मोहम्मद रफी के शताब्दी वर्ष पर भव्य संगीत समारोह का आयोजन
जयपुर, दिव्यराष्ट्र:/ मोहम्मद रफ़ी के शताब्दी वर्ष पर रंगोली गार्डन क्लब में एक भव्य संगीत समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में रंगोली गार्डन कराओके क्लब के गायकों ने रफ़ी साहब के चाहने वालों ने उनकी अमर गायकी को याद करते हुए उनके नगमों की प्रस्तुतियां दी।
इस सुरमई शाम में एस. एल. सिंगल की प्रस्तुति “ओ दुनिया के रखवाले”, पी. एन. माथुर ने “ऐ फूलों की रानी”, जे. पी. मल्होत्रा ने “मुझे दर्द-ए-दिल का पता ना था” अजय धीमान ने “मुझे इश्क़ है तुम्ही से” प्रस्तुत किया।
इसके बाद कई कलाकारों ने स्वर्णिम युग के गीतों को अपनी आवाज़ से जीवंत कर दिया।
राजेन्द्र वांचू ने मस्तीभरे अंदाज में “मैं जट्ट यमला पगला दीवाना” के साथ, विशाल सक्सेना ने “मैंने पूछा चाँद से” गाकर दर्शकों को रोमांस की दुनिया में पहुँचा दिया।
ड्यूएट सोंग्स में मधुलिका लीला और ललित शर्मा की प्रस्तुति “ये परदा हटा दो” तथा
मधुलिका और गरिमा का “हँसता हुआ नूरानी चेहरा” विशेष आकर्षण रहा।
गरिमा श्रीवास्तव और ललित शर्मा ने ऊर्जा से भरा “आजा आजा मैं हूँ प्यार तेरा” प्रस्तुत किया।
रवीन्द्र जैन और दिव्या ने “के जान चली जाए” और “पत्ता पत्ता बूटा बूटा”, मोनिका त्रिवेदी ने “रोज़ रोज़ आँखों तले” गाकर दिल जीत लिया,जबकि उमा सरन ने पुराने जमाने का तड़का लगाया अपने गीत “बाबूजी धीरे चलना” से।
वी. के. एस. निरवान ने “वादिया मेरा दामन” प्रस्तुत किया। साथ ही देवराज पांडे, स्वेता प्रकाश, और अंत में राकेश जोशी ने भी अपनी प्रस्तुतियों से श्रोताओं को खासा एंटरटेन किया।
क्लब के एस. एल. सिंगल ने बताया कि संगीत की दुनिया में मोहम्मद रफी के काम की शब्दों में व्याख्या करना हमारे बस की बात नहीं है। उन्होंने रफ़ी साहब के व्यक्तित्व और संगीत के प्रति उनकी निष्ठा को याद करते हुए कहा कि रफ़ी केवल एक गायक नहीं, बल्कि एक युग थे, जिनकी आवाज़ आज भी लाखों दिलों में जीवित है।