसपास भी नहीं है। वह ना तो स्वयं भ्रष्टाचार कर रहे हैं ना ही करने दे रहे हैं। वक्ताओं ने तेजस्वी यादव के उस बयान को हास्यास्पद बताया जिसमें पौने तीन करोड लोगों को नौकरी देने की बात कही है। उन्होंने कहा कि बिहार के 90 के दशक में नरसंहार होता था। नरसंहार संगठित अपराध था, जबकि अपहरण उद्योग बन गया था। आज जबकि zen z इसे नेटफ्लिक्स सीरीज की तरह मान रही है, तब संभावित खतरों को देखते हुए सतर्क रहना चाहिए।
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वाट वास मोदी चेंज इन 11 ईयर
सेशन में सभी वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि प्रिंट मीडिया की ताकत अभी बनी हुई है। क्योंकि किसी भी घटना, दुर्घटना या योजना का सबसे बड़ा और पुष्ट डाटा सिर्फ प्रिंट मीडिया के पास होता है। इतना बड़ा डाटा फिलहाल सोशल मीडिया पर कहीं उपलब्ध नहीं होता है।
सेशन में अभिषेक तिवारी, शेफाली वैद्य, आनंद रंगनाथन और प्रखर श्रीवास्तव ने कहा कि आईपीएस और आईएएस की तरह जज की भी ट्रेनिंग होनी चाहिए, इसके अभाव में कॉलेजियम जैसे शरिया बन गया है।
देश में कुछ लोग संविधान के समानांतर दूसरा कानून चलाने की कोशिश कर रहे हैं। हाल यह है कि नाबालिग़ हिंदू लड़की को भगाकर ले जाते है और निकाह कर नाम बदल देते हैं। इससे वह मुस्लिम हो जाती है और उस पर शरिया लागू हो जाता है। तब दुनिया का सबसे बेहतर कानून पोक्सो एक्ट बेकार हो जाता है। देश में विकास के लिए वक्फ जैसी मनमानी संस्थाओं को खत्म करना होगा। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत में जहां दीपावली की रात कांचीपुरम के मठ से शंकराचार्य को घसीट कर बाहर निकाला गया था उसी तरह कर्नाटक में संघ की शाखा पर भी रोक लगाई। सबसे अधिक सरकारी योजनाओं का लाभ लेने वाले लोगों का अल्पसंख्यक आयोग यह भी नहीं बतात कि मुस्लिम समाज के लोग कितनी योजनाओं का लाभ उठा रहे है। जबकि वह दुनिया भर में जाकर बदहाली का रोना रोते रहते हैं।
Reservation above 50%-good, bad, ugly
सैशन में धर्म के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था संविधान में नहीं है, लेकिन लोग लेना चाहते हैं। पश्चिम बंगाल और कर्नाटक में मुसलमानों को ओबीसी का आरक्षण देकर वोट बैंक की राजनीति की जा रही है। सेशन में विष्णु शंकर जैन, पंकज सक्सेना और अजीत भारती ने कहा कि डॉ भीमराव अंबेडकर भी अंतिम दिनों में कन्वर्ट हुए, जबकि मायावती, कांशीराम और रावण आदि सब राजनेता बौद्ध धर्म की बातें करते रहे, लेकिन हिंदू धर्म नहीं छोड़ा। असल में बौद्ध धर्म में जाने पर आरक्षण का लाभ खत्म हो जाता है। जबकि उच्च पदों पर बैठे लोग दलित का लेबल चिपका कर बैठे हैं। वे देवी देवताओं को भले ही गाली देते हैं, लेकिन हिंदू धर्म भी नहीं छोड़ते हैं। इनका विजन भी क्लियर नहीं है। दलित जब अमीर बन जाता है तो वह अपने समाज ले लोगों का साथ छोड़कर स्वर्ण समाज के साथ बैठने लगते है।